अर्द्धसैनिक बलों में 33 फीसदी महिलाओं पर जोर : राजनाथ
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अर्द्ध सैनिक बलों में महिलाओं की भागीदारी 33 फीसदी करने पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने भर्ती प्रक्रिया के आरक्षण में महिलाओं की संख्या बढ़ाने की बात कही, ताकि महिलाओं...
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अर्द्ध सैनिक बलों में महिलाओं की भागीदारी 33 फीसदी करने पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने भर्ती प्रक्रिया के आरक्षण में महिलाओं की संख्या बढ़ाने की बात कही, ताकि महिलाओं की भागीदारी 33 फीसदी हो सके। आंकड़ों के अनुसार फिलहाल सीआईएसएफ में महिलाओं की संख्या 5.4 फीसदी है।
गाजियाबाद के इंदिरापुरम में सीआईएसएफ की पांचवीं आरक्षित वाहिनी में शनिवार को 49वें स्थापना दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में राजनाथ सिंह पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि सीआईएसएफ के जवान बहुआयामी हैं। इस बल के जवान और अधिकारी औद्योगिक इकाइयों के साथ आपदा में भी सहयोग करते हैं, साथ ही नक्सली क्षेत्रों में इनकी तैनाती की जाती है।
गृहमंत्री ने कहा कि औद्योगिक संस्थानों की सुरक्षा चार आयामों पर टिकी है। पहला आयाम संस्थानों की सुरक्षा, दूसरा डाटा व सूचना की सुरक्षा, तीसरा आपताकालीन स्थिति में कैसे निपटा जाए। नया और चौथा आयाम है कि साइबर अपराधियों से कैसे बचा जाए। उन्होंने बताया कि अपराधी और आतंकवादी देश की महत्वपूर्व डाटा व सूचनाओं को हैंक कर सुरक्षा में सेंध लागने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने सीआईएसएफ के साथ दूसरे बलों को साइबर सेल की सुरक्षा को और मजबूत करने को कहा।
औद्योगिक सुरक्षा के लिए दुनिया में सबसे बड़ी फोर्स
गृहमंत्री ने कहा कि औद्योगिक सुरक्षा के मामले में भारत दुनिया में सबसे बड़ा फोर्स वाला देश है। सीआईएसएफ में जवानों की संख्या 1.54 लाख है। इतनी फोर्स की संख्या दुनिया के किसी और देश में नहीं है।
साल 2022 में नया सीआईएसएफ
गृहमंत्री ने कहा कि साल 2022 में भारत के आजादी के 75 साल पूरे हो रहे हैं। ऐसे में सीआईएसएफ का विकास कर बदलाव करें, जिससे साल 2022 में नया सीआईएसएफ नजर आए। उन्होंने कहा कि सीआईएसएफ स्थापना के 50 साल में प्रवेश कर चुका है। साल 2018 में 50वां स्थापना दिवस मनाया जाएगा। जो सीआईएसएफ के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होगा।