मिलेनियम सिटी बढ़ते प्रदूषण को लेकर अक्सर चर्चाओं में रहती है। शहर में प्रदूषण को कम करने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में अब एक नई पहल की गई है। प्रदूषण नियंत्रण को लेकर प्रभाभी इंतजाम करने के लिए शहर की दूषित हवा में मौजूद प्रदूषण के कणों पर अनुसंधान किया जाएगा। इसके आधार पर यह पता लगाया जाएगा कि हवा में मौजूद प्रदूषण के कण किस श्रेणी के हैं। इन कणों को शहर की सड़कों पर गत दिनों गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) और एक निजी कंपनी द्वारा मिलकर लगवाए गए एयर प्यूरिफायर से इकट्ठा किया जा रहा है। यह अनुसंधान राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (नीरी) करेगा।
जीएमडीए अधिकारियों के मुताबिक शहर की सड़कों पर बढ़ती वाहनों की संख्या, निर्माण साइटों पर नियमों की पालना न होने सहित धूल उड़ने और कूड़ा जलने के अलावा कई अन्य कारणों से प्रदूषण फैलता है। बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों का स्वास्थ्य लगातार बिकड़ता जा रहा है। प्रदूषण नियंत्रण के लिए सभी सरकारी विभाग अपने-अपने स्तर पर काम भी करते हैं। बावजूद उसके प्रदूषण के स्तर में कमी ला पान बड़ी चुनौती बना रहता है। नियंत्रण के इंतजामों को और प्रभावी बनाने के लिए अब नई योजना तैयार की जा रही है। अधिकारियों के मुताबिक इसके लिए पहले शहर की हवा में मौजूद प्रदूषण के कणों पर अनुसंधान किया जाएगा। नीरी अनुसंधान करके यह पता लगाएगा कि शहर की हवा में जो प्रदूषण के कण मौजूद हैं, उनमें सर्वाधिक कण किस चीज के हैं। ये पता चलने के बाद उस चीज से फैलने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए और सख्ती से और प्रबलता से काम किया जाएगा। जिससे कि प्रदूषण के उस कारण को खत्म किया जा सके और शहर की हवा को वह जहरीला न बनाए।
संबंधित विभागों को सौंपी जाएगी जिम्मेदारी
अधिकारियों ने अनुसार जिन भी इलाके में लगे एयर प्यूरिफायर से इन कणों को इकट्ठा किया जाएगा, अनुसंधान की रिपोर्ट आने के बाद उस इलाके से संबंधित विभाग को प्रदूषण कम करने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इसके लिए टास्क फोर्स भी बनाई जाएंगी। अधिकारियों ने बताया कि सड़कों पर जो एयर प्यूरिफायर लगवाए जा रहे हैं, उनमें फिल्टर लगे हुए हैं। जिनमें प्रदूषण के कण इकट्ठे हो जाते हैं। एक सप्ताह या दस दिन में इन फिल्टरों को बदला जाएगा। ऐसे में पहले से लगे फिल्टर को सावधानी से रखकर उसे नीरी को भेजा जाएगा। वहां उसमें मौजूद प्रदूषण के कणों को निकाल कर उसपर अनुसंधान होगा।
20 स्थानों पर लगने हैं 60 प्यूरिफायर
शहर की जहरीली आबोहवा को साफ बनाने के लिए 20 स्थानों पर 60 एयर प्यूरिफायर लगाए जाने हैं। इसके लिए जीएमडीए ने एक निजी कंपनी के साथ समझौता किया है। कंपनी पहले चरण में आधा दर्जन स्थानों पर करीब 20 एयर प्यूरिफायर लगा चुकी है। बाकी प्यूरिफायर लगाने का काम भी चल रहा है। अधिकारियों के अनुसार एक एयर प्यूरिफायर करीब 500 मीटर दायरे में फैली दूषित हवा को साफ करता है।
11 नवंबर को मुख्यमंत्री ने किया था उद्धाटन
एयर केयर प्रोजेक्ट के तहत मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 11 नवंबर को एयर प्यूरिफायर का उद्घाटन किया था। उस समय कंपनी ने सिकंदरपुर मेट्रो स्टेशन के पास, सेक्टर-44/45 के सिग्नल और सेक्टर-44 स्थित जीएमडीए कार्यालय में एयर प्यूरिफायर लगाए थे। अब इफको चौक पर भी ये प्यूरिफायर लगाए जा चुके हैँ। इसके अलावा विभाग ने इन्हें लगाने के लिए राजीव चौक, साईबर सिटी, हुडा सिटी सेंटर और जेनपैक्ट चौक का भी चयन किया है। बाद में सेक्टर-17/18 औद्योगिक क्षेत्र, हीरो होंडा चौक, सेक्टर-37 औद्योगिक क्षेत्र और उद्योग विहार में भी एयर प्यूरिफायर लगवाने की योजना है।
प्रदूषण नियंत्रण के इंतजामों को प्रभावी बनाने के लिए एयर प्यूरिफायर में इकट्ठे हुए प्रदूषण के कणों पर अनुसंधान किया जाना है। बीते 20 दिनों में जो प्रदूषण के कण इकट्ठे हुए हैं, उनकी जांच कराने के लिए प्यूरिफायर में लगे फिल्टर को निकालकर भिजवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान जांच के बाद अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।
-सुभाष यादव, प्रमुख, अर्बन एनवार्यमेंट जीएमडीए