एक फरवरी से 10 किमी. दूर माल भेजने पर ई-वे बिल लगेगा
जीएसटी के बाद अब व्यापारियों को ई-वे-बिल लगाना अनिवार्य किया जा रहा है। एक फरवरी से लागू नई व्यवस्था में 10 किमी. से दूर माल भेजने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वे बिल (ई-वे बिल) लगाना पड़ेगा। बिल की अधिकतम...
प्रदेश सरकार ने व्यापारियों पर लगाया एक और बिल
10 किमी. से दूर माल भेजने पर ई-वे लगाना अनिवार्य
जोन में 65 हजार से ज्यादा हैं पंजीकृत व्यापारियों पर भार
जीएसटी के बाद अब व्यापारियों को ई-वे-बिल लगाना अनिवार्य किया जा रहा है। एक फरवरी से लागू नई व्यवस्था में 10 किलोमीटर से दूर माल भेजने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वे बिल (ई-वे बिल) लगाना पड़ेगा। बिल की अधिकतम सीमा 50 हजार है। 50 हजार से ज्यादा की खरीद-ब्रिकी पर यह प्रपत्र अनिवार्य है। व्यापार मंडल की मानें तो जीएसटी के बाद अब ई-वे बिल से व्यापारियों पर शिकंजा कसने की नई तैयारी है। विभाग ने व्यापारियों को इस बिल के बारे में जानकारी देने के लिए मंगलवार को सेमिनार का आयोजन किया है। जिले के व्यापारी इस नए बिल को लेकर पेशोपेश में हैं।
वाणिज्य कर विभाग के अपर आयुक्त राजकुमार सिंह कुशवाहा ने बताया कि जीएसटी काउंसिल ने परिवहन कागजातों के साथ ई-वे-बिल की व्यवस्था लागू की है। विभाग के पोर्टल से इसे व्यापारी डाउनलोड कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस नए बिल के लिए व्यापारी के प्रतिष्ठान से 10 किमी की दूरी और 50 हजार रुपये के बिल की बाध्यता है। अभी तक ई-वे बिल 1 से माल का परिवहन होता था।
कुछ मामलों में ई-वे बिल-2 लगाना पड़ता था। अपर आयुक्त ने बताया कि अब 10 किमी से दूरी पर माल परिवहन के लिए अन्य प्रपत्रों के साथ ई-वे बिल लगाना अनिवार्य है। इस प्रपत्र के नहीं होने पर परिवहन माल को अवैध मानकर अर्थदंड वसूलने की व्यवस्था है। उत्तर प्रदेश-दिल्ली की सीमा पर प्रांत से बाहर माल भेजने के लिए यह प्रपत्र अनिवार्य है। इसमें 10 किमी की सीमा लागू नहीं रहेगी।
करीब 65 हजार हैं पंजीकृत व्यापारी
वाणिज्य कर विभाग के आंकड़े के मुताबिक गाजियाबाद जोन में करीब 65 हजार व्यापारी पंजीकृत हैं। जोन क्षेत्र में हापुड़, बुलंदशहर जिला भी शामिल हैं। जीएसटी लागू होने के बाद से पंजीयन की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है।
कई व्यापारियों का कहना है कि इससे फिर व्यापारियों की परेशानी बढ़ेगी। क्योंकि नई व्यवस्था अपनाने से ज्यादा फार्म को डाउनलोड करने में परेशानी ज्यादा होती है।
आज भी कर सकते हैं फार्म डाउनलोड
उपायुक्त (प्रशासन) प्रमोद कुमार दूबे ने बताया कि जीएसटी काउंसिल से ई-वे-बिल लागू किया गया है। उत्तर प्रदेश समेत कई प्रदशों में एक फरवरी से लागू किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वैसे ऑनलाइन 16 जनवरी से उपलब्ध है। काई व्यापारी आज से भी माल के साथ परिवहन कागजातों के साथ ई-वे-बिल लगा सकता है। 31 जनवरी की आधी रात से अनिवार्य होगा।
इनपर लागू नहीं हो-
यह बिल बहुमूल्य धातुओं तथा आभूषणों के परिवहन पर लागू नहीं होगा। इसके अतिरिक्त घरेलू उपभागे हेतु एलपीजी, पीडीएस व्यवस्था के तहत वितरण के लिए केरोसिन तेल, भारतीय मुद्रा और पुराना प्रयुक्त निजी और घरेलू सामान।