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हड़ताल से दो दिन में दस करोड़ के राजस्व का नुकसान

जिले में ई-रजिस्ट्री पॉलिसी लागू होने से तहसीलों में हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही। दो दिन की हड़ताल से दस करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ है। बैनामा लेखकों का कहना है कि पॉलिसी में कई खामियां हैं,...

हड़ताल से दो दिन में दस करोड़ के राजस्व का नुकसान
गाजियाबाद, कार्यालय संवाददाता,गाज़ियाबादWed, 04 Oct 2017 06:42 PM
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जिले में ई-रजिस्ट्री पॉलिसी लागू होने से तहसीलों में हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही। दो दिन की हड़ताल से दस करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ है। बैनामा लेखकों का कहना है कि पॉलिसी में कई खामियां हैं, जिससे लोगों को परेशानी होगी।

प्रदेश सरकार ने ई-रजिस्ट्री लागू कर दी गई है। बैनामे अब ई-रजिस्ट्री से ही हो सकेंगे। सदर, लोनी और मोदीनगर तहसील के बैनामा लेखक ई-रजिस्ट्री का विरोध करते हुए बेमियादी हड़ताल पर हैं। हड़ताल का असर राजस्व पर पड़ रहा है। रोज 500 रजिस्ट्री की जाती हैं। दो दिन में 10 करोड़ के राजस्व का नुकसान हो गया। एआईजी स्टांप मेवालाल सदर तहसील में बैनामा लेखकों से वार्ता करने पहुंचे। बैनामा लेखकों ने कहा कि जब तक ई-रजिस्ट्री की खामियां दूर नहीं होती तो दीपावली तक पहले की तरह रजिस्ट्री कराने के आदेश दिए जाएं।

सदर तहसील बार एसोसिएशन के सचिव योगेश कुमार त्यागी ने बताया कि सरकार ने बिना प्रशिक्षण के ऑनलाइन पंजीकरण शुरू करा दिया। सदर तहसील को वाईफाई जोन बनाने तथा उप निबंधक कार्यालयों में सभी कर्मचारियों को ऑनलाइन रजिस्ट्री का प्रशिक्षण दिलाने के लिए पूर्व में मांग की गई थी मगर प्रशासन की तरफ से मांग पर ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने मांग उठाई कि शिविर लगाकर ऑनलाइन पंजीकरण का प्रशिक्षण दिया जाए ताकि खामियों को दूर किया जा सका। धरना देने वालों में अशोक वर्मा, पूर्व सचिव शंकर सिंह, अरुण चौधरी, दिनेश कुमार अग्रवाल, कमल सिंह, कुणाल त्यागी, विकास त्यागी और आमोद प्रकाश थे।

ये हैं बैनामा लेखकों की मांगें

बैनामा लेखकों ने कहा कि यदि महिला दो या तीन हैं और एक पुरुष है तो उनमें एक महिला के शेयर की छूट लेने का विकल्प नहीं है। सब रजिस्ट्रार नंबर-2 के क्षेत्राधिकार में राजनगर में केवल सेक्टर दर्शाए गए हैं। ग्रुप हाउसिंग किस जगह स्थित है, यह नहीं दर्शाया गया। यदि एक प्रोपर्टी का आधा भाग विक्रय पत्र द्वारा मिला है व आधा भाग विरासत में मिला तो दोनों को लिखने का विकल्प नहीं। स्टांप पेपर एवं ई-स्टांप पेपर दोनों साथ देने का विकल्प नहीं है। सब रजिस्ट्रार द्वितीय के सेगमेंट गलत हैं। लीज एग्रीमेंट में सर्विस टैक्स का विकल्प नहीं है। हाजरी लगाने के लिए ऑनलाइन सुविधा नहीं है।

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