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जुझारू प्रत्याशी को चुनेंगे युवा

कैंपस लाइव। सरकार द्वारा बनाई गई योजनाओं के उचित क्रियान्वयन न होने से शिक्षा और स्वास्थ्य समेत अन्य क्षेत्रों में भी विकास काफी पीछे हैं। शुक्रवार को मोहन नगर स्थित कृष्णा इंजीनियरिंग कालेज के...

जुझारू प्रत्याशी को चुनेंगे युवा
हिन्दुस्तान टीम,गाज़ियाबादFri, 05 Apr 2019 06:25 PM
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सरकार द्वारा बनाई गई योजनाओं के उचित क्रियान्वयन न होने से शिक्षा और स्वास्थ्य समेत अन्य क्षेत्रों में भी विकास काफी पीछे है। शुक्रवार को मोहन नगर स्थित कृष्णा इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों के कहा कि सांसद को जुझारू और आत्मविश्वासी होना चाहिए। इसके अलावा विकास को प्राथमिकता देने वाला उम्मीदवार होना चाहिए।

चुनाव जीतने के बाद अधिकतर जनप्रतिनिधि अगले पांच साल के चुनावी समीकरणों को साधने में लग जाते हैं। जरूरत के मुताबिक काम नहीं होने से आवश्यक जरूरतें पीछे छूट जातीं हैं। सरकारें जिस तरह निजी कॉलेज खुलवानें में इच्छाशक्ति दिखातीं हैं, उसकी तुलना में युवाओं को रोजगार देने के संबंध में कार्यप्रणाली बेहद उदासीन रहती है। प्रत्याशी चुनाव के दौरान रोजगार और अच्छी शिक्षा देने की बात तो करते हैं, लेकिन वास्तविकता से दूर जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए इच्छाशक्ति नहीं दिखाते। लिहाजा हर बार बातें चुनाव के बाद कहीं गुम हो जातीं हैं।

आपराधिक प्रत्याशी का बहिष्कार

विद्यार्थियों का कहना है कि चुनाव से पहले मीडिया के माध्यम आपराधिक पृष्ठभूमि से जुड़े प्रत्याशियों की बात की जाती है। ऐसे प्रत्याशियों के चुनाव जीतने पर पार्टियों को दोष देने वाले लोग खुद इसके लिए जिम्मेदार हैं। पार्टियों के साथ-साथ मतदाताओं की भी जिम्मेदारी है कि वे आपराधिक प्रवृत्ति के प्रत्याशियों को वोट न करें। सार्वजनिक रूप से ऐसे प्रत्याशियों का बहिष्कार होना चाहिए। हमारे बदलने पर ही राजनीतिक पार्टियां अच्छे और ईमानदार प्रत्याशी चुनाव में उतारने पर मजबूर होंगीं।

सत्र से पहले जनता के साथ बैठक करें

स्थानीय स्तर पर समस्याओं के साथ-साथ राष्ट्रहित के कई मुद्दे ऐसे हैं, जिन्हें संसद में उठाया जाना चाहिए। प्रत्याशी ऐसा होना चाहिए जो प्रत्येक सत्र से पहले समाज के विभिन्न वर्गों के साथ बैठक कर उनकी राय ले। विचार-विमर्श के बाद निकले मुद्दों को संसद में उठाने से समस्याओं के निराकरण के साथ-साथ संसद को राष्ट्र हित में भी कोई फैसला लेने में आसानी हो सकती है। संसद में सवाल न पूछने वाले जनप्रतिनिधि से लोग खुद सवाल कर कठघरें में खड़ा करें।

घोषणाओं और वादों को पूरा न कर पाना हो कानूनी जुर्म

1- शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र का निजीकरण समाप्त कर उसे पूरी तरह सरकार के अधीन कर देना चाहिए। इन पर खर्च होने वाले पैसे को लोग निवेश करेंगे, जिससे देश विकसित होगा।

- इनायत

2- युवाओं के लिए योजना बनाकर काम करने वाला सांसद हमारा हो। मुफ्त में चीजें देकर राजनेता हमेशा के लिए देश को गरीब ही बने रहने देना चाहते हैं।

- कपिल शर्मा

3- हम तेजी से जलवायु परिवर्तन के संकटों से घिरते जा रहे हैं। रोजगार और शिक्षा के बीच पर्यावरण और प्रदूषण पर भी बात होनी चाहिए।

- आकाश भारद्वाज

4- रोजगार के अवसरों की कमी वास्तव में बढ़ती जनसंख्या की वजह से है। जनसंख्या नियंत्रण के संबंध में जिस प्रत्याशी के पास स्पष्ट सोच हो, उसे ही वोट देना चाहिए।

- प्रवेश शर्मा

5- पढ़ाई के बाद सिर्फ नौकरी की सोच रखने वाले युवा वर्ग को अपनी रचनात्मक सोच से रोजगार बनाने वाले जनप्रतिनिधि की जरूरत है। देश का विकास इसी में निहित है।

- निखिल शर्मा

6- क्षेत्रीय समस्याओं के साथ-साथ राष्ट्र की समस्याओं के बारे में भी दूरदर्शी सोच रखने वाला प्रत्याशी हो। देश के विकास से ही सबका विकास होगा।

- सुमित साहनी

7- विकास शब्द को जुमला बनाने के बजाए इस शब्द का वास्तविक अर्थ समझने वाले प्रत्याशी की जरूरत है। विकास के रटे-रटाए मुद्दे पर वोट करने से देश पीछे जा रहा है।

- विपुल सक्सेना

8- स्कूल और कॉलेज स्तर पर खेल को पाठ्यक्रम में नियमित रूप से शामिल किया जाए। खेल के रोजगारपरक बनने पर ही बेरोजगारी की समस्या हल हो सकती है।

- उदित

9- आरक्षण की व्यवस्था के चलते प्रतिभावान युवा भी सरकारी नौकरी नहीं पा पाते हैं। ऐसे में निजी क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ जाती है। इस व्यवस्था को खत्म करना चाहिए।

- शिवम बालियान

10- भ्रष्टाचार देश के लिए बड़ी समस्या है। मतदान के दौरान भ्रष्ट प्रत्याशियों के साथ-साथ उनकी पार्टियों को भी ध्यान में रखकर वोट डालना चाहिए।

- अनुभव कौशिक

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