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विधायक नहीं बन पाया तो चुराने लगा कारें, पुलिस ने किया गिरफ्तार

गाजियाबाद में सिहानी गेट पुलिस ने दिल्ली-एनसीआर से वाहन चोरी करने वाले सात लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक चोर ने कैराना विधानसभा से रालोद से पर्चा भी भरा था मगर नामांकन रद्द हो गया था। जबकि...

विधायक नहीं बन पाया तो चुराने लगा कारें, पुलिस ने किया गिरफ्तार
लाइव हिन्दुस्तान टीम,गाजियाबादMon, 24 Sep 2018 08:41 PM
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गाजियाबाद में सिहानी गेट पुलिस ने दिल्ली-एनसीआर से वाहन चोरी करने वाले सात लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक चोर ने कैराना विधानसभा से रालोद से पर्चा भी भरा था मगर नामांकन रद्द हो गया था। जबकि दूसरा एक सहकारी समिति में चेयरमैन भी रह चुका है। दोनों राजनीति में सफल नहीं होने पर दोनों लग्जरी कारें चुराने वाले गिरोह में शामिल हो गए। यह गिरोह चुराने के बाद नंबर बदलकर विभिन्न शहरों में बेच देते थे। इनके पास से दस एसयूवी कार व चार बुलेट बाइक बरामद हुई हैं। 

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण ने बताया कि सोमवार को राजनगर के राम चमेली चड्ढा कॉलेज चौक पर चेकिंग की जा रही थी। इसी दौरान दो कार में सवार सात लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनकी पहचान मुजफ्फरनगर में रहने वाले विशाल कश्यप, उपेंद्र कुमार उर्फ नीटू, लियाकत उर्फ पप्पू, सहारनपुर का अनुज कुमार, लोनी का शेखर, बुलंदशहर का अनिल यादव और नोएडा निवासी अमन उर्फ मन्नू के रूप में हुई है। विशाल कश्यप साल 2007 में रालोद के टिकट पर कैराना विधानसभा से पर्चा भरा था मगर बाद में वोटर लिस्ट में नाम की गड़बड़ी के चलते उसका पर्चा निरस्त हो गया था।

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जबकि सालाखेड़ी का रहने वाला उपेंद्र कुमार भी 14 साल पहले एक सहकारी समिति में चेयरमैन रह चुका है। अमन नोएडा के एक नामी कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई कर रहा है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि लियाकत उर्फ पप्पू और अनुज कुमार पेशे से शातिर वाहन चोर हैं। जबकि बाकी लोग वाहनों को दूसरे शहरों में ठिकाने लगाने और बेचने का काम करते थे। आरोपी महंगी कारों व बाईकों को चुराकर गिरोह के अन्य सदस्यों की मदद से विभिन्न शहरों में बेच देते थे। गिरोह के सदस्य इसके लिए शहरों के डीलरों से संपर्क रखते थे। आरोपियों के पास से दस एसयूवी कारें और चार बाइक बरामद की गई हैं।

एक नंबर की शहर में चल रही थी कई कार
पुलिस ने बताया कि आरोपी गिरोह के लोग वाहनों को चुराकर। उनके दस्तावेज बदल देते थे। एक रंग की और एक नाम की एसयूवी कारों को चुराते थे। इन पर दुर्घटना ग्रस्त वाहनों का  एक नंबर लगा देते थे। वाहनों का चेचेस नंबर बदल देते थे। वाहनों के दस्तावेज की कलर फोटो कॉपी करके वाहनों का अलग- अलग शहरों में बेच देते थे। इन वाहनों पर दुर्घटना ग्रस्त वाहनों के नंबर लगा देते थे।

विशाल और उपेंद्र करते डीलिंग
पुलिस के अनुसार विशाल कश्यप, उपेंद्र कुमार और अनिल यादव अलग-अलग शहरों में वाहन बेचने के लिए डीलिंग करते थे। यह लोग लियाकत व अनुज से चोरी की कारें दो- ढाई लाख में खरीदते थे। उन वाहनों के इंजन नंबर बदलकर चार गुना दामों मे बेच देते थे। 

चोरी के आरोप में जेल जा चुके हैं आरोपी
गिरोह का सरगना लियाकत उर्फ पप्पू वर्ष 2009 में  मुजफ्फरनगर से वाहन चोरी के आरोप में जेल जा चुका है। उपेंद्र कुमार वर्ष 1999 में हिरद्वार से गैंगस्टर धार में जेल गया था। शेखर वर्ष 2014 में सिंभावली क्षेत्र से जेल गया था। 

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छह माह में चुरा चुकें हैं 50 से अधिक कारें
पुलिस  के अनुसार गिरोह के सभी सदस्य बीते छह माह से अधिक सक्रिय हैं। आरोपी ने छह माह के अंदर 50 अधिक कारों को चुराकर बेच चुके हैं। सभी डीलर चोरी के वाहनों को नए वाहनों के दाम पर बेचते थे। 

पसंद की कारें चुराने का था शौक
पुलिस ने बताया कि लियाकत और अनुज को अपनी पसंद की कार चुराने का शौक था। इसके लिए वह केवल विशेष कारों की ही चोरी करते थे। एसयूवी कारों में केवल तीन नामी कंपनियों को ही निशाना बनाते थे। इन कारों की नंबर प्लेट हटाकर दूसरी कारों की नंबर प्लेट लगाकर इस्तेमाल करते थे। बेचने से पहले कारों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर लेते थे। आरोपी दिल्ली- एनसीआर में बीच रास्ते व बाजारों के बाहर  अवैध पार्किंग मे खड़ी गाड़ियों को निशाना बनाते थे। कारों में दरवाजों का लॉक तोड़कर चोरी करते थे।
 

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