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साइबर सिटी में हर दूसरे दिन महिलाओं के साथ छेड़छाड़, तीसरे दिन दुष्कर्म का मामला

गुरुग्राम। सौरभ सिंह साइबर सिटी की सड़कें महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है। चालू वर्ष में यहां हर दूसरे दिन महिलाओं के साथ छेड़छाड़ के मामले दर्ज हुए हैं। वहीं हर तीसरे दिन एक दुष्कर्म का मामला भी...

साइबर सिटी में हर दूसरे दिन महिलाओं के साथ छेड़छाड़, तीसरे दिन दुष्कर्म का मामला
हिन्दुस्तान टीम,गुड़गांवThu, 17 Aug 2017 07:13 PM
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गुरुग्राम। सौरभ सिंह साइबर सिटी की सड़कें महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है। चालू वर्ष में यहां हर दूसरे दिन महिलाओं के साथ छेड़छाड़ के मामले दर्ज हुए हैं। वहीं हर तीसरे दिन एक दुष्कर्म का मामला भी दर्ज हुआ है। यह तो वह आंकड़े हैं, जिन्हें पुलिस ने दर्ज कर लिया है। इसके अलावा भी काफी ऐसे मामले हुए हैं, जिनमें पीड़ित महिलाओं ने लाज संकोच की वजह से अपमान का घूंट पी लिया, लेकिन पुलिस के पास नहीं गईं। छेड़छाड़ के तीन मामले दर्ज शहर में छेड़छाड़ एवं मारपीट के तीन मामले दर्ज हुए हैं। इनमें दो मामले तो एक दूसरे के खिलाफ हैं। जबकि एक मामला मंदिर में दर्शन के दौरान धक्कामुक्की एवं दुर्व्यवहार का है। तीनों मामले न्यू कालोनी थाना क्षेत्र के हैं। पुलिस के मुताबिक सेक्टर चार निवासी अर्चना यादव जन्माष्टमी के मौके पर प्रेममंदिर में आयोजित समारोह में शामिल होने गई थी। उन्होंने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि इसी दौरान एक युवक ने न केवल उनके साथ छीना झपटी एवं छेड़छाड़ किया। हालांकि लोगों की भीड़ जुटने से आरोपी भागने में सफल हो गया। इसी प्रकार न्यू कालोनी थाना क्षेत्र के ही ट्राइविर सोसाइटी में दो महिलाओं ने एक दूसरे के खिलाफ छेड़छाड़ एवं दुर्व्यवहार का मामला दर्ज कराया है। सात माह में दुष्कर्म के 75 मामले पुलिस आयुक्तालय से जारी रिपोर्ट के मुताबिक इस साल एक जनवरी से 31 जुलाई 2017 तक दुष्कर्म के कुल 75 मामले दर्ज हुए हैं। इनमें भी सबसे ज्यादा 16-16 मामले मार्च एवं जून में दर्ज किए गए। जबकि 13 मामले अप्रैल में और 12 मामले मई माह में दर्ज हुए हैं। इसी प्रकार महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं भी इस अवधि में 180 से अधिक हुई है। पुलिस ने इन सभी मामलों को दर्ज कर लिया है। हालांकि इनमें से बीस से अधिक मामलों में आरोपियों की गिरफ्तारी होनी बाकी है। डीसीपी की नजर में खतरे से खाली नहीं हैं शहर की सड़कें पुलिस उपायुक्त पूर्वी दीपक सहारण ने नए शहर में महिलाओं के लिए खतरनाक साबित हो रही सड़कों की सूची तैयार की है। उन्होंने यह सूची उपायुक्त विनय प्रताप सिंह के अलावा निगमायुक्त वी. उमाशंकर को भेजी है। इसमें बताया है कि नए शहर के पांच थाना क्षेत्रों में दस से अधिक सड़कें महिलाओं के लिए दिन में भी खतरें से खाली