
ग्रेटर फरीदाबाद-पृथला में बिजली लाइन की बाधा दूर, किसानों को मुआवजे के लिए जमीन का बाजार भाव तय
संक्षेप: फरीदाबाद में पृथला से सेक्टर-78 बिजलीघर तक खींची जा रही बिजली लाइन के लिए जमीन देने वाले किसानों को मुआवजा देने के लिए बाजार भाव तय कर दिया गया है। बाजार भाव से मुआवजे की व्यवस्था न होने से 31 किलोमीटर लंबी इस लाइन का काम अटका हुआ था।
फरीदाबाद में पृथला से सेक्टर-78 बिजलीघर तक खींची जा रही बिजली लाइन के लिए जमीन देने वाले किसानों को मुआवजा देने के लिए बाजार भाव तय कर दिया गया है। पिछले कई सालों से किसान इस लाइन के निर्माण के लिए जमीन देने के बदले बाजार भाव के हिसाब से मुआवजे की मांग कर रहे थे। बाजार भाव से मुआवजे की व्यवस्था न होने से 31 किलोमीटर लंबी इस लाइन का काम अटका हुआ था।

अब उम्मीद है कि मुआवजा जारी होने के बाद किसान हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड को इस लाइन का काम शुरू करने में सहयोग करेंगे। वर्ष 2016 में पृथला स्थित 400केवी के बिजलीघर से सेक्टर-78 स्थित 22केवी के बिजलीघर को जोड़ने के लिए करीब 31 किलोमीटर लंबी बिजली लाइन को खींचने की योजना तैयार की गई थी। इसके लिए 50 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया था। वर्ष 2021 तक इस बिजली लाइन का काम पूरा किया जाना था, लेकिन बार-बार इस लाइन का काम पूरा करने समयावधि बदलती रही।
गत वर्ष 31 मार्च तक इस लाइन का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन किसानों की बाजार भाव से मुआवजे की वजह से काम पूरा नहीं हो पा रहा था। अभी भी इस लाइन का काम बचा हुआ है। सबसे ज्यादा समस्या दयालपुर गांव में आ रही है। यहां पर विभाग का जमीन मालकिन के साथ मुआवजे को लेकर विवाद चल रहा है। इसके अलावा और भी काफी किसान हैं, जो ज्यादा मुआवजे की मांग कर रहे थे। इस कारण लाइन का काम रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है।
किसान बाजार भाव से मांग रहे थे मुआवजा : किसान पिछले कई वर्ष से सरकार ने बाजार भाव के हिसाब से मुआवजा देने की मांग करते आ रहे थे। गत वर्ष जुलाई माह में प्रदेश सरकार के आदेश पर डीसी विक्रम सिंह ने एसडीएम के नेतृत्व में जिला राजस्व विभाग और हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड के अधीक्षण अभियंता के नेतृत्व में कमेटी गठित कर दी थी। बिजली निगम के मुताबिक इस कमेटी ने अब अपनी रिपोर्ट डीसी को सौंप दी है। इससे प्रहलादपुर, फतेहपुर बिल्लौच, लहड़ोली, नवादा, बहबलपुर, फफूंदा, दयालपुर, बुखारपुर, तिगांव, सदपुरा, नीमका आदि गांवों के किसानों को फायदा मिलेगा। किसानों को टावर के फाउंडेशन के लिए जमीन देने और तार वाले एरिया की जमीन के लिए कमेटी द्वारा निर्धारित किया गया मुआवजा मिलेगा। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, कमेटी ने विभिन्न गांवों के कलेक्टर रेट और रजिस्ट्री के रेट को आधार बनाकर अपनी रिपोर्ट दी है।
4 किलोमीटर एरिया में ही तार खींच सके
इस बिजली लाइन के 169 टावर में से 168 टावर के फाउंडेशन खड़े हो चुके हैं, जबकि एक टावर के फाउंडेशन का काम अधूरा है। 154 टावर खड़े हो चुके हैं और 4 किलोमीटर एरिया में तार भी खींचे जा चुके हैं। दयालपुर गांव में जमीन मालकिन से विवाद के कारण टावर खड़ा करने में सबसे ज्यादा दिक्कत आ रही है।
सेक्टर-78 बिजलीघर पूरी क्षमता से नहीं चल सकेगा
सेक्टर-78 में बनाए गए 220केवी के बिजलीघर के लिए इस लाइन से बिजली की सप्लाई होना बेहद जरूरी है। जब तक इस लाइन का काम पूरा नहीं होगा, तब तक यह बिजलीघर पूरी क्षमता से काम नहीं कर सकेगा। इस वजह से ग्रेटर फरीदाबाद में बिजली की मांग बढ़ने पर बिजली संकट पैदा हो सकता है। यदि अगले वर्ष गरमी सामान्य से ज्यादा रहती है तो ग्रेटर फरीदाबाद इलाके में ज्यादा समस्या पैदा हो सकती है। वहीं सेक्टर-89 में बनाए जा रहे बिजलीघर को शुरू करने में भी समस्या आएगी। सेक्टर-89 बिजलीघर के लिए भी इस लाइन से ही बिजली की आपूर्ति होगी।
दयालपुर में पूरा भूखंड लेने के मसले पर है विवाद
दयालपुर गांव में एक भूखंड में टावर आने की वजह से विवाद बना हुआ है। प्लॉट की मालकिन नीता बताती हैं कि विभाग ने जिस तरीके से उनके प्लॉट में टावर खड़ा करने के लिए जमीन ली है। उससे उनका पूरा प्लॉट खराब हो गया है। विभाग प्लॉट के बीचों-बीच टावर खड़ा कर रहा है। इससे प्लॉट का बाकी हिस्सा उपयोग के लिए नहीं बचेगा। विभाग को पूरा प्लॉट लेना चाहिए। विभाग को पूरे प्लॉट का मुआवजा भी बाजार भाव पर देना चाहिए। जबकि विभाग पूरा प्लॉट लेने के लिए तैयार नहीं है।





