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नमाज का विरोध कर रहे सभी 12 लोग गिरफ्तार, मिली जमानत

नमाज का विरोध कर रहे यति नरसिम्हानंद सरस्वती समेत कुल 12 लोगों को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। इन सभी लोगों को पुलिस उपायुक्त की अदालत में पेश किया गया, जहां से इन्हें जमानत पर रिहा कर दिया...

नमाज का विरोध कर रहे सभी 12 लोग गिरफ्तार, मिली जमानत
हिन्दुस्तान टीम,गुड़गांवFri, 14 Sep 2018 08:48 PM
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खुले में नमाज का विरोध कर रहे अखिल भारतीय संत परिषद के राष्ट्रीय संयोजक यति नरसिम्हानंद सरस्वती समेत कुल 12 लोगों को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। इन सभी लोगों को पुलिस उपायुक्त की अदालत में पेश किया गया, जहां से इन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया है। यह सभी लोग बेरी वाला बाग में आत्मदाह की धमकी के साथ अनशन पर बैठे थे। पुलिस ने इन्हें शांति भंग की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया था। इस मामले में यति नरसिम्हानंद के समर्थकों ने पुलिस पर मुस्लिम समाज के दबाव में काम करने का आरोप लगाया। कहा कि पुलिस और प्रशासन मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति के चलते इन्हें बढ़ावा दे रहा है। पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक पुलिस ने यह कार्रवाई एहतियातन की है। सभी लोगों को जमानत पर रिहा कर दिया गया है।

दोनों संगठनों ने दी थी धमकी

नगर निगम ने सात सितंबर को कथित मस्जिद को अवैध बताते हुए सील कर दिया था। उसके बाद मुस्लिम एकता मंच के चेयरमैन हाजी शहजाद खान आत्मदाह करने की चेतावनी देते हुए मस्जिद के बाहर खाली प्लाट में धरने पर बैठ गए थे। उनके साथ मुस्लिम समाज के बीस से अधिक लोग धरने में शामिल थे।

उधर, हिन्दू संगठनों ने भी विवादित इमारत को गिराने और शहर के अन्य सार्वजनिक स्थानों पर नमाज बंद कराने को लेकर बेरी वाला बाग में अनशन और धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया था। यहां अनशन कर रहे यति नरसिम्हानंद सरस्वती ने भी शुक्रवार तक निर्णय नहीं होने पर अग्नि समाधि की चेतावनी दी थी।

हिन्दू संगठन को खदेड़ा, मुस्लिम समाज को धरने से उठाया

बेरीवाला बाग में अनशन और धरना प्रदर्शन कर रहे हिन्दू संगठन के लोगों को पुलिस ने शुक्रवार की सुबह बलपूर्वक खदेड़ दिया। वहीं अनशन पर बैठे यति नरसिम्हानंद सरस्वती समेत कुल 12 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इसी प्रकार दोपहर करीब साढ़े 11 बजे पुलिस ने मस्जिद के बाहर धरना दे रहे मुस्लिम समाज के लोगों के तंबू उखाड़ दिया और नहीं हटने पर गिरफ्तार करने की चेतावनी दी। लेकिन मुस्लिम समाज के लोग पुलिस के कड़े रुख को देखकर खुद ही उठकर चले गए।

यह है मामला

शीतला कालोनी स्थित एक 85 गज के निजी मकान में कुछ समय से मुस्लिम समाज के लोग नमाज पढ़ रहे थे। हाल ही में इस इमारत की छत पर लाउडस्पीकर लगाकर इसे मस्जिद का रूप दे दिया गया। इसके विरोध में हिन्दू संगठनों ने उपायुक्त के समक्ष आपत्ति की और विरोध प्रदर्शन किया। वहीं सात सितंबर से विधिवत धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। हालात को देखते हुए सात सितंबर को ही नगर निगम की टीम ने इस इमारत को अवैध बताते हुए सील कर दिया। तब से मुस्लिम समाज के लोग भी इमारत के सामने खाली मैदान में धरने पर बैठ गए थे।

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मस्जिद के विवाद को लेकर दो संगठनों के लोग आज आए थे। दोनों की बात सुनने और उपायुक्त से विचार विमर्श के बाद मस्जिद से सील हटाने का फैसला लिया गया है। नगर निगम द्वारा सील किए गए किसी अन्य इमारत को लेकर भी आपत्ति आती है तो मेरिट के अधार पर निर्णय लिया जाएगा। फिलहाल केवल मस्जिद से सील हटाया जा रहा है।

-डॉ. डी सुरेश, मंडलायुक्त

आयुध डिपो के 300 मीटर दायरे में हाईकोर्ट के आदेश पर नगर निगम कार्रवाई कर रहा है। यहां नए बनने वाले मकानों को सील किया जा रहा है, वहीं निर्माणाधीन मकान तोड़े जा रहे हैं। यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। ताजा मामला भी 300 मीटर दायरे का है, लेकिन इसमें मेरिट के अधार पर निर्णय लिया गया है।

-विनय प्रताप सिंह, उपायुक्त

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मंडलायुक्त से डीसीलिंग के आदेश अभी तक नहीं मिले हैं। आदेश की प्रति मिलने के बाद ही कुछ कह पाना संभव है। 900 मीटर क्षेत्र में सीलिंग के लिए हाईकोर्ट के आदेश के बाद किसी अन्य आदेश की जरूरत नहीं पड़ती।

-यशपाल यादव, निगमायुक्त

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