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लापरवाही में निगमायुक्त को नोटिस

प्रदेश सरकार ने नगर निगम गुरुग्राम (एमसीजी) के प्रदर्शन को कमजोर आंका है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर एमसीजी आयुक्त को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जिसका जवाब 15 दिन के भीतर देने के आदेश दिए गए...

लापरवाही में निगमायुक्त को नोटिस
हिन्दुस्तान टीम,गुड़गांवSat, 10 Nov 2018 07:40 PM
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एसएमजीटी पर आई शिकायतों की अनदेखी और निर्णय लेने में देरी निगम को महंगी पड़ गई। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से निगम आयुक्त को 5 नवंबर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। आयुक्त से इस संबंध में 15 दिन में जवाब मांगा गया है।

गौरतलब है कि पिछले दिनों एसएमजीटी (सोशल मीडिया ग्रीवांस ट्रैकर), सीएम विंडो और हरपथ की शिकायतों को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बैठक की थी। इसमें नगर निगम गुरुग्राम की ओर से हरपथ एप और सीएम विंडो की शिकायतों के निपटारे को लेकर प्रदर्शन निराशाजनक पाया गया। मुख्यमंत्री के निर्देश पर नोटिस जारी किया गया। इसमें कहा गया है कि पिछले दिनों वीडियो कॉन्फ्रेंस (वीसी) में दिए गए निर्देंशों की पालना नहीं की गई। इसके अलावा एसएमजीटी के नोडल अफसर के आदेश के बाद भी एसएमजीटी पर आई शिकायतों की समीक्षा नहीं की गई। शिकायमों के निस्तारण के लिए एमसीजी ने कोई कदम भी नहीं उठाए।

इन मामलों में अनदेखी की गई

नगर निगम गुरुग्राम के आयुक्त को जिन शिकायतों का निपटारा न करने के कारण नोटिस जारी किया गया है, उनमें अधिकतर बुनियादी सुविधाएं शामिल हैं। इन शिकायतों में प्रमुख शिकायत सार्वजनिक शौचालय को लेकर थी। सार्वजनिक शौचालय को लेकर 11 जून को शिकायत की गई थी। 72 घंटे के नियम का पालन करना तो दूर कई माह में इस शिकायत का निस्तारण नहीं हुआ। इसके अलावा अवैध कब्जे, पार्क की सफाई, सड़क पर अतिक्रमण और दूसरी जगह पर अतिक्रमण की शिकायत भी थी, जिसका निपटारा नहीं हुआ।

आदेश के बावजूद वीसी में नहीं पहुंचे अफसर

नगर निगम गुरुग्राम को दो अगस्त को हुई वीडियो कॉन्फ्रेंस (वीसी) में आदेश दिए गए थे कि वीसी में अधिकारी हर सूरत में उपस्थित रहें। इसके बावजूद 18 सितंबर को हुई बैठक में नगर निगम की ओर से अधिकारी ने भाग नहीं लिया। सूत्रों के मुताबिक नोटिस में इसका भी उल्लेख किया गया है। इसमें कहा गया है कि आदेश के बावजूद अतिरिक्त मुख्य सचिव राकेश गुप्ता की अध्यक्षता में हुई वीसी में 18 सितंबर को निगम अधिकारी नहीं पहुंचे। मालूम हो कि इस मामले पर करीब दो माह पहले नोटिस जारी किया गया था।

हरपथ, सीएम विंडो और एसएमजीटी की शिकायतों का तत्काल निस्तारण किया जा रहा है। कई शिकायतें नगर निगम क्षेत्र से बाहर की मिल रहीं हैं। इनके बारे में उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। एमसीजी क्षेत्र से बाहर की शिकायतें होने से उनका निपटारा नहीं हो पाता है।

यशपाल यादव, आयुक्त (नगर निगम गुरुग्राम)

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