
शराब पीकर गाड़ी मत चलाइएगा, गुरुग्राम में हमेशा के लिए सस्पेंड हो जाएगा ड्राइविंग लाइसेंस
संक्षेप: यह कदम सड़क दुर्घटनाओं और मौतों पर रोक लगाने की व्यापक पहल का हिस्सा है। 2025 के पहले छह महीनों में, शहर में 541 दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें 223 लोगों की जान चली गई। इन दुर्घटनाओं की एक मुख्य वजह शराब पीकर गाड़ी चलाना बताई गई है।
शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ अब गुरुग्राम प्रशासन और कड़े कदम उठाने जा रहा है। अगर आप सड़क पर शराब पीकर या नशे की हालत में वाहन चलाते पाए गए तो आपका लाइसेंस भी रद्द हो सकता है। यही नहीं बार-बार अपराध करने पर लाइसेंस हमेशा के लिए भी रद्द किया जा सकता है। मोटर वाहन अधिनियम, 1988 में पहले से ही ऐसे प्रावधान मौजूद हैं।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, यह कदम सड़क दुर्घटनाओं और मौतों पर रोक लगाने की व्यापक पहल का हिस्सा है। 2025 के पहले छह महीनों में, शहर में 541 दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें 223 लोगों की जान चली गई। इन दुर्घटनाओं की एक मुख्य वजह शराब पीकर गाड़ी चलाना बताई गई है। सितंबर तक शराब से जुड़े अपराधों के लिए 5,000 से अधिक चालान जारी किए गए थे, जबकि 2024 में यह संख्या 25,968 और 2023 में 5,181 थी।
पुलिस के अनुसार, शराब पीकर गाड़ी चलाने के अधिकतर मामले वीकेंड पार्टी हब जैसे सेक्टर 29, साइबर पार्क, एमजी रोड, गोल्फ कोर्स रोड और 32 एवेन्यू के पास हुए। हालांकि पुलिस इन क्षेत्रों—जिनमें मॉल माइल, एंबिएंस मॉल, गैलेरिया मार्केट और सेक्टर 29 हुडा मार्केट भी शामिल हैं—में नियमित रूप से तैनात रहती है, लेकिन अब उम्मीद है कि जुर्माना और लाइसेंस निलंबन एक मजबूत निवारक (strong deterrent) के रूप में काम करेंगे।
हाल ही में हुई एक सड़क सुरक्षा बैठक में, उपायुक्त (Deputy Commissioner) अजय कुमार ने सख्त प्रवर्तन (strict enforcement) की आवश्यकता पर ज़ोर देते हुए कहा, "लाइसेंस निलंबित करने के नियम पहले से मौजूद हैं। शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामलों पर अंकुश लगाने के लिए इन्हें सख्ती से लागू किया जाना चाहिए।"
मोटर वाहन अधिनियम (MV Act) की धारा 185 के अनुसार, शराब पीकर गाड़ी चलाने के पहली बार के अपराधियों पर ₹10,000 तक का जुर्माना, छह महीने की जेल, या दोनों हो सकते हैं। तीन साल के भीतर दोबारा यह अपराध करने पर ₹15,000 का जुर्माना और दो साल तक की जेल हो सकती है, साथ ही उनका ड्राइविंग लाइसेंस स्थायी रूप से रद्द कर दिया जाएगा। जिला प्रशासन अब ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया को भी और सख्त करने जा रहा है। उपायुक्त DC कुमार ने कहा, "सभी एसडीएम (SDMs) को अपने क्षेत्रों में लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया पर नज़र रखनी चाहिए, ताकि सुरक्षा नियमों का पालन सुनिश्चित हो सके।"
लागू करने (enforcement) के अलावा, उपायुक्त (DC) ने विभागों को दुर्घटना संभावित क्षेत्रों (accident-prone areas) की पहचान करने और उनमें सुधारात्मक उपाय (corrective measures) लागू करने का निर्देश दिया। सर्दियों के मौसम से पहले दुर्घटनाओं को रोकने और दृश्यता (visibility) में सुधार के लिए शुरू की गई पहलों में शामिल हैं:
➤पेड़ों की छंटाई (pruning) करना।
➤टी-जंक्शनों और यू-टर्न का समय पर रखरखाव करना।
➤प्रमुख सड़कों पर रिफ्लेक्टर (reflectors) लगाना।
➤जागरूकता और लगातार निगरानी
इस रणनीति का एक मुख्य हिस्सा जन जागरूकता अभियान (Public awareness campaigns) भी है। कुमार ने जोर देकर कहा कि यातायात नियमों को समझना और उनका पालन करना दुर्घटनाओं को काफी हद तक कम कर सकता है। पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि शराब पीकर गाड़ी चलाने के खिलाफ चल रहे अभियान के साथ-साथ तेज रफ़्तार (overspeeding) और जोखिम भरे ड्राइविंग व्यवहार को लक्षित करते हुए कार्य योजनाएं (action plans) तैयार करें।
प्रशासन ने यह भी कहा कि शराब पीकर गाड़ी चलाने के कानूनों को लागू करना अनियमित (irregular) रहा है, जो ज्यादातर वीकेंड या विशेष अभियानों तक ही सीमित रहा। लगभग तीन साल के अंतराल के बाद यह नियमित अभियान सितंबर 2022 में फिर से शुरू हुआ, जो सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लगातार सतर्कता (sustained vigilance) की आवश्यकता को दर्शाता है।





