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निजी अस्पताल पर इलाज में लापरवाही का आरोप

मेदांता अस्पताल में इलाज के दौरान लापरवाही बरतने का मामला सामने आया है। पीड़ित परिवार द्वारा कई जगह अस्पताल की लापरवाही के खिलाफ शिकायत दी गई। लेकिन उसके बावजूद अस्पताल के खिलाफ कारवाई करना,तो दूर...

निजी अस्पताल पर इलाज में लापरवाही का आरोप
हिन्दुस्तान टीम,गुड़गांवSat, 29 Sep 2018 08:57 PM
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शहर के एक बड़े निजी अस्पताल में इलाज के दौरान लापरवाही बरतने का मामला सामने आया है। पीड़ित के परिजनों ने सीएम विंडो पर शिकायत दर्ज कराने के बाद स्वास्थ्य मंत्री से भी मुलाकात की। लेकिन इस मामले में अभी तक जांच भी शुरू नहीं हुई। शनिवार को प्रेसवर्ता में परिजनों ने अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाए।

दिल्ली के शालीमार बाग निवासी अमित सैनी ने बताया कि दो अगस्त को उन्होंने अपने पिता चंद्रभान सैनी (62) को छाती में दर्द के चलते अस्पताल में भर्ती कराया था। डॉक्टर ने उन्हें ओपन हार्ट सर्जरी करने की बात कही थी। पूरे पैकेज के 6 लाख 65 हजार रुपये भी जमा किए।

डॉक्टर ने बताया था कि 3-4 दिन में मरीज बोलने लायक स्थिति में हो जाएगा। लेकिन 6-7 दिन बीत जाने के बाद भी कोई बदलाव नहीं आया। फिर डॉक्टरों ने बताया कि मरीज की किडनी काम नहीं कर रही। फेफड़ों में पानी भरने की बात कही गई। अंत में ब्रेन में क्लोटिंग की बात सामने आई।

31 अगस्त को उन्हें आईसीयू से एचडीयू में शिफ्ट किया। शिफ्ट करते समय पता चला कि पीड़ित की पीठ में करीब डेढ़ इंच गहरा घाव हो गया है। इस पूरे इलाज के लिए अस्पताल ने करीब 10 लाख रुपये वसूल लिए। अभी भी वह भर्ती हैं। 24 लाख रुपये का बिल बकाया है। उधर, पीएमओ डॉक्टर दीपा जाखड़ ने बताया कि इस संबंध में दस्तावेज उनके पास पहुंचे हैं। सोमवार को जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

मंत्री से मिले : अमित सैनी ने बताया कि 21 सितंबर को स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से मुलाकात की। मंत्री ने उन्हें तीन के भीतर कमेटी बनाकर जांच पूरी करने का आश्वासन दिया था। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

आरोप निराधार : अस्पताल के प्रवक्ता ने बताया कि मरीज की एरोटा की सर्जरी कर उसे रिप्लेसमेंट किया गया था। देश के चुनिंदा अस्पतालों में ही यह सर्जरी होती है। 20 दिनों से मरीज के परिजन अस्पताल में डॉक्टर से नहीं मिलने आए। उनसे बार-बार संपर्क किया जा रहा है। परिजनों द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं।

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