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ठगी की रकम वापस वसूलने के लिए किया तीन ठगों का अपहरण

गाजियाबाद। वरिष्ठ संवाददाता। बुधवार को वैशाली से अपहृत किए गए छात्र और उसके दो साथियों को पुलिस ने शुक्रवार तड़के अपहरकर्ताओं के चंगुल से छुड़ा लिया। पुलिस ने इस मामले में आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर...

ठगी की रकम वापस वसूलने के लिए किया तीन ठगों का अपहरण
हिन्दुस्तान टीम,गाज़ियाबादFri, 21 Jun 2019 08:54 PM
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ठगी की रकम वापस वसूलने के लिए किया तीन ठगों का अपहरण-एक छात्र व दो अन्य युवक मिलकर नौकरी के नाम पर करते थे ठगी-यूपी पुलिस, आरपीएफ और डाक विभाग में भर्ती के नाम पर लोगों से ठगे थे 56 लाख रुपयेगाजियाबाद। वरिष्ठ संवाददाताबुधवार को वैशाली से अपहृत किए गए छात्र और उसके दो साथियों को पुलिस ने शुक्रवार तड़के अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ा लिया। पुलिस ने इस मामले में आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर अपहरण में इस्तेमाल की गईं दो कारों को भी बरामद किया है। अपहरणकर्ताओं ने ठगी की रकम वसूलने के लिए छात्र और उसके दो साथियों का अपहरण किया था। दरअसल छात्र व उसके तीन साथियों ने नौकरी दिलाने के नाम पर करीब 25 लाख रुपये की ठगी की थी, लेकिन नौकरी नहीं लगवा पाए। एसपी सिटी श्लोक कुमार ने बताया कि 19 जून को हापुड़ के गांव कपूरपुर का रहने वाला निर्दोष राणा घर से सुंदरदीप कॉलेज में मार्कशीट ठीक कराने के लिए निकला था। रास्ते से निर्दोष का अपहरण हो गया। इससे पहले ही अपहरणकर्ता दो भाई मनोज और अजीत निवासी भैंसरोली थाना अगोला, बुलंदशहर को अपहरण कर लाए थे। दोपहर में निर्दोष के पड़ोसी श्याम सुंदर को फोन कर उसकी दुर्घटना की सूचना दी। परिजनों को गाजियाबाद गोविंदपुरम में बुलाया, लेकिन वहां अपहरणकर्ता नहीं मिले। इसके बाद दो जगह और बुलाया। इसके बाद शाम को परिजनों को मनोज के नंबर से निर्दोष की मौसी के नंबर पर फोन कर पांच लाख रुपये की फिरौती मांगी गई। अपहरणकर्ता उसे लेकर बुलंदशहर चले गए। जबकि अजीत को पैसे लाने के लिए छोड़ दिया। दूसरे दिन मामले में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने सभी के मोबाइल को सर्विलांस पर लगाकर लोकेशन ट्रेस कर ली। शुक्रवार की तड़के पुलिस ने अपहरण करने वाले आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर मनोज और निर्दोष को बरामद कर लिया। एसपी ने बताया कि निर्दोष, मनोज, अजीत और इनके एक साथी सुनील ने अपहरणकर्ताओं से नौकरी लगवाने के नाम पर 25 लाख रुपये ठगे थे। नौकरी नहीं लगने व रुपये वापस न देने पर आरोपियों ने इनका अपहरण कर लिया। रुपये वसूली के दबाव बनाया, इस पर इन लोगों ने पांच लाख रुपये होने की बात कही। यह रुपये लाने के लिए अजीत को छोड़ दिया था। उधर, पुलिस ने घेराबंदी कर मधुबन बापूधाम रोड पर आठ अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। अपहरण में की गई एक स्विफ्ट कार व एक ईको बरामद की है। ------ अपहरण का मास्टरमाइंड था सुनील व इंदरपुलिस क्षेत्राधिकारी द्वितीय आतिश कुमार ने बताया अपहरण करने का पूरा प्लान आरोपी सुनील और इंदर ने बनाया था। सुनील और इंद्र से ठग निर्दोष, अजीत, मनोज और