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संचारी रोगों के प्रति ग्राम प्रधानों को किया गया जागरूक

स्वास्थ्य विभाग की ओर से मंगलवार को महानगर स्थित आईएमटी के सभागार में प्रधान सम्मेलन का आयोजन किया। सम्मेलन के दौरान ग्राम प्रधानों को संचारी रोगों के प्रति जागरूक किया गया और साथ इन रोगों पर...

संचारी रोगों के प्रति ग्राम प्रधानों को किया गया जागरूक
हिन्दुस्तान टीम,गाज़ियाबादTue, 27 Aug 2019 07:18 PM
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गाजियाबाद। कार्यालय संवाददाता

स्वास्थ्य विभाग की ओर से मंगलवार को महानगर स्थित आईएमटी के सभागार में प्रधान सम्मेलन का आयोजन किया। सम्मेलन के दौरान ग्राम प्रधानों को संचारी रोगों के प्रति जागरूक किया गया और साथ इन रोगों पर नियंत्रण पाने के तरीकों की भी जानकारी दी गई। ग्राम प्रधानों को बताया कि मच्छरों का प्रकोप कम करने के लिए क्या करें। कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) रमेश रंजन, सीएमओ डा. एनके गुप्ता के अलावा जिला मलेरिया अधिकारी डा. ज्ञानेंद्र मिश्रा आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।

जिला मलेरिया अधिकारी और संचारी रोग नियंत्रण विभाग के नोडल अधिकारी डा. ज्ञानेंद्र मिश्रा ने बताया कि ग्राम प्रधान सम्मेलन में डेढ़ सौ से अधिक ग्राम प्रधान शामिल हुए। मच्छरजनित रोगों पर काबू पाने के लिए सबसे पहली जरूरत यह है कि मच्छरों का प्रजनन न होने दें। इसके लिए जल भराव न होने दें। कीटनाशकों का छिड़काव और फॉगिंग आदि कराते रहें। इसके अलावा मच्छरों का प्रजनन नियंत्रित करने के लिए तालाबों और जलाशयों में जला हुआ मोबिल ऑयल डाल दें। घरों में मच्छरदानी का प्रयोग करने के लिए कहें। इसके अलावा बच्चों को पूरे कपड़े पहनाने की सलाह ग्रामीणों को दें। बीमारियों पर काबू पाने के लिए शासन स्तर से 2 से 30 सितम्बर तक तीसरा संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाने के आदेश दिए गए हैं। ग्राम प्रधानों को भी अभियान में शामिल किया गया है। मच्छरों से होने वाली बीमारियों में डेंगू, चिकनगुनिया, टाईफाइड, हैजा और मलेरिया जैसी बीमारियां आती हैं। इन तीनों बीमारियों के लक्षण भी काफी मिलते जुलते हैं। सभी में पीड़ित को बुखार होता है। इसलिए बुखार होने की स्थिति में पीड़ित को तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र लेकर जाएं। मिलते जुलते लक्षणों को देख खुद ही पीड़ित का उपचार कतई न करें। बच्चों का विशेष ध्यान रखें और बीमार होने पर उन्हें स्कूल कतई न भेजें। इससे दूसरे बच्चों में बीमारी फैलने का खतरा रहता है।

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