‘सेल्फी में सुंदर दिखने के लिए चेहरे की सर्जरी करा रहे युवा
-हर साल 2,880 से भी ज्यादा लोग करा रहे होंठ व नाक की सर्जरी, लड़कियों की संख्या...
-हर साल 2,880 से भी ज्यादा लोग करा रहे होंठ व नाक की सर्जरी, लड़कियों की संख्या अधिक
-परिजनों को बिना बताए लाखों खर्च कर रहे
गाजियाबाद। अंजलि सिंह।
‘सेल्फी में सुंदर दिखने के लिए गाजियाबाद के युवा चेहरे की प्लास्टिक सर्जरी करा रहे हैं। सर्जरी कराने वालों में लड़कियों की संख्या अधिक है, जो कि परिजनों को बिना बताए अपनी कॉलेज की फीस से होंठ व नाक की सर्जरी पर लाखों खर्च कर रही हैं। वहीं लड़के चेहरे के मुहांसे व दाग-धब्बों को दूर करने के लिए प्लास्टिक सर्जरी का सहारा ले रहे हैं। सिर्फ जनपद के ही आंकड़ों पर नजर डालें तो हर साल 2,880 से भी अधिक लोग चेहरे की प्लास्टिक सर्जरी करवा रहे हैं।
‘सेल्फी के क्रेज के कारण बढ़े मामले
2016 से ‘सेल्फी का क्रेज लोगों में तेजी से बढ़ा है। वर्ष 2015 में चेहरे की प्लास्टिक सर्जरी करवाने वालों की तादाद जहां सात सौ थी। वहीं 2016 में बढ़कर 1500 हो गई। वर्ष 2017 से लेकर अब तक चेहरे की प्लास्टिक सर्जरी के मामले करीब 2,880 से भी ज्यादा हो गए हैं। इस तादाद में लड़कियों की संख्या करीब 1300 के करीब है, जो कि शहर के जाने-माने प्लास्टिक सर्जन के पास जाकर होंठ व नाक की सर्जरी सिर्फ ‘सेल्फी में अच्छा दिखने के लिए ही करवा रही हैं। वहीं चेहरे पर मुहांसे व दाग-धब्बों को हटाने के लिए लड़के भी प्लास्टिक सर्जरी करा रहे हैं।
परिजनों को नहीं होती जानकारी
गाजियाबाद के जाने-माने प्लास्टिक सर्जन डॉ. विपिन सहगल ने बताया कि चेहरा ठीक होने के बाद भी जबरन प्लास्टिक सर्जरी के लिए युवा आते हैं। प्लास्टिक सर्जरी कराने का कारण पूछने कोई ‘सेल्फी में अच्छा दिखने के लिए बताता है, तो कोई खुद को और सुंदर बनाने जैसे कारण बताते हैं। सबसे ज्यादा होंठ,नाक, मुहांसे व चेहरे पर दाग-धब्बों को दूर करने के लिए प्लास्टिक सर्जरी के लिए लड़के व लड़कियां आती हैं। इनके परिजनों से संपर्क करने पर पता चलता है कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है।
वहीं कुछ मामलों में सर्जरी के बाद पता चलता है कि युवाओं ने अपनी कॉलेज की फीस से भुगतान किया है। अब प्लास्टिक सर्जरी से पहले युवाओं के परिजनों से संपर्क किया जाता है। चेहरा पूरी तरह से ठीक होने के बाद भी प्लास्टिक सर्जरी का दबाव बनाने वाले युवाओं की काउंसलिंग की जाती है।
आत्मविश्वास की कमी भी है बड़ा कारण
गाजियाबाद की जानी-मानी प्लास्टिक सर्जन डॉ. नंदनी की मानें तो युवाओं में आत्मविश्वास की कमी बढ़ रही है। उनको लगता है कि चेहरा ठीक होने के बाद भी और सुंदर होने के लिए सर्जरी करवाकर ही वह अपनी जिंदगी में कुछ हासिल कर सकते हैं। यह गलत है। हुनर के आगे सुंदरता महत्वपूर्ण नहीं है। सर्जरी कराने वालों में लड़कियों की तादाद अधिक है।
बिना वजह सर्जरी के लिए आने वाले युवाओं को मानसिक रोग विशेषज्ञ के पास भेजा जाता है। जो उनके अंदर आत्मविश्वास भरते हैं और उन्हें समझाते हैं। इसके बाद ज्यादातर युवा समझ जाते हैं। वहीं कुछ इसके बाद भी सर्जरी के लिए कहते हैं, तो ऐसे में परिजनों से संपर्क के बाद ही सर्जरी की जाती है।