सुनील ने 15 लाख रुपये लिए थे। यह रुपये यूपी पुलिस और आरपीएफ में भर्ती कराने के नाम पर लिए गए थे। इंदर ने अपने भतीजों को भर्ती कराने के नाम पर रुपये दिए थे। इसके अलावा आरोपी विक्रम से भी डाक विभाग में भर्ती के नाम पर लाखों रुपये लिए थे। अपहरण के बाद विक्रम और इंदर ही फिरौती की रकम के लिए मनोज के फोन से बात कर रहे थे। -----निर्दोष को मार भी सकते थे अपहरणकर्तानिर्दोष (21) इसी वर्ष सुंदरदीप कॉलेज से बीफार्मा से पासआउट है। अपहरणकर्ताओं की योजना निर्दोष को मारने की थी, लेकिन एन मौके पर पांच लाख रुपये देने की बात पर अपहरण करने वालों ने अजीत को रुपये लेने के लिए भेज दिया था। अजीत जब घर पहुंचा तो उसने मनोज के अपहरण की बात न कहकर अपने परिजनों के साथ निर्दोष के घर चला गया था। हालांकि पुलिस पीछे पड़ने की वजह से वह निर्दोष को मार नहीं पाए थे। -----आरपीएफ, यूपी पुलिस और डाक विभाग में भर्ती के नाम पर ठगे थे 56 लाख रुपयेकविनगर प्रभारी निरीक्षक राजकुमार शर्मा ने बताया कि निर्दोष व दोनों भाई अजीत, मनोज और बुलंदशहर के टियाना थाना बीबीनगर का रहने वाले सुनील ने मिलकर करीब 15 लोगों ने आरपीएफ, यूपी पुलिस, डाक विभाग में भर्ती के कराने के नाम पर 56 लाख रुपये एकत्र किए थे। पुलिस में भर्ती कराने के नाम पर नौ लाख डाक विभाग में भर्ती के नाम पर 15.50 लाख और आरपीएफ में भर्ती कराने के लिए 26 लाख रुपये वसूल किए थे। भर्ती न होने पर यह लोग रुपये वापस न देने पर लोगों के दुश्मन बनते चले गए।------सीबीआई अधिकारी के रूप में अजीत व सेना में होने की बात कहता था निर्दोषनौकरी लगवाने के लोगों को लाने का काम सुनील करता था। वह अजीत को सीबीआई अधिकारी और निर्दोष को सेना में अफसर का परिचय देकर मिलवाता था। इन दोनों समेत मनोज लोगों को नौकरी लगवाने के लिए कन्वेंस करता था। इसके बाद ये लोग रुपये लेते थे। इसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका सुनील की रहती थी। वहीं मीडिएटर का काम करता था। पुलिस के मुताबिक निर्दोष के अकाउंट में ठगे गए तीन लाख रुपये जमा भी हैं। ----बीबीनगर थाने में तहरीर देने के बाद किया था अपहरणअपहरणकर्ताओं ने पहले ठगों के खिलाफ बुलंदशहर के बीबीनगर थाने में तहरीर दी थी, लेकिन पुलिस से सहयोग मिलता न देख तुरंत की निर्दोष, अजीत और मनोज के अपहरण की योजना बना डाली। निर्दोष का बैशाली से और मनोज व उसके भाई अजीत को तिगरी से अपहरण कर लिया था। ----बुलंदशहर के दो गांव के लोगों से की थी ठगीनौकरी लगवाने के नाम पर बुलंदशहर जिले के दो गांव सहरा और टियाना के लोगों से ठगी की थी। सभी रकम ठगों ने इन्हीं गांवों के लोगों से एकत्र की थी। वहीं मीडिएटर का काम करना था। वहीं पकड़े गए आरोपियों में से इन लोगों ने किसी के भतीजों को भर्ती कराने तो किसी के भाई को भर्ती कराने के नाम पर मोटी रकम ऐंठी थी। एक आरोपी विक्रम के भतीजों को भी भर्ती कराने के नाम पर 15.50 लाख रुपये लिए थे। ----अपहरणकर्ताओं के नाम--विक्रम पुत्र सतवीर सिंह, शिवपुरम द्वितीय मिशलगढ़ी, थाना मसूरी।-राजकुमार पुत्र तेज सिंह, आकापुर टियाना, थाना बीबीनगर बुलंदशहर।-राहुल त्यागी पुत्र हरि प्रकाश, आकापुर टियाना, थाना बीबीनगर बुलंदशहर।-सुनील कुमार पुत्र तेजपुर, आकापुर टियाना, थाना बीबीनगर बुलंदशहर।-अनिल कुमार पुत्र गजब सिंह, जीजