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पानी चोरी रोकने के लिए 500 स्थानों पर फ्लो मीटर लगेंगे

गुरुग्राम। मिलेनियम सिटी में पानी की चोरी को रोकने के लिए और शहर के सभी

पानी चोरी रोकने के लिए 500 स्थानों पर फ्लो मीटर लगेंगे
हिन्दुस्तान टीम,गुड़गांवThu, 17 Jun 2021 03:00 AM
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गुरुग्राम। मिलेनियम सिटी में पानी की चोरी को रोकने के लिए और शहर के सभी लोगों में पानी का समान वितरण करने के लिए गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) अब 500 स्थानों पर पानी के फ्लो मीटर लगवाएगा। यह फ्लो मीटर पानी की पाइप लाइनों और टैंक पर लगवाए जाएंगे। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से मास्ट पाइप लाइनों के जरिये बूस्टिंग स्टेशन तक कितना पानी सप्लाई हुआ और आगे उन पाइप लाइनों से जिन लोगों, कंपनियों और बिल्डरों का कनेक्शन दिए गए हैं उन तक कितना पानी पहुंचा और कितने पानी की खपत उन द्वारा की गई, इस सब की निगरानी इन फ्लो मीटर से की जाएगी।

पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर जीएमडीए ने पहले 31 जगह पाइप लाइन और टैंक पर ऐसे फ्लो मीटर लगवाए थे। इनके कारगर साबित होने पर जीएमडीए की अब ऐसे फ्लो मीटर 500 और स्थानों पर लगाने की योजना है। प्राधिकरण के अधिकारियों के बताया कि जल्द इस योजना पर काम शुरू करेंगे।

अधिकारियों ने बताया कि अक्सर यह शिकायतें मिलती रहती थी कि कई इलाकों में अंतिम छोर तक पानी की आपूर्ति नहीं हो पाती है। बिल्डर इलाकों से इस तरह की शिकायतें ज्यादा आती थी। जिसमें यह कहा जाता था कि शुरूआत के घरों में पानी मिल जाती है, लेकिन अंतिम छोर तक पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति नहीं हो पाती है। वहीं पानी की कितनी बर्बादी हो रही है, इसका रिकॉर्ड रख पाना भी मुश्किल रहता था। इन सब को देखते हुए पानी के फ्लो मीटर लगवाने का फैसला लिया गया था। पहले पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 31 स्थानों पर ही यह फ्लो मीटर लगवाए गए थे। अधिकारियों का दावा है कि इनके लगने से इस तरह की शिकायतें पहले के मुकाबले काफी हद तक कम हो गई हैं। इसे देखते हुए और भी स्थानों पर ऐसे फ्लो मीटर लगवाने की योजना बनाई है।

पानी की बर्बादी होगी कम:

अधिकारियों ने बताया कि इन फ्लो मीटर के लगने से पानी की बर्बादी भी कम होगी। वाटर टैंक कितनी क्षमता का है उसमें कितना पानी भरा है और कितना खाली है इस सब की जानकारी मोबाइल एप पर पंप या टैंक ऑपरेटर देख सकेंगे। इन ऑपरेटरों को जीएमडीए ने जल मित्र का नाम दिया है। अधिकारियों ने बताया कि फ्लो मीटर कैसे काम करेगा और वह एप पर कैसे जानकारी हासिल कर सकते हैं, इसका प्रशिक्षण जल मित्रों को दे दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि अभी सप्लाई होने पर यदि टैंक भर जाता था, तो जब तक ऑपरेटर को पता चल पाता था, तब तक कई सौ लीटर पानी व्यर्थ बह जाता था, लेकिन इन फ्लो मीटर के लगने से जल मित्र कहीं भी बैठे देख सकता है कि टैंक में कितना पानी बचा है, कितना भर गया। भरने की कगार पर पहुंचते ही वह सप्लाई को रोक सकता है। जिससे पानी बर्बाद नहीं होगा।

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