प्रदूषित हवा में श्वास लेने के आदी मिलेनियम सिटी के लोग
मिलेनियम सिटी के लोग सामान्य से तीन गुणा ज्यादा प्रदूषण में श्वास लेने के आदी है। इसी वजह से बच्चों को कम उम्र सांस की बीमारी का शिकार हो रहे है। आमतौर पर रोजाना शहर के सभी अस्पतालों में दौ से ज्यादा...
गुरुग्राम। कार्यालय संवाददाता
मिलेनियम सिटी की आबोहवा खतरनाक स्तर तक प्रदूषित हो गई है। इससे लोग सामान्य से तीन गुणा ज्यादा प्रदूषण में श्वांस लेने को मजबूर हैं। प्रदूषण नियंत्रण विभाग के आंकड़ों की मानें तो वैसे तो सप्ताह के सातों दिन शहर की आबोहवा में प्रदूषण काफी ज्यादा रहता है, मगर हफ्ते में पांच दिन हालात बहुत ही खराब होते हैं।
नतीजतन बच्चों को कम उम्र में ही श्वांस संबंधी बीमारियां हो रही हैं। आमतौर पर रोजाना शहर के सभी अस्पतालों में दौ से ज्यादा मरीज आबोहवा खराब होने के कारण हुई बीमारी के इलाज के लिए डॉक्टर के पास आते हैं।
सप्ताहांत में मामूली सुधार
प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अनुसार शहर की आबोहवा में सोमवार से शुक्रवार तक पीएम 2.5 का स्तर 200 से 250 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रहता है, जबकि हवा में पीएम 2.5 का स्तर 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक नहीं होना चाहिए। अगर लोग इस आबोहवा में सांस लेते हैं तो वह निश्चित तौर पर बीमारियों का शिकार होते है। जबकि शनिवार-रविवार को हवा में प्रदूषण की मात्रा कुछ कम होती है और पीएम 2.5 का स्तर 150 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रहता है।
हर साल दस फीसदी मरीज बढ़ रहे
डॉ.अरूनेश पुल्मो ने बताया कि शहर की आबोहवा खराब होने के कारण ज्यादातर लोग कम उम्र से ही बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। इसके कारण हर साल दस प्रतिशत मरीजों की संख्या बढ़ रही है। आबोहवा खराब होने के कारण सांस,त्वचा,फेफडों,कम उम्र में बाल सफेद हो जाना सहित कई बीमारियां फैल रही हैं। ऐसे में यह बीमारियां और बढ़ेगी, जिससे लोगों को परेशानी होगी।
अरावली बचे तो आबोहवा अच्छी हो
पर्यावरणविद् विवेक कंबोज ने बताया कि पिछले चार साल में हजारों पेड़ वन विभाग की ओर से अनुमति देकर विकास के नाम पर कटवाए गए हैं, लेकिन इतने पेड़ तैयार नहीं किए जा सके। वहीं इसके कारण और औद्योगिक व अन्य समस्याओं के कारण शहर की हवा प्रदूषित रहती है। अरावली को बचाने के लिए प्रयास करने होंगे। इससे दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा सही रह सके।
काटे गए पेड़
2015-16 2276
2016-17 7221
2017-18 7551
कोट:
आमतौर पर शहर का प्रदूषण सामान्य से तीन गुना ज्यादा रहता है। आबोहवा खराब होने के कई कारण है। ऐसे में लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है।
जयभगवान शर्मा, जिला क्षेत्रीय अधिकारी,प्रदूषण नियत्रंण बोर्ड