जिला नगर योजनाकार प्रवर्तन ने गोल्फ कोर्स रोड के सरस्वती कुंज सोसाइटी में अवैध निर्माण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। मंगलवार को डीटीपी ने सोसाइटी में मकानों को सील कर 650 झुग्गियों पर कार्रवाई की। यहां पर अवैध कब्जा कर निर्माण किए जा रहे जो रहे थे। सोसाइटी में कुछ रिहायशी मकानों में व्यवसायिक गतिविधियां संचालित की जा रही थीं। कार्रवाई के दौरान 10 भवनों को सील कर दिया गया। कार्रवाई के दौरान डीटीपी दस्ते को लोगों का विरोध का सामना करना पड़ा। विरोध को देखते हुए पहले से पुलिस बल तैनात किए गए थे।
पांच एकड़ जमीन पर एक हजार झुग्गियां
सरस्वती कुंज सोसाइटी की 5 एकड़ जमीन पर 1000 झुग्गियां बनाकर कब्जा किया गया था। इसकी सूचना पर डीटीपी की तरफ से सभी को नोटिस देकर जमीन खाली करने को निर्देश दिए गए थे। लेकिन जमीन खाली नहीं होने पर डीटीपी आरएस बाट टीम साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने 650 झुग्गियों को जमीनदोंज कर दिया गया। इनमें से कुछ झुग्गियां एचएसवीपी के भूखंड पर थी। डीटीपी टीम ने कार्रवाई करते हुए झुग्गियों का सफाया किया।
सोसाइटी में निर्माण पर लगी रोक
सरस्वती कुंज सोसाइटी में भूखंडों के मालिकाना हक को लेकर काफी सालों से विवाद चल रहा है। यहां पर निर्माण करने के लिए बिल्डिंग प्लान पर रोक लगी है। इसके बाद निर्माण बिना स्वीकृति के किया जा रहा है। जो पूरी तरह से गैर कानूनी है। जिसको लेकर डीटीपी ने यह पर निर्माणधीन इमारतों पर तोड़फोड़ कार्रवाई की। जो हाईकोर्ट के आदेश के उल्लंघन करके सोसाइटी में निर्माण किया।
ढाबों को भी किया ध्वस्त
डीटीपी ने रिहायशी मकानों में व्यवसायिक गतिविधियां संचालित करने पर मंगलवार को सील कर दिया। जो बिल्डिंग प्लान के अनुसार रिहायशी मकानों में इस तरह की व्यवसायिक गतिविधियां नहीं चलाई जा सकती है। जो अवैध श्रेणी में आता है। डीटीपी टीम ने कार्रवाई के दौरान इमारतों में तोड़फोड़ करके सीलिंग की कार्रवाई की। इसके अलावा ढाबों और अतिक्रमण को ध्वस्त कर दिया गया। इस कार्रवाई के दौरान तीन जेसीबी, 100 पुलिसकर्मी, एटीपी आशीष शर्मा, प्लानिंग असिस्टेंट सतेन्द्र कुमार समेत जेई मौजूद रहे।
सरस्वती कुंज सोसाइटी के भूखंडों पर निर्माण करने का कोई फैसला नहीं आ जाता है। इसके पहले यहां पर निर्माण किया जाता है तो वह अवैध माना जाएगा। कार्रवाई के दस मकानों को सील कर 650 झुग्गियों का सफाया किया गया। साथ ही लोगों को चेतावनी दी गई कि दोबारा से निर्माण किया तो फिर से तोड़ दिए जाएंगे। यहां पर मकानों के नक्शा पास नहीं किए जा रहे हैं।
-आरएस बाट, डीटीपी प्रवर्तन