एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल से मरीज हलकान
नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के तहत लगे कर्मचारी सोमवार से हड़ताल पर चले गए हैं। साथी कर्मचारियों को नौकरी से निकले जाने पर 650 कर्मचारी हड़ताल पर बैठ गए। हड़ताल के जरिए कर्मचारियों को दोबारा से नौकरी...
नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के तहत लगे कर्मचारी सोमवार से हड़ताल पर चले गए हैं। इसका असर एंबुलेंस सेवा, नीकू वॉर्ड, गायनी वॉर्ड, सीएचसी और पीएचसी पर पड़ा है। मरीज दिनभर हलकान रहे।
साथी कर्मचारियों को नौकरी से निकले जाने पर 650 कर्मचारी हड़ताल पर बैठ गए। हड़ताल के जरिए कर्मचारियों को दोबारा से नौकरी पर रखने की मांग की गई है। एनएचएम हड़ताल का असर केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी के दौरे पर भी पड़ा। प्रोटोकॉल के अनुसार केंद्रीय मंत्री को स्वास्थ्य विभाग की ओर से सरकारी ऐंबुलेंस दी जाती है। लेकिन कर्मचारियों के हड़ताल पर होने के कारण केंद्रीय मंत्री के काफिले के लिए निजी एंबुलेंस भेजी गई।
एनएचएम के प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारी हरिराज ने बताया कि एक महीने में विभाग ने 4 कच्चे कर्मचारियों को बाहर कर दिया है। उनका कॉन्ट्रेक्ट रिन्यू नहीं किया गया। स्वास्थ्य विभाग गलती छिपाने के लिए कर्मचारियों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है।
टोल फ्री नंबर नहीं उठा
हड़ताल के चलते सरकारी ऐंबुलेंस सेवा पूरी तरह से बंद रही। जिसके कारण टोल फ्री नंबर 108 पूरे दिन नहीं उठाया गया। हड़ताल के बाद टोल फ्री नंबर पर करीब 800 फोन आए। लेकिन किसी मरीज को एंबुलेंस नहीं मिली।
निजी एंबुलेंस का सहारा
स्वास्थ्य विभाग ने एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल के बाद निजी एंबुलेंस का सहारा लेने का निर्णय किया है। जिला नागरिक अस्पताल के प्रबंधक डा़ मनीष राठी ने निजी एंबुलेंस एसोसिएशन को एंबुलेंस उपलब्ध कराने के लिए कहा है। हड़ताल के चलते 17 अप्रैल से 15 एंबुलेंस तैयार रहेंगी।
नीकू वार्ड में भर्ती नहीं हुए मरीज
एनएचएम कर्मचारियों के चलते नीकू वार्ड में नए मरीजों को भर्ती नहीं किया गया। यहां पहले से भर्ती 15 बच्चों में से 3 को सफदरजंग हॉस्पिटल रैफर कर दिया गया। 4 को डिस्चार्ज और बाकी सामान्य मरीजों को स्टाफ नर्स के हवाले रखा गया है। अस्पताल के मुताबिक स्टाफ नर्स बच्चों की देखभाल के लिए योग्य नहीं है। इसके अलावा हड़ताल का असर गायनी पर भी पड़ा है।