डॉक्टरों पर हमलों के विरोध में आईएमए ने किया प्रदर्शन
मरीज की मृत्यु के बाद परिजनों द्वारा डॉक्टरों पर किए जाने वाले हमलों के...
मरीज की मृत्यु के बाद परिजनों द्वारा डॉक्टरों पर किए जाने वाले हमलों के विरोध में शुक्रवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के आह्वान पर चिकित्सकों ने विरोध प्रदर्शन किया। जिले में यह प्रदर्शन शुक्रवार सुबह सात बजे सेक्टर-29 स्थित लेजर वैली पार्क की पार्किंग में किया गया। इस दौरान डॉक्टरों ने हाथों में तख्तियां लेकर डॉक्टरों पर हो रहे हमलों को रोकने और उन्हें इस तरह की घटनाओं से बचाने के लिए 'सेव दी सेवियर्स' मुहिम चलाई। इस दौरान चिकित्सकों ने केंद्र सरकार से स्वास्थ्यकर्मियों के लिए केंद्रीय सुरक्षा अधिनियम की मांग की।
आईएमए की जिला प्रधान डॉ. वंदना नरूला ने कहा कि आईएमए स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ हिंसा पर जीरो टॉलरेंस की मांग करती है। कोविड महामारी में संक्रमण से लगभग 1500 डॉक्टरों की मौत हो गई है। डॉक्टर अपनी परवाह किए बिना मरीजों को बचाने में जुटे रहते हैं। तमाम प्रयासों के बावजूद यदि मरीज की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिजनों द्वारा चिकित्सकों से साथ की जाने वाली मारपीट की घटनाएं काफी निंदनीय हैँ। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों के लिए एक केंद्रीय सुरक्षा अधिनियम बनना चाहिए जिससे जो कोई भी डॉक्टर पर हमला करे या अस्पताल में संपत्ति तोड़े, उसे गैर-जमानती आरोपों के तहत गिरफ्तार किया जाए। जिला सचिव डॉ. सारिका ने कहा कि इसी मांग को लेकर शुक्रवार को लेजर वैली पार्क के बाहर चिकित्सक एकत्रित हुए। इस दौरान काले मास्क और सफेद कोट पहनकर डॉक्टरों की स्थिति के बारे में जागरूकता पैदा की गई। उन्होंने कहा कि 88 फीसदी डॉक्टर अपने कार्यस्थल पर हिंसा से डरते हैं और हर मौत अस्पताल में तनाव का कारण बन जाती है। कोई भी यह सुनिश्चित नहीं कर सकता है कि सभी मरीज जीवित रहेंगे और यह समझना महत्वपूर्ण है कि डॉक्टर बहुत कठिन काम कर रहे हैं। सभ्य समाज में हिंसा की कोई भूमिका नहीं होती। ऐसे में सरकार को डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए कड़े फैसले लेने की जरूरत है।