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गाजियाबाद में लॉकडाउन 1.0 से अधिक प्रभावी रहा लॉकडाउन 2.0

  रेड जोन नोएडा और दिल्ली से सटे होने के बावजूद गाजियाबाद में लॉकडाउन 2.0 कारगर साबित हुआ है। 14 अप्रैल से तीन मई तक की समयावधि में मरीजों की गुणात्मक वृद्धि का औसत तो कम रहा ही। इन 19 दिनों...

गाजियाबाद में लॉकडाउन 1.0 से अधिक प्रभावी रहा लॉकडाउन 2.0
गाजियाबाद। डॉ. महकार सिंहMon, 04 May 2020 02:54 PM
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रेड जोन नोएडा और दिल्ली से सटे होने के बावजूद गाजियाबाद में लॉकडाउन 2.0 कारगर साबित हुआ है। 14 अप्रैल से तीन मई तक की समयावधि में मरीजों की गुणात्मक वृद्धि का औसत तो कम रहा ही। इन 19 दिनों में रिकॉर्ड 44 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर लौट गए। इसका श्रेय प्रशासनिक अमले के साथ गाजियाबाद के लोगों को भी जाता है। लोगों ने दूसरे चरण में खुद को ज्यादा अनुशासित रखा। इसकी तस्दीक पुलिस कार्रवाई के आंकड़े कर रहे हैं।

लॉकडाउन के पहले चरण (25 मार्च से 14 अप्रैल) के दौरान गाजियाबाद में कोरोना के मरीजों की संख्या तीन से 30 तक पहुंच गई। इन 21 दिनों में 10 गुना मरीज बढ़े। जबकि इस दौरान महज छह मरीज ही ठीक होकर अपने घर जा सके। वहीं लॉकडाउन 2.0 की अवधि (14 अप्रैल से तीन मई तक) में  कोरोना के 52 नए मरीज सामने आए। यह लॉकडाउन प्रथम में 10 गुना बढ़ोत्तरी के मुकाबले बहुत कम (केवल पौने तीन प्रतिशत) रहा। लॉकडाउन 2.0 में 44 मरीज स्वस्थ होक घर लौटे हैं। लॉकडाउन के 21 दिनों के पहले चरण में केवल छह मरीज ही स्वस्थ हो पाए थे। हालांकि लॉकडाउन 2.0 में एक कोरोना पीड़ित वृद्ध महिला की मौत भी हुई। इस बारे में सीएमओ डॉ. एनके गुप्ता का कहना है कि महिला की मौत की वजह दूसरी बीमारियों का होना रहा। कोविड-19 ही कारण नहीं था। मरीजों के स्वस्थ होने की दर में गुणात्मक वृद्धि के चलते ही गाजियाबाद ओरेंज श्रेणी में आ गया है। हालांकि प्रशासन ने एहतियात बरतते क्वारंटाइन सेंटर और कोविड-19 अस्पतालों में भी इजाफा किया है।

लॉकडाउन न होता तो संक्रमित मरीजों का आंकड़ा होता 1760

संक्रमण रोग विशेषज्ञ और डिविजनल सर्विलांस यूनिट के मण्डल प्रभारी डॉ. अशोक तालियान ने बताया कि लॉकडाउन में गाजियाबाद में प्रति दिन संक्रमित मरीज मिलने का औसत करीब दो प्रतिशत रहा। जिसके कारण 40 दिन में 81 मरीज सामने आए , लेकिन लॉकडाउन न होने पर यह अनुपात 44 प्रतिशत से अधिक होता। 40 दिन में कम से कम 1760 मरीज सामने आ जाते। इसके बाद यह अनुपात प्रति दिन के हिसाब से बढ़ता चला जाता।

लॉकडाउन एक में ज्यादा सख्त रही पुलिस

लॉकडाउन 1.0 में लॉकडाउन दो के सापेक्ष पुलिस ज्यादा सख्त रही। लॉकडाउन के पहले चरण में पुलिस ने जहां 432 मुकदमे दर्ज करते हुए 2152 लोगों को गिरफ्तार किया, वहीं लॉकडाउन 2.0 में कुल 290 मुकदमे ही दर्ज हुए। वहीं गिरफ्तारी भी महज 1423 लोगों की हुई। हालांकि सड़कों पर बिना किसी ठोस वजह के दौड़ने वालों वाहनों के खिलाफ कार्रवाई लॉकडाउन एक के सापेक्ष लॉकडाउन दो में ज्यादा हुई। पुलिस के कमांड कार्यालय की रिपोर्ट के मुताबिक लॉकडाउन एक में जहां 10773 वाहनों का चालान हुआ और 520 वाहन जब्त किए गए थे। वहीं लॉकडाउन दो में 20385 वाहनों का चालान हुआ और 638 वाहन जब्त किए गए हैं।

लॉकडाउन एक में ज्यादा रही महंगाई

लॉकडाउन 2.0 के सापेक्ष लॉकडाउन 1.0 में महंगाई और कालाबाजारी ज्यादा हुई। खासतौर पर 24, 25 और 26 अप्रैल को ज्यादातर सामानों की कालाबाजारी हुई। सब्जियों के भाव भी आसमान पर रहे। लेकिन जैसे ही लोगों को एहसास हुआ कि अब किसी भी सामान की कमी नहीं होने वाली तो अपने आप सभी सामान की कीमतें सामान्य हो गई। विभिन्न व्यापारिक प्रतिष्ठान संचालकों ने बताया कि महंगाई और कालाबाजारी की वजह जमाखोरी और दुकानदारों की मुनाफाखोरी रही। दरअसल लोगों को यह डर था कि बाजार सील होने या कर्फ्यू लगने की वजह से जरूरी सामान नहीं मिल पाएगा। ऐसे में लोग जल्दी से जल्दी घर में जरूरी सामान भरने लगे थे।

अजय शंकर पांडेय, जिलाधिकारी, गाजियाबाद कहते हैं कि लॉकडाउन 2.0 में  हमारी रणनीति बहुत कारगर रही है। अधिकारियों व कर्मचारियों के अपने काम पूरे मनोयोग से करने व लोगों के सहयोग का ही फल है कि गाजियाबाद में हालात सुधरे हैं। हम लॉकडाउन का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करते रहेंगे। जल्द ही गाजियाबाद ग्रीन जोन में आएगा।

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