शहर के उद्यमी मेक इन इंडिया के उत्पादों को बढ़ावा देंगे
गुरुग्राम के उद्यमियों को अमेरिकी टैरिफ के लागू होने से झटका लगा है। उद्योगों ने अब मेक इन इंडिया के उत्पादों को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। वे अब विदेशी कंपनियों के सामान का उत्पादन नहीं करेंगे।...

गुरुग्राम, कार्यालय संवाददाता। अमेरिकी टैरिफ 27 अगस्त से 25 प्रतिशत लागू होने से गुरुग्राम के उद्यमियों को झटका लगा है। उद्योगों को निर्यात करना मुश्किल हो गया है। नए आर्डर नहीं होने से उद्यमियों ने अब मेक इंडिया के उत्पादों को बढ़ावा का फैसला किया है। विदेशों कंपनियों के सामानों का न तो उत्पादन करेंगे और न ही कोई सामान उपयोग करेंगे। यहां तक कि यूएस कंपनियों के लेवल अपने सामानों पर नहीं लगाएंगे। अब स्वदेशी सामानों को बढ़ाकर लोगों को भी विदेशी सामान का उपयोग नहीं करने की अपील करने शुरू कर दी है। आईएमटी मानेसर इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के महासचिव मनोज त्यागी ने कहा कि कहा कि अमेरिका में निर्यात होने वाला कपड़े पर सीधा 50% कीमत बढ़ गई है।
इससे कहीं न कहीं महंगाई बढ़ेगी। गुरुग्राम के उद्यमी ने 10 से 15 प्रतिशत के मार्जिन पर काम कर रहा था। निर्याज पर काफी फर्क पड़ेगा, लेकिन एक अवसर भी छुपा हुआ है। यहां जितना भी प्रोडक्ट का उत्पादन करते हैं, वे सब विदेशाी कंपनियों के लिए करते है। सारा सामान भारतीय होताा है और उस पर लेवल विदेशाी कंपनियों के होते हैं। महासचिव मनोज ने कहा कि अब हमें मेक इन इंडिया को बढ़ावा देना होगा। यूएस का न तो सामान तैयार करेंगे और न ही उनका सामान का उपयोग करेंगे। तभी अमेरिका को झुकेगा। उद्यमियों को अब मेक इन इंडिया वाले सामाना को उत्पादन करना पड़ेगा। अमेरिका की कंपनियों के लिए न टीशर्ट बनाएंगे और न ही कपड़ों पर उनका लेवल लगाएंगे। हम सामान तैयार करके उनको देते है तो मुनाफा वह लेते है। ऐसे में स्वदेशी को बढ़वा देने का समय आ गया है। गुड़गांव उद्योग एसोसिएशन अध्यक्ष प्रवीण यादव ने कहा कि आमेरिकी टैरिफ से गारमेंट कंपनियों को थोड़ा उबरने में समय लगेगा, लेकिन यह सुनहारा मौका भी है। अपना बाजार से लेकर दूसरे देशों के बाजारों से संपर्क कर सकते है। स्वदेशी की सामानों की मांग बढ़ेगी तो उद्योगों में काम बढ़ेगा। अमेरिका के दबाव में उद्योगों को काम नहीं करना है। समय लेकर आगे बढ़ने की जरुरत है। यूएस की कंपनियों के लिए काम नहीं करना चाहिए। अब मेक इन इंडिया के सामान का बढ़ावा दिया जाए। गुरुग्राम जिले में 2600 गारमेंट कंपनियां है। इन कंपनियों से यूएस में दस हजार करोड़ रुपये का कपड़ा निर्यात होता है।
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