नहीं हैं। पुलिस उपायुक्त ने सड़कों की हालत बयां करते हुए समाधान की सिफारिश की है। कहां क्या स्थिति सदर थाना क्षेत्र: पुलिस उपायुक्त के मुताबिक ट्रांसपोर्ट नगर से नाहरपुर रुपा तक, सेक्टर 32 मार्केट के चारों तरफ, सेक्टर 48, एरिसेंट भवन से इंफोसिटी प्रथम तक की सड़क पर शाम ढलते अंधेरा हो जाता है। ऐसे में यहां महिलाओं के साथ अनहोनी की आशंका बनी रहती है। सेक्टर 40 थाना क्षेत्र: उन्होंने बताया कि सेक्टर 31, साउथ सिटी प्रथम, जलवायु विहार के पास एवं बीयर फैक्ट्री के पास सूनसान एवं अंधेरा रहता है। सुशांत लोक थाना क्षेत्र: पुलिस उपायुक्त के मुताबिक सुशांत लोक थाना क्षेत्र में सेक्टर 43 की सड़कों पर दिन ढहते ही महिलाओं के लिए असहज स्थिति हो जाती है। इसकी मुख्य वजह इस सड़क पर स्ट्रीट लाइटों की कमी एवं सन्नाटा होना है। सेक्टर 50 थाना क्षेत्र: सेक्टर 49, बी ब्लाक साउथ सिटी दो से घसौला एवं घसौला से 200 फुटा रोड तक जाने वाली सड़कों पर बंगाली मार्केट के सामने खाली पड़ी जमीन से महिलाओं को दिक्कत होती है। इसके अलावा बानी स्क्वायर मार्केट से बाबा राम रहीम चर्चा घर तक की सड़क एवं आई ब्लाक साउथ सिटी दो तथा सेक्टर 51 से लगती सड़कें महिलाओं के लिए खतरनाक साबित हो रही है। सेक्टर 53 थाना क्षेत्र: इस थाना क्षेत्र में पुलिस उपायुक्त ने सरस्वती कुंज एवं सेक्टर 52 से आर्टिमिस अस्पताल तक की सड़क को चिन्हित किया है। सुझाए उपाय पुलिस उपायुक्त दीपक सहारण ने निगमायुक्त एवं उपायुक्त को भेजे पत्र में इन सभी स्थानों को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाने के उपाय भी सुझाए हैं। इसके लिए उन्होंने इन सड़कों पर खासतौर पर स्ट्रीट लाइटें लगाने के साथ ही साफ सफाई की व्यवस्था कराने एवं जंगल झाड़ियों की सफाई कराने की सलाह दी है। पैनल टिप्पणी 1-शहर में महिला अपराधों में तेजी से इजाफा हुआ है। पुलिस एवं प्रशासन महिलाओं को सुरक्षित माहौल देने में नाकाम रहा है। यह साफ तौर पर संविधान में वर्णित मौलिक अधिकारों का हनन है। इस तरह की घटनाओं को देखते हुए संबंधित पीसीआर एवं थाना प्रभारी की जवाबदेही तय होनी चाहिए। इसके अलावा शहर में रोशनी एवं सीसीटीवी के पर्याप्त इंतजाम होने चाहिए। -अंजू रावत नेगी, अधिवक्ता 2- लगातार हो रही महिला अपराध की घटनाओं को देखते हुए एक अध्ययन होना चाहिए। इसमें यह साफ हो सके कि इस तरह की घटनाएं किन क्षेत्रों में हो रही है और कौन लोग कर रहे हैं। इस अध्ययन के परिणामों को देखते हुए उचित समाधान निकाला जाना चाहिए। इस संबंध में पिछले दिनों मैंने पुलिस आयुक्त को भी सलाह दी थी। सड़कों पर स्ट्रीट लाइटों की कमी एवं सीसीटीवी आदि का न होना इस तरह के अपराधों की बड़ी वजह साबित हो रहा है। -गौरी सरीन, संस्थापक, गुड़गांव एक्शन प्लान इस साल हुए दुष्कर्म के मामले माह मामले जनवरी 7 फरवरी 5 मार्च 16 अप्रैल 13 मई 12 जून 16 जुलाई 6 सात माह में छेड़छाड़ के 183 मामले

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