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पुलिस विभाग से मांगी एंबुलेंस कर्मियों के लिए ठहरने की व्यवस्था

गाजियाबाद। संवाददाता। थानों के निकट एंबुलेंस खड़ी करने के शासनादेश के बाद चालक और कर्मचारियों को परेशानी बढ़ गई हैं। परेशानी को देखते हुए सीएमओ ने एसएसपी से थाने में एंबुलेंस चालकों को ठहरने के लिए...

पुलिस विभाग से मांगी एंबुलेंस कर्मियों के लिए ठहरने की व्यवस्था
हिन्दुस्तान टीम,गाज़ियाबादMon, 01 Jul 2019 07:52 PM
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-थाने के निकट एंबुलेंस खड़ी करने के शासनादेश से चालक और कर्मचारियों की परेशानी बढ़ीगाजियाबाद। संवाददाताथानों के निकट एंबुलेंस खड़ी करने के शासनादेश के बाद चालक और कर्मचारियों को परेशानी बढ़ गई हैं। परेशानी को देखते हुए सीएमओ ने एसएसपी से थाने में एंबुलेंस चालकों को ठहरने के लिए व्यवस्था की मांग की है। पुलिस के सामने दिक्कत है कि थानों में उनके लिए ही व्यवस्था नहीं बन पाती है तो एंबुलेंस चालकों के लिए व्यवस्था कहां से करें। इस मामले में एसपी सिटी ने सीएमओ से शासनादेश मांगा है, जिससे कि एंबुलेंस चालकों के लिए व्यवस्था की जा सके। मरीजों को समय पर एंबुलेंस उपलब्ध कराने के उद्देश्य से थाने के निकट एंबुलेंस खड़ी करने के शासनादेश जारी हुए थे, लेकिन नई व्यवस्था से एंबुलेंस पर तैनात चालक अन्य कर्मचारियों के लिए ठहरने की व्यवस्था गड़बड़ा गई है। अभी तक एंबुलेंस के चालकों सहित अन्य कर्मचारियों के लिए जिला अस्पताल, सीएचसी-पीएचसी में ही ठहरने की व्यवस्था थी। नए शासनादेश से एंबुलेंस को सड़क पर यानि थानों में खड़ा किया जा रहा है। नई व्यवस्था से एंबुलेंस कर्मचारियों के लिए खाना बनाने, नहाने व दैनिक कामों के लिए समस्या आने लगी है। सीएमओ डॉ. एनके गुप्ता ने बताया कि एंबुलेंस को अस्पताल के बजाय थानों के निकट खड़ा किया जा रहा है, इसका उद्देश्य है कि जरूरत पड़ने पर मरीजों को जल्द ही उपलब्ध हो सकें। -------------शिकायत पर तीन एंबुलेंस चालक हटाए- एंबुलेंस लेकर समय से नहीं पहुंचने की मिल रही थी शिकायत गाजियाबाद। संवाददाताकिसी हादसे में समय पर एंबुलेंस लेकर न पहुंचने की शिकायत पर तीन एंबुलेंस चालकों को हटा दिया गया है। एंबुलेंस 102 के चालकों के खिलाफ लंबे समय से देरी से पहुंचने की शिकयात मिल रही थी। इसके बाद कार्रवाई करते हुए इन्हें हटाया दिया गया है। जिले में 102 एंबुलेंस वाली 17 संचालित की जा रही है। इनका प्रयोग कॉल के बाद गर्भवती महिलाओं को घर से अस्पताल पहुंचाना होता है। वहीं डिलीवरी बाद जच्चा-बच्चा को उनके घर छोडक़र आना होता है। कॉल करने के बाद निर्धारित रिस्पॉस टाइम पर गर्भवती महिला के घर पहुंचना होता है। लेकिन 102 पर तैनात कुछ चालक समय से नहीं पहुंच रहे थे। जिसके चलते गर्भवती महिलाओं को एंबुलेंस के लिए लंबा इंतजार भी करना पड़ता है, यहां तक कि समय से एंबुलेंस नहीं पहुंचने पर प्राइवेट में वाहन तक करना पड़ता है। ऐसे में 102 पर तैनात चालकों की शिकायत स्वास्थ्य विभाग एवं कंपनी से की गई थी। जिसके बाद कंपनी द्वारा इन पर कार्रवाई की गई। जिला प्रभारी एंबुलेंस जयवेन्द्र सिंह ने बताया कि जिला एमएमजी अस्पताल से अटैच 102 पर तैनात रूप सिंह, अशोक और धर्मवीर की एंबुलेंस लेकर अक्सर देरी से पहुंचने की शिकायत मिल रही थी। शिकायत के आधार पर इनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए रूप सिंह व अशोक को जनपद में संचालित 102 एंबुलेंस से हटा दिया गया है। बताया कि लगातार एंबुलेंस के रिस्पॉस टाइम को कम करने पर कार्य किया जा रहा है।

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