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गुरुग्राम की देवांशी ने 24 घंटे स्केटिंग कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया

गुरुग्राम की बेटी ने खेल प्रतिभा के दम पर गिनीज बुक में नाम दर्ज कराया है। बेलगांव कर्नाटक में लगातार 24 घंटे स्केटिंग कर दिव्यांशी ने वर्ल्ड रिकार्ड बनाया है। रॉल बॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया और आईबीएफ की...

गुरुग्राम की देवांशी ने 24 घंटे स्केटिंग कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया
हिन्दुस्तान टीम,गुड़गांवSun, 02 Sep 2018 08:55 PM
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गुरुग्राम की एक बेटी ने बेलगांव (कर्नाटक) में 24 घंटे स्केटिंग कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। इस उपलब्धि के बाद उसका नाम गिनीज बुक में दर्ज कर लिया गया है। उसे बीते दिन ही प्रमाणपत्र मिला है।

दरअसल, देवांशी पुराने मेहरौली रोड स्थित गणपति हाइट्स की रहने वाली हैं। वे सेक्टर-9 स्थित राजकीय महाविद्यालय से बीसीए अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रही हैं। रॉल बॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से 18 मई 2018 में बेलगांव (कर्नाटक) में स्केटिंग प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। इसमें हिस्सा ले रहीं देवांशी ने लगातार 24 घंटे तक स्केटिंग किया। इस दौरान 20 कैमरों और ड्रोन के जरिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड की टीम निगरानी करती रही। खिलाड़ी के लगातार 24 घंटे स्केटिंग करने के बाद गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड के लिए दावेदारी की गई। इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड ने स्वीकृति दे दी। महज 20 वर्ष की आयु में देवांशी ने यह खिताब हासिल किया है।

कॉलेज प्रबंधन सम्मानित करेगा

छात्रा की उल्लेखनीय उपलब्धि पर कॉलेज में भी हर्ष का माहौल है। इस पर विद्यालय प्रबंधन छात्रा को सम्मानित करेगा। इसके लिए जल्द कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुरेश धनेरवाल ने कहा कि दूसरे विद्यार्थियों को भी खेल के प्रति जागरूक करेंगे। इसके लिए कॉलेज की छात्रा के स्केटिंग शुरू करने से लेकर गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने के सफर की जानकारी भी देंगे ताकि दूसरे विद्यार्थी प्रेरणा लें।

यह उपलब्धि भी छात्रा के नाम

राष्ट्रीय स्तर पर देवांशी का फ्री स्टाइल स्केटिंग में दबदबा रहा है। राष्ट्रीय फ्री स्टाइल स्केटिंग 2017-18 में उसने स्वर्ण पदक जीता था। इसके अलावा ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी स्केटिंग प्रतियोगिता 2017-18 में भी उसने स्वर्ण पदक जीता था। इसके अलावा एशियन चैंपियनशिप 2014 में छठवें स्थान पर रहीं। दूसरी तरफ प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर 100 से अधिक पदक जीते हैं।

माता-पिता को श्रेय

देवांशी ने सफलता का श्रेय माता-पिता को दिया है। उन्होंने कहा कि स्केटिंग उसने चुना, लेकिन मम्मी-पापा ने उसका ख्वाब पूरा करने के लिए दिन रात मेहनत की। उन्होंने कहा कि खुद का व्यवसाय होने के बावजूद पापा कुलभूषण त्यागी खेल के मैदान तक उसे लेकर जाते थे। इसके अलावा शिक्षक मां शर्मिला खेल प्रतियोगिताओं में खिलाने के लिए दूसरे राज्यों में लेकर जातीं थीं।

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