Hindi Newsएनसीआर Newsgreater noida bisrakh village ravan birthplace dussehra no effigy burnt ravan worship

ग्रेटर नोएडा के इस गांव में आज भी होती है रावण की पूजा, दशहरे पर नहीं होता दहन

संक्षेप: दशानन रावण की जन्मस्थली माने जाने वाले ग्रेटर नोएडा के बिसरख गांव में दशहरे पर रावण दहन या रामलीला का मंचन नहीं किया जाता है, बल्कि यहां रावण की पूजा की जाती है और मान्यता है कि परंपरा तोड़ने वाले के साथ अशुभ होता है, जिस कारण ग्रामीण सदियों से इस अनूठी परंपरा को निभा रहे हैं।

Thu, 2 Oct 2025 07:09 AMAnubhav Shakya लाइव हिन्दुस्तान, ग्रेटर नोएडा
share Share
Follow Us on
ग्रेटर नोएडा के इस गांव में आज भी होती है रावण की पूजा, दशहरे पर नहीं होता दहन

ग्रेटर नोएडा में स्थित बिसरख गांव को दशानन रावण की जन्मस्थली माना जाता है। इस गांव में रावण की पूजा होती है और यहां पर दशहरे पर उसके पुतले का दहन नहीं किया जाता और गांव में रामलीला का मंचन भी नहीं होता।

बिसरख गांव में रावण का एक मंदिर भी है। मंदिर के महंत ने बताया कि रावण के पिता ऋषि विश्रवा द्वारा स्थापित अष्टकोणीय शिवलिंग यहां पर मौजूद है। मान्यता है कि रावण और उनके भाई कुबेर इस शिवलिंग की पूजा करते थे। रावण ने भगवान शिव की तपस्या करते हुए इसी शिवलिंग पर अपने सिर को अर्पित किए थे, जिसके बाद भगवान शिव ने उन्हें 10 सिर का वरदान दिया था। गांव के अन्य लोग बताते हैं कि दूर-दूर से लोग भगवान शिव और बाबा रावण से वरदान मांगने के लिए यहां आते हैं।

ग्रामीणों के अनुसार किसी भी व्यक्ति ने जब पुरानी परंपरा को तोड़कर रामलीला का आयोजन कराया या रावण दहन का काम किया तो उसके साथ अशुभ हुआ। इसके चलते कोई भी रामलीला और रावण दहन नहीं करते हैं। समय बदला है, युवाओं के विचार भी बदल रहे हैं, लेकिन पुरानी परंपराओं और मान्यताओं के विरुद्ध अब तक कोई भी परिवार या व्यक्ति सामने नहीं आया है, जिसके चलते यह परंपरा आज भी कायम है।