ई-केवाईसी के बाद ही सात फेरे ले सकेंगे
गाजियाबाद में सामूहिक विवाह योजना में पारदर्शिता लाने के लिए नई व्यवस्था लागू की गई है। अब ई-केवाईसी के माध्यम से सत्यापन के बाद ही विवाह होगा। योजना के तहत प्रत्येक जोड़े को एक लाख रुपये की सहायता दी...

गाजियाबाद। सामूहिक विवाह योजना में पारदर्शिता लाने के लिए नई व्यवस्था लागू की गई है। अब ई-केवाईसी के माध्यम से सत्यापन के बाद ही सात फेरे ले सकेंगे। साथ ही, योजना के तहत मिलने वाली धनराशि को भी दोगुना कर दिया गया है। आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों की शादी में आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए सामूहिक विवाह योजना संचालित की जाती है। इसमें प्रदेश सरकार की ओर से प्रत्येक जोड़े को एक लाख रुपये की सहायता दी जाती है। इस धनराशि से शादी में होने वाले खर्च का वहन किया जाता है। समाज कल्याण अधिकारी संदीप चौधरी ने बताया कि अब तक इस योजना में फर्जी वर-वधू के पंजीकरण की शिकायतें सामने आती रही थीं।
इसी को देखते हुए विभाग ने अब आधार कार्ड आधारित ई-केवाईसी को अनिवार्य कर दिया है। उन्होंने बताया कि इसके तहत शादी से पहले वर-वधू की पहचान और उनके दस्तावेजों का सत्यापन इलेक्ट्रॉनिक तरीके से किया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि केवल पात्र और वास्तविक जोड़ों को ही योजना का लाभ मिल सके। बता दें कि योजना के तहत 250 विवाह कराने का लक्ष्य विभाग को मिला है। शादी पर एक लाख रुपये खर्च किए जाएंगे योजना में पहले 50 हजार रुपये से समान खरीदने से लेकर वधू के खाते में 35 हजार रुपये डाले जाते थे। अब नई व्यवस्था से शादी पर कुल एक लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। इसमें से कन्या के बैंक खाते में 60 हजार रुपये भेजे जाएंगे। 25 हजार रुपये में विदाई सामग्री दी जाएगी। इसके अलावा भोजन, टेंट, कुर्सी, पेयजल और विद्युत आदि व्यवस्था में 15 हजार रुपये खर्च होंगे। योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसकी जांच खंड विकास अधिकारी की ओर से ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा कराई जाएगी। इस योजना का लाभ लेने के लिए व्यक्ति की सालाना आय ढाई लाख रुपये तक निर्धारित की गई है।
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