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शहर के हर वार्ड में 60 लाख के विकास कार्य होंगे

गाजियाबाद। कार्यालय संवाददाता। नगर निगम की बोर्ड बैठक में शनिवार को हंगामा के बीच बजट पास हो गया। निगम इस साल 1367 करोड़ से ज्यादा के विकास कार्य...

शहर के हर वार्ड में 60 लाख के विकास कार्य होंगे
हिन्दुस्तान टीम,गाज़ियाबादSat, 21 May 2022 09:00 PM
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गाजियाबाद। कार्यालय संवाददाता। नगर निगम की बोर्ड बैठक में शनिवार को हंगामा के बीच बजट पास हो गया। निगम इस साल 1367 करोड़ से ज्यादा के विकास कार्य कराएगा। साथ ही शहर के हर वार्ड में पार्षद कोटे से 60 लाख के कार्य कराए जाएंगे। हालांकि पिछले वित्त वर्ष के कार्य नहीं होने से नाराज पार्षदों ने सदन में जोरदार हंगामा भी किया।

निगम सभागार में सुबह बोर्ड बैठक शुरू हुई। पार्षदों ने वार्डों में विकास कार्य नहीं होने पर नाराजगी जताई। ज्यादातर पार्षद इस बात से नाराज थे कि गत वित्त वर्ष के कार्य नहीं हो सके। कुछ पार्षदों ने कहा आधे काम बीच में ही छोड़ दिए गए। इससे जनता परेशान है। कांग्रेस पार्षद मनोज चौधरी ने वर्ष 2022-23 में हर वार्ड में एक करोड़ रुपये से विकास कार्य कराने की मांग रखी। उन्होंने सदन में आरोप लगाया कि कुछ वार्डों में ज्यादा काम कराए जा रहे हैं जबकि कुछ वार्डों की अनदेखी हो रही है। भाजपा के पार्षद राजेंद्र त्यागी ने कहा यह चुनावी साल है। हर पार्षद के वार्ड में विकास कार्य कराए जाए। उन्होंने महापौर आशा शर्मा से कहा अक्तूबर तक हर वार्ड में 60 लाख के कार्य कराए जाए। इस पर महापौर ने सभी 100 वार्ड में पार्षद कोटे से 60-60 लाख के विकास कार्य कराने की मंजूरी दी। साथ ही उन्होंने पुराने कार्यों में तेजी लाने की बात कही। इसके अलावा राजेंद्र त्यागी ने अवस्थापना निधि का बजट जारी कराने की मांग की। इस पर महापौर ने सदन को बताया कि अगले माह प्रदेश सरकार के जिला प्रभारी मंत्री गाजियाबाद का दौरा करने आ रहे हैं। उनके साथ सभी पार्षदों की बैठक कराई जाएगी। उसमें अवस्थापना निधि पर चर्चा होगी। मंत्री से वार्ता के बाद यदि कोई निर्णय नहीं होता तो फिर पार्षद लखनऊ जाएंगे। इसके अलावा अन्य पार्षदों ने अपने वार्डों की समस्या रखी।

सालभर में 1367 करोड़ से ज्यादा विकास कार्यों पर खर्च होंगे

गाजियाबाद। कार्यालय संवाददाता

निगम की बैठक में चर्चा के बाद बजट पास कर दिया गया। इस वित्त वर्ष में शहर के विकास कार्यों पर 1367 करोड़ से ज्यादा खर्च किए जाएंगे। निर्माण विभाग, स्वास्थ्य और उद्यान विभाग आदि के कार्य रफ्तार पकड़ेंगे। बजट से पेयजल आपूर्ति, पर्यावरण और साफ-सफाई में सुधार होगा।

निगम ने इस बार बजट में इजाफा किया है। वर्ष 2021-22 में 1100 करोड़ रुपये बजट था। इस वित्त वर्ष 2022-23 में 1367 करोड़ से ज्यादा का रखा है। निर्माण विभाग इस साल 189 करोड़ रुपये से ज्यादा निर्माण कार्यों पर खर्च करेगा। इसमें सड़कों की मरम्मत, तालाबों का सौंदर्यकरण आदि कार्य कराए जाएंगे। जलकल विभाग में पेयजल आपूर्ति में सुधार किया जाएगा। इसके लिए 84 करोड़ 55 लाख रुपये खर्च होंगे। कई वार्ड में नई पाइप लाइन डाली जाएंगी। इसके साथ ही हैंडपंप लगाए जाएंगे। जर्जर पाइप लाइन की मरम्मत होगी। सीवर व्यवस्था और मैनहोल में सुधार किया जाएगा। पेयजल से जुड़े अन्य कार्यों पर भी काम होगा। प्रकाश व्यवस्था पर 19 करोड़ से ज्यादा खर्च होंगे। पार्कों के अंदर प्रकाश व्यवस्था होगी। स्वास्थ्य विभाग को 164 करोड़ रुपये का आवंटन होगा। स्वास्थ्य विभाग का बजट बढ़ाया गया है। नालों की साफ-सफाई, मच्छरों को मारने के लिए फॉगिंग होगी। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन में सुधार किया जाएगा। उद्यान विभाग का बजट भी बढ़ाया है। 37 करोड़ रुपये पर्यावरण सुधार और अन्य कार्यों पर खर्च किए जाएंगे। पार्कों की चारदीवारी और फुटपाथ तैयार होंगे।

