ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News NCR गाज़ियाबाद गड्ढे में डूबने से आठ वर्षीय बच्चे की मौत

गड्ढे में डूबने से आठ वर्षीय बच्चे की मौत

उत्तरांचल विहार कॉलोनी में गुरुवार सुबह बारिश के पानी से भरे गड्ढे में डूबने से आठ वर्षीय बच्चे की मौत हो गई। बच्चा अपने साथियों के साथ खेत में बने गड्ढे के पास खेल रहा था। इसी दौरान वह गड्ढे में...

गड्ढे में डूबने से आठ वर्षीय बच्चे की मौत
हिन्दुस्तान टीम,गाज़ियाबादThu, 02 Aug 2018 07:20 PM
ऐप पर पढ़ें

उत्तरांचल विहार कॉलोनी में गुरुवार सुबह बारिश के पानी से भरे गड्ढे में डूबने से आठ वर्षीय बच्चे की मौत हो गई। बच्चा अपने साथियों के साथ खेत में बने गड्ढे के पास खेल रहा था। इसी दौरान वह गड्ढे में नहाने चला गया, लेकिन गहरे पानी में डूब गया।

गंगा एन्क्लेव की तिलकराम कॉलोनी में रहने वाले संजय का आठ वर्षीय बेटा प्रियांशु गुरुवार सुबह 10:30 साथियों के साथ पास की उत्तरांचल विहार कॉलोनी में बारिश के पानी से भरे खेत के पास खेल रहा था। इसी दौरान वह पानी में नहाने लगा। वह जैसे ही अंदर गया गहरे पानी में डूब गया। दूसरे बच्चों के शोर मचाने पर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और बच्चे को गहरे पानी से बाहर निकाला और निजी चिकित्सक के पास ले गए, लेकिन उसे मृत घोषित कर दिया गया। इसके बाद परिजन बच्चे के शव को जीटीबी अस्पताल ले गए, लेकिन वहां भी चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक बच्चे के परिवार में माता-पिता के अलावा दो बड़ी बहनें और एक छोटा भाई है। परिजनों ने किसी तरह की कानूनी कार्रवाई और शव का पोस्टमार्टम कराने से इंकार करते हुए अंतिम संस्कार कर दिया।

बारिश का पानी भरने के कारण खेत हो गया है तालाब में तब्दील

बारिश के बाद पानी भरने से खेत गहरे तालाब में तब्दील हो चुका है। प्रियांशु बुधवार को अपने साथियों के साथ खेत में भरे पानी में नहाने गया था, लेकिन अंदर नहीं गया था। गुरुवार को नहाते समय वह गहरे पानी में चला गया और डूब गया। साथियों के शोर मचाने पर आसपास के लोगों को पहले तो बच्चे के डूबने की बात पर भरोसा नहीं हुआ, लेकिन दूसरे बच्चों ने उसके कपड़े दिखाए तो कुछ लोग ढूंढ़ने पानी में उतरे। करीब 15 मिनट बाद बच्चे को बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।

निकासी की व्यवस्था न होने से भरता है पानी

नगरीय क्षेत्र की विभिन्न कॉलोनियां बारिश का पानी भरने के बाद तालाब जैसी नजर आने लगती हैं। नगर पालिका के पास जलनिकासी के पुख्ता प्रबंध नहीं है, जिसके कारण कई-कई दिनों तक कॉलोनियों के खाली भूखंडों, पार्कों आदि में बने गड्ढों में पानी भरा रहता है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि नगर पालिका जलनिकासी का उचित प्रबंध करे तो ऐसे हादसों से बचा जा सकता है।

खेत तालाब बन चुके हैं

नगरीय क्षेत्र में बहुत से किसानों ने चारो ओर आबादी होने के बाद भी अपनी भूमि नहीं बेची है। आसपास की कॉलोनियों में लोग पांच से आठ फुट तक मिट्टीभराव कर मकान बना लेते हैं। इसके कारण बारिश का पानी भरने से खेत तालाब बन जाते हैं।

चार बच्चों की नाले में गिरकर मौत हो चुकी है

शहर के नालों में तीन महीने में चार बच्चों की गिरकर मौत हो चुकी है। मई में कैला भट्टा क्षेत्र में दो बच्चे नाले में डूब गई थे। जून में एनएच-24 से सटे बागू क्षेत्र में एक बच्चे की नाले में गिरकर मौत हो गई। इस घटना में किसी प्रकार का हंगामा नहीं हुआ, लेकिन बाद में एक अधिवक्ता की ओर से इस मामले में निगम अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट में लापरवाही बरतने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराने के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया। इस घटना के बाद नगर निगम अधिकारियों ने एनएचएआई अधिकारियों के साथ बैठक करके नालों की व्यवस्था कराने पर वार्ता की। इस क्षेत्र में एनएच-24 के चौड़ीकरण के कारण नाले की व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ी हुई है। साहिबाबाद में 21 जुलाई को सात साल की बच्ची भारती बारिश में खेलते हुए गहरे नाले में बह गई। बच्ची का शव अगले दिन चार किलोमीटर दूर मिला। उसके बाद लोगों ने नालों से सुरक्षा की मांग उठाई।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें