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पांचवी और आठवीं में बोर्ड परीक्षा से सुधरेगा शिक्षा का स्तर

गुरुग्राम। वरिष्ठ संवाददाता। हरियाणा बोर्ड से मान्यता प्राप्त निजी और सरकारी स्कूलों की पांचवी और आठवीं कक्षा की वार्षिक परीक्षा शिक्षा बोर्ड...

पांचवी और आठवीं में बोर्ड परीक्षा से सुधरेगा शिक्षा का स्तर
हिन्दुस्तान टीम,गुड़गांवThu, 20 Jan 2022 06:10 PM
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गुरुग्राम। हरियाणा बोर्ड से मान्यता प्राप्त निजी और सरकारी स्कूलों की पांचवी और आठवीं कक्षा की वार्षिक परीक्षा शिक्षा बोर्ड द्वारा ली जाएगी। वार्षिक परीक्षा में विद्यार्थी अगर न्यूनतम अंक नहीं ला पाते हैं,तो उनको पास नहीं किया जाएगा। उनको दोबारा से एक साल उसी कक्षा में पढ़ाई करनी होगी। सरकार की ओर से बुधवार को नए नियम को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। इस नियम के बाद से शिक्षाविदों और अभिभावकों के अनुसार सरकार का सही कदम है। इससे बच्चे बढ़ाई भी करेंगे और उनको फेल होने का डर भी रहेगा। इससे स्तर में सुधार भी होगी।

विशेषज्ञों की माने तो इस फैसले से शिक्षा के स्तर में काफी सुधार आएगा। उनका मानना है कि परीक्षाओं की तैयारी के लिए छात्र पहले से तैयार रहेंगे। इससे उन्हे दसवीं और बाहरवीं बोर्ड की परीक्षा देने में कठिनाई नहीं आएगी। जबकि पहले आठवीं तक के छात्रों की फेल नहीं करने की नीति से शिक्षा के स्तर में काफी गिरावट देखने को मिली थी।

निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगेगी:

-राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक डॉ.ऋषि गोयल ने बताया कि नए नियमों से सरकारी और निजी स्कूल में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के स्तर में सुधार होगा। वहीं निजी स्कूलों में पढ़ाई के नाम पर होने वाले व्यवसायीकरण पर भी रोक लगेगी। निजी और सरकारी स्कूलों में एक ही पैटर्न से पढ़ाई होगी। अब साफ है कि बिना पढ़े बच्चों को अगली कक्षा में प्रवेश नहीं मिलेगा। ऐसे में बच्चों को पढ़ाई करनी होगी और इसके साथ शिक्षकों की भी जिम्मेदारी तय होगी। अभी तक आठवीं कक्षा तक के बच्चों को फेल नहीं किया जाता था,जिसके कारण बच्चे पढ़ाई में दिलचस्पी नहीं लेते हैं।

स्तर में होगा सुधार:

-मॉडल संस्कृति स्कूल फर्रूखनगर के प्रिसिंपल जितेंद्र यादव ने बताया कि पांचवी और आठवीं कक्षा में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए सरकार का कदम सराहनीय है। अब बच्चों को परीक्षा में पास होने की चिंता होगी,जबकि पहले फेल नहीं करने की नीति से विद्यार्थी पढ़ाई नहीं करते थे और उनका स्तर भी काफी कमजोर होता था। बोर्ड की परीक्षाओं में उनको पास होने में काफी दिक्कतें होती थी। अब पांचवी कक्षा से ही बच्चों की पढ़ने की आदत होगी और उनके स्तर में भी सुधार जरूर होगा।

शिक्षकों की जिम्मेदारी भी तय होगी

-प्राथमिक शिक्षा संघ के जिला प्रधान दुष्यंत ठाकरान ने बताया कि बिना डर के पढ़ाई नहीं करते है। फेल होने के डर से बच्चे जरूर पढ़ाई करेंगे और शिक्षकों की बात भी सुनेंगे। उनके मन में हमेशा यह भी डर रहेगा कि वह नहीं पढ़ेंगे तो फेल हो जाएंगे। शुरू से ही बच्चा पढ़ाई करता हुआ आगे बढ़ेगा,तो वह बोर्ड की परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन करेगा और परीक्षा के तनाव को मात देने में भी सक्षम होगा। इससे बच्चों का स्तर भी बढ़ेगा और मानसिक रूप से मजबूत भी बनेंगे।

कोट:

-पांचवी और आठवीं कक्षा को लेकर सरकारी की तरफ से अधिसूचना जारी हुई है। दोनों कक्षाओं के विद्यार्थियों के पास होने के लिए कितना मूल्याकंन रखा गया है,अभी जानकारी नहीं मिली है। हालांकि सरकार के इस कदम से शिक्षा के स्तर में काफी सुधार होगा।

-शशि अहलावत,जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी

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