गुरुग्राम। संयुक्त किसान मोर्चा ने धरना स्थल पर किसान-मजदूर दिवस मनाया। गुरु रविदास की जयंती मनाई और महान क्रांतिकारी को बलिदान दिवस पर याद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। वहीं किसान वक्ताओं ने केंद्र सरकार को तीनों कृषि कानूनों पर घेराव कर रद्द करने की मांग की। किसानों ने किसान की केंद्र सरकार किसान-मजदूर विरोधी है। देशहित में सरकार को तीनों कालू कानून रद कर देने चाहिए।
शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा के धरने पर किसान बैठे। धरना स्थल पर सामाजिक एकता और समानता के प्रतिक महान संत रविदास की जयंती मनाई गई। उनके चित्र पर फूल मालाएं लगाकर तथा पुष्पांजलि दी गई। मुख्य वक्ता कामरेड सतबीर सिंह ने कहा कि महान संत रविदास ने एक ही शिक्षा दी थी की जो अपने अहंकार को त्याग देगा वो अपने जीवन में सुखी एवं सफल होगा। आज तीन महीने से ज़्यादा किसानों को दिल्ली के चारों तरफ धरनों पर बैठे हो गए हैं, लेकिन सरकार आंख बंद किए बैठी हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार अहंकार में डूबी हुई है। कहा कि ये सरकार किसान और मजदूर विरोधी हैं तथा जो कानून सरकार ने किसान और मजदूरों के लिए बनाए हैं, उनसे किसानों और मजदूरों का शोषण होगा। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन अब जन आंदोलन बन चुका है और सरकार को किसानों की मांगों के सामने घुटने टेकने पड़ेंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा के अध्यक्ष चौधरी संतोख सिंह ने कहा कि महान स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद का बलिदान दिवस है। भारत के सुपूत महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। वक्ता जय भगवान ने संत रविदास के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि धर्मबीर परवाल, ऊषा सरोहा, श्रवण कुमार, बलवान धनकड़, रेखा यादव, डॉ.धर्मवीर राठी तथा जितेंद्र कुमार, राकेश कुमार ने भी अपने विचार रखे।