ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News NCR गुरुग्रामचोरी के लिए दिन में ही बांधी थी रस्सी

चोरी के लिए दिन में ही बांधी थी रस्सी

पीसीजे (पीसी ज्वैलर्स) के शोरूम में हुई चोरी के तीसरे दिन भी पुलिस के हाथ खाली है। पुलिस अभी तक इमारत की छत पर बने कमरे की खिड़की से बांधकर लटकाई गई रस्सी का राज नहीं खोल पायी है। पुलिस की जांच में...

चोरी के लिए दिन में ही बांधी थी रस्सी
हिन्दुस्तान टीम,गुड़गांवWed, 12 Dec 2018 06:39 PM
ऐप पर पढ़ें

पीसीजे (पीसी ज्वेलर्स) के शोरूम में हुई चोरी के तीसरे दिन भी पुलिस के हाथ खाली हैं। पुलिस इमारत की छत पर बने कमरे की खिड़की से बांधकर लटकाई गई रस्सी का राज नहीं खोल पायी है। आशंका है कि दिन में रस्सी बांध दी गई थी। हालांकि पुलिस पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कह पा रही है। इस बीच, बुधवार दोपहर से शोरूम में दोबारा से काम शुरू हो गया है।

पुलिस उपायुक्त (अपराध) शमशेर सिंह अपराध शाखा के इंस्पेक्टरों के साथ मंगलवार की देर रात तक इमारत में छानबीन करते रहे। उन्होंने आसपास के सभी मकानों की छत पर जाकर देखा। यह जानने का प्रयास किया कि आखिर चोर किस रास्ते से पीसीजे की छत तक पहुंचे होंगे। लेकिन आखिर तक कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकल सका। चूंकि इस इमारत के मुख्य द्वारा पर सुरक्षा गार्ड मौजूद था। ऐसे में पुलिस को आशंका है कि चोरों ने इमारत में ऊपर चढ़ने और माल लेकर बाहर निकलने के लिए इसी रस्सी का इस्तेमाल किया है। आशंका है कि यह रस्सी घटना के दिन ही इमारत के अंतिम तल पर बने कमरे की खिड़की से बांध कर पीछे की तरफ लटका दिया गया। पुलिस ने रस्सी कब्जे में लेकर जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेज दिया है।

क्राइम पैटर्न जांच रही है पुलिस

पुलिस मामले की जांच के लिए क्राइम पैटर्न की जांच कर रही है। पुलिस दिल्ली एनसीआर में हुए इस तरह की अन्य घटनाओं की भी जांच कर रही है। फिलहाल रोहतक में करीब दो साल पहले हुई एक घटना सामने आई है। इस घटना में भी छत काटकर ज्वेलरी की दुकान में चोरी हुई थी। वहां भी चोर दो मंजिल की छत पर चढ़कर दुकान में उतरे थे। इस जानकारी के बाद पुलिस ने उस मामले की पड़ताल कराई है। इसमें पता चला है कि वारदात का मास्टर माइंड जेल में है। ऐसे में पुलिस को आशंका है कि उसके किसी साथी ने या फिर किसी अन्य गैंग ने इस पैटर्न पर वारदात को अंजाम दिया है।

तीसरे दिन भी नहीं बताई कीमत

पुलिस के मुताबिक कंपनी प्रबंधन ने वारदात के तीसरे दिन भी चोरी गए माल की कीमत नहीं बताई है। पुलिस उपायुक्त (अपराध) शमशेर सिंह के मुताबिक कंपनी प्रबंधन ने पुलिस को अब तक केवल चोरी गए माल की संख्या बताई है। माल के बीमा की कोई जानकारी नहीं दी है। फिलहाल पुलिस ने इमारत के अंदर अपनी जांच पूरी कर कंपनी प्रबंधन को कामकाज शुरू करने की अनुमति दे दी है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें