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पंचायत सदस्यों का नूर हसन पर विश्वास नहीं

जिला पंचायत अध्यक्ष नूर हसन मलिक के खिलाफ सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया। जिला पंचायत सभागार में कड़ी सुरक्षा के बीच बैलेट पेपर से मतदान हुआ। 14 में से 10 जिला पंचायत सदस्यों ने मतदान में...

पंचायत सदस्यों का नूर हसन पर विश्वास नहीं
हिन्दुस्तान टीम,गाज़ियाबादMon, 24 Jul 2017 07:02 PM
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जिला पंचायत अध्यक्ष नूर हसन मलिक के खिलाफ सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया। जिला पंचायत सभागार में कड़ी सुरक्षा के बीच बैलेट पेपर से मतदान हुआ। 14 में से 10 जिला पंचायत सदस्यों ने मतदान में हिस्सा लिया और नूर हसन के खिलाफ वोट किया। वहीं दूसरी ओर नूर हसन गुट ने इसका बहिष्कार किया। प्रशासन ने पूरे मामले की जानकारी शासन को भेज दी है। संभवत: डीएम अब इसकी प्रशासक होंगी। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी खतरे में पड़ गई थी। इस बात को तब और बल मिला जब 10 जिला पंचायत सदस्यों ने अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए डीएम को शपथ पत्र दिया। जिलाधिकारी ने जिला जज को पूरे मामले से अवगत कराते हुए अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के लिए 24 जुलाई का दिन तय किया। मतदान के दौरान किसी प्रकार का विवाद पैदा न हो, इसके लिए सुबह 11 बजे से जिला पंचायत कार्यालय पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया। एसपी सिटी आकाश तोमर और सीओ रूपेश सिंह समेत तमाम प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए। सबसे पहले भाजपा नेता अनिल कसाना कुछ सदस्यों के साथ पहुंचे। 10 सदस्यों के जिला पंचायत कार्यालय में पहुंचने के बाद जिला जज द्वारा नामित जज ने सदस्यों से अलग-अलग बात की और उनके द्वारा दिए अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस पर विचार करने को कहा। करीब 12 बजे मतदान की प्रक्रिया शुरू हुई और 2.15 बजे मतदान खत्म हुआ। एडीएम (प्रशासन) ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि पूरी प्रक्रिया के तहत चुनाव हुए हैं। चुनाव की वीडियोग्राफी कराई गई है। उन्होंने बताया कि मतदान में 10 सदस्यों ने हिस्सा लिया, जबकि चार सदस्य मौजूद नहीं थे। जिला पंचायत अध्यक्ष नूर हसन मलिक समेत चारों सदस्यों को सूचना भेजी गई थी, लेकिन वह मतदान में हिस्सा लेने नहीं आए। पंचायती राज विभाग के प्रमुख सचिव को रिपोर्ट भेजी एडीएम ने बताया कि पंचायती राज विभाग के प्रमुख सचिव को पूरे मामले की रिपोर्ट भेज दी गई है। प्रमुख सचिव रिपोर्ट को शासन के पास भेजेंगे। शासन से यह रिपोर्ट राज्य चुनाव आयोग के पास भेजी जाएगी। चुनाव आयोग ही मतदान की तारीख तय करेगा। इन्होंने विरोध में मतदात किया अमरपाल, वीरमति, उदित, शौकेंद्र कुमार, रजनी, संजू, मुनजरीन, अनिल, लक्ष्मी मावी, ममता ये सदस्य शामिल नहीं हुए रंजीत सिंह तेवतिया, मीनू देवी, नूरहसन, अब्दुल यासीन नूर हसन पर नाराजगी जताई अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले सभी 10 सदस्यों ने मतदान के बाद मीडिया को बताया कि जिला पंचायत अध्यक्ष नूर हसन मलिक उनका सम्मान नहीं कर रहे थे। उनके वार्ड में कोई काम नहीं किया जा रहा था। उनकी बात तक नहीं सुनी जा रही थी। वह किसी भी कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले रहे थे। सत्ता के दबाव में वोट किया था अनिल कसाना व अन्य मौजूद सदस्यों ने बताया कि वह पहले भी नूर हसन मलिक को वोट नहीं देना चाहते थे। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता और प्रशासन के दबाव में आकर उन्होंने नूर हसन को वोट दिया। आरोप लगाया कि जिस किसी ने विरोध किया तो उसे धमकाया गया था। इसी डर की वजह से वह विरोध नहीं कर सके। अनिल कसाना बन सकते हैं जिला पंचायत अध्यक्ष भाजपा सूत्रों के अनुसार भाजपा के अनिल कसाना जिला पंचायत अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं। बताया जा रहा है कि मतदान करने वाले सभी 10 सदस्य उनके समर्थन में आ गए हैं और वह उनके संपर्क में भी है। अनिल कसाना डेढ़ साल पहले ही भाजपा में शामिल हुए हैं। अनिल ने बताया कि पार्टी जो भी फैसला करेगी, वह उसका सम्मान करेंगे।

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