सर्किल रेट से हाउस टैक्स बढ़ाने पर चर्चा नहीं

निगम की तरफ से बजट पर चर्चा के बाद कुछ प्रस्ताव रखे जाने थे। इसमें निगम की तरफ से जिलाधिकारी सर्किल रेट से हाउस टैक्स में बढ़ोतरी करना का प्रस्ताव था। इसके अलावा निगम की डेढ़ हजार से ज्यादा दुकानें हैं। उनका एक दशक से किराया नहीं बढ़ा सका। दुकानों का किराया बढ़ाने के संबंध में चर्चा होनी थी। लेकिन भाजपा पार्षद राजेंद्र त्यागी ने कहा कि पिछले वर्ष ही 15 फीसदी हाउस टैक्स में बढ़ोतरी की गई। डीएम सर्किल रेट के हिसाब से टैक्स बढ़ाकर जनता पर भार नहीं पड़ने देंगे। उन्होंने कहा कि निगम के पास आए बढ़ाने के अन्य स्रोत हैं। निगम के प्रस्ताव पर दूसरी बैठक में चर्चा होगी। इसके बाद महापौर ने बोर्ड बैठक खत्म करने की घोषणा कर दी। साथ ही कहा कि निगम के जो प्रस्ताव हैं उन पर चर्चा के लिए अलग से बैठक बुलाई जाएगी। विधानसभा सत्र खत्म होने के बाद फिर से बैठक होगी।

बोर्ड बैठक में इंदिरापुरम के हैंडओवर की मंजूरी

गाजियाबाद। कार्यालय संवाददाता

नगर निगम इंदिरापुरम को हैंडओवर करेगा। इसकी बोर्ड ने मंजूरी दे दी। फिलहाल निगम पार्कों का रखरखाव, स्ट्रीट लाइट और साफ-सफाई का काम करेगा। अगले माह गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) के साथ मिलकर सभी प्रक्रिया पूरी होंगी। इंदिरापुरम के आठ पार्षद लंबे समय से यह मांग कर रहे थे।

इंदिरापुरम के हैडंओवर करने को लेकर कई साल से जीडीए और निगम के बीच चर्चा चल रही है। पार्षद संजय और अभिनव जैन समेत कई पार्षद साढ़े चार साल से सदन की बैठक में इंदिरापुरम के हैंडओवर की मांग कर रहे थे। वित्तीय मसलों की वजह से निगम इस योजना को लेने के लिए तैयार नहीं हो रहा था। इससे नाराज पार्षद संजय अदालत में चले गए। कोर्ट का फैसला आने से पहले ही शनिवार को बोर्ड बैठक में निगम इंदिरापुरम की तीन सेवा लेने के लिए तैयार हो गया। पार्कों का रख रखाव, स्ट्रीट लाइट और साफ-सफाई का काम अब निगम करेगा। यह काम अभी तक जीडीए करता था। नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने बातया कि इस बारे में जीडीए अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी। लगभग एक माह में सभी प्रक्रिया पूरी हो जाएंगी।

निगम-जीडीए के बीच पूर्व में सर्वे हो चुका

इंदिरापुरम को लेकर जीडीए और निगम अधिकारियों के बीच पूर्व में सर्वे हो चुका है। सर्वे के बाद दोनों ही विभाग के अधिकारियों के अलग-अलग तर्क थे। डीए के अधिकारियों ने तर्क दिया था कि निगम इंदिरापुरम क्षेत्र से सालाना करोड़ों रुपये हाउस टैक्स लेता है। इसके बाद भी निगम की तरफ से इंदिरपुरम में कोई कार्य नहीं कराया जाता। वहीं, प्राधिकरण इदिरापुरम से 20 से 22 करोड़ रुपये सालाना रखरखाव शुल्क लेता है, लेकिन वहां 40 से 50 करोड़ रुपये सालाना रखरखाव पर खर्च किया जाता है। वहीं निगम अधिकारियों का कहना था कि इंदिरापुरम को कुछ बिंदुओं पर ही हैंडओवर करेंगे। इसमें सफाई व्यवस्था और विद्युत सबसे पहले हैंडओवर किया जा सकता है। इसके बाद अन्य बिंदुओं पर विचार किया जा सकता है। उधर जीडीए प्रथम चरण में सड़क, सफाई और विद्युत को शामिल करने की वकालत कर रहा है। वित्तीय मसलों को लेकर दोनों विभाग में सहमति नहीं बन रही थी।

जीडीए से सिटी फॉरेस्ट लेने की तैयारी

निगम ने करहेड़ा स्थित सिटी फॉरेस्ट को लेने की तैयारी शुरू कर दी। इसे लेकर बोर्ड बैठक में काफी हंगामा हुआ। भाजपा पार्षद राजेंद्र त्यागी ने कहा कि सिटी फॉरेस्ट को लेकर निगम और जीडीए के बीच अभी तक अनुबंध नहीं हुआ है। जबकि उसे निगम ने अपनी जमीन पर विकसित किया। जीडीए को वहां से काफी आमदनी हो रही है। इस पर नगर आयुक्त ने सदन को बताया कि जीडीए से अनुबंध नहीं होने पर सिटी फारेस्ट को वापस लिया जाएगा। इसका संचालन निगम खुद करेगा। बता दें कि जीडीए ने वर्ष 2013 में राजनगर एक्सटेंशन के पास करहेडा में सिटी फॉरेस्ट विकसित किया था। करीब 175 एकड़ में सिटी फॉरेस्ट को विकसित किया गया। जीडीए के उद्यान अनुभाग ने यहां 12 पॉकेट विकसित किए। यहां आम, जामुन, आंवला, औषद्यी सहित अन्य प्रजातियों के एक लाख से ज्यादा पेड़ लगाए हैं।

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