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किसानों ने डीएम से वार्ता का प्रस्ताव ठुकराया

लोनी। मंडोला के आंदोलनरत किसानों ने डीएम से वार्ता का प्रस्ताव भी ठुकरा दिया। जबकि चिकित्सकों की टीम अनशन पर बैठे किसानों की जांच करने पहुंची।...

किसानों ने डीएम से वार्ता का प्रस्ताव ठुकराया
हिन्दुस्तान टीम,गाज़ियाबादSat, 18 Sep 2021 06:10 PM
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लोनी। संवाददाता

मंडोला के आंदोलनरत किसानों ने जिलाधिकारी से वार्ता का प्रस्ताव भी ठुकरा दिया। जबकि चिकित्सकों की टीम अनशन पर बैठे किसानों की जांच करने पहुंची। महिलाओं ने भी समाधि में बैठने का निर्णय लिया है, उनके लिए गड्ढे खोदने का काम शुरू हो गया है। किसानों का कहना है जब तक उनकी मांगें नही मानीं जाती उनका अनशन व समाधि कार्यक्रम स्थगित नहीं होगा। अनशन पर बैठे एक किसान की तबितयत बिगड़ने लगी है।

मंडोला विहार योजना के लिए अधिग्रहित की गई लोनी के आधा दर्जन गांवों की भूमि के प्रभावित किसान मुआवजा बढ़ाने व अन्य मांगों को लेकर गत करीब पांच वर्षों से आंदोलनरत हैं। कुछ दिन पूर्व किसानों ने मांगे न माने पर जिंदा समाधि लेने की घोषणा की थी। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत 15 सितंबर से 17 किसान समाधि में बैठे हुए हैं। जिनमें से आठ अनशन पर हैं।

अनशन पर बैठे नीरज त्यागी ने बताया कि शनिवार को तहसीलदार लोनी ने समाधि स्थल पर पहुंचकर किसानों के प्रतिनिधिमंडल को डीएम व एसएसपी से वार्ता के लिए समाधान दिवस में लोनी तहसील आने का प्रस्ताव दिया था जिसे ठुकरा दिया गया। समाधि पर बैठै किसान किसी भी अधिकारी से वार्ता के लिए किसी दूसरे स्थान पर नहीं जाएंगे। जिस अधिकारी को उनसे वार्ता करनी है उन्हें समाधि स्थल पर ही आना होगा।

नीरज त्यागी का क्रेटेनिन बढ़ा

मंडोला में अनशन पर बैठे 8 किसानों में से नीरज त्यागी की तबीयत खराब बताई जा रही है। जबकि अन्य सात किसान ठीक हैं। लोनी सीएचसी प्रभारी डॉ. वीके तेवतिया का कहना है कि नीरज त्यागी का क्रेटेनिन सामान्य से थोड़ा बढ़ा हुआ है। शुगर लेवल भी भूखे रहने के कारण करीब 251 पर है। अगर जल्द ही उन्हें ठोस आहार नहीं दिया गया तो उनका शुगर लेवल पड़ेगा, जिसका उनकी किडनी पर भी विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।

मांगें नहीं मानी तो महिलाएं भी लेंगी समाधि

किसान नेताओं का कहना है कि अब उनका मुख्य मुद्दा मुआवजा बढ़ाने की मांग न होकर केंद्र सरकार के नए कृषि कानून में संशोधन की मांग है। जब तक सरकार कृषि कानून में संशोधन नहीं करेगी वह समाधि से नहीं उठेंगे। दूसरी ओर महिलाओं ने भी समाधि में बैठने का निर्णय लिया है। महिलाओं के लिए भी गड्ढे खोदने का कार्य शुरू हो गया है।

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