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4000 बच्चों ने जैव विविधता पार्क को बचाने की आवाज उठाई, प्रदर्शन किया

बाल दिवस पर करीब आधा दर्जन स्कूलों के बच्चों ने अरावली जैव विविधता पार्क के बीच से एक्सप्रेस-वे बनाने का विरोध किया। बच्चों ने पार्क में पहुंचकर शांतिपूर्वक प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम में करीब 4000...

4000 बच्चों ने जैव विविधता पार्क को बचाने की आवाज उठाई, प्रदर्शन किया
हिन्दुस्तान टीम,गुड़गांवWed, 14 Nov 2018 07:01 PM
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बाल दिवस पर करीब आधा दर्जन स्कूलों के बच्चों ने अरावली जैव विविधता पार्क के बीच से एक्सप्रेस-वे बनाने का विरोध किया। बच्चों ने पार्क में पहुंचकर शांतिपूर्वक प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम में करीब 4000 बच्चों ने हिस्सा लिया और गुरुग्राम की सर्वाधिक हरे-भरे पार्क को नहीं उजाड़ने की अपील की। बच्चों ने इस मौके पर रैली भी निकाली। इस अनूठे विरोध प्रदर्शन में ब्लू बेल्स ब्लू बेल्स ग्रुप ऑफ स्कूल्स, अजंता, डीपीएस, मीनाक्षी वर्ल्ड स्कूल सहित गुड़गांव के कई स्कूलों के बच्चे मौजूद रहे।

'सेव आवर फारेस्ट':

बच्चों ने 'सेव आवर फारेस्ट' जैसी तख्तियां लेकर सड़क बनाने के फैसले को वापस लेने की लगाई गुहार लगाई। इस विरोध प्रदर्शन का आयोजन आईएम गुड़गांव संस्था की ओर से किया गया। इस मौके पर ब्लू बेल्स मॉडल स्कूल की छात्रा मिष्टी कौशिक ने कहा कि अरावली पार्क हम सब के लिए बेहद खास है। यहां विभिन्न प्रजातियों के पेड़ पौधे हैं जो बेहद उपयोगी हैं। ऐसे में सड़क बनने से इसकी सुंदरता नष्ट हो जाएगी। इसलिए हम सब इसका विरोध कर रहे हैं। ब्लू बेल्स पब्लिक स्कूल की कक्षा आठवीं की छात्रा तन्वी जैन ने कहा की ये पार्क हम सबके लिए अति महत्वपूर्ण है I सड़क बनने से पर्यावरण को काफी नुकसान होगा I इसी को बचाने के लिए हमने आज ह्यूमन चेन बनायाI ये अब तक का मेरा सबसे अच्छा बाल दिवस था I

क्या है पूरा विवाद?

लगभग 380 एकड़ में फैले अरावली बायोडायवर्सिटी पार्क में एनच-आठ से गुरुग्राम- फरीदाबाद रोड निकालने का प्रस्ताव बनाया गया है, जो की 20 से 25 मीटर की रोड अरावली पार्क से होकर गुजरेगी। इसका काम जल्द शुरू होने की उम्मीद है। इसमें लगभग 400 अलग-अलग किस्म के पेड़-पौधों और पक्षियों की करीब 182 प्रजातियों का घर है, जहां जंगली सियार और रेंगने वाले जीव भी रहते हैं। इस पार्क में तीन तरीके के ट्रैक बनाए गए हैं, रनिंग ट्रैक, वॉकिंग ट्रैक और साइकिलिंग ट्रैक जिसका इस्तेमाल यहां रोजाना सुबह शाम आने वाले लोग करते हैं। इसके चलते कई स्वयं सेवी संस्थाएं इस निर्णय का विरोध कर रही हैं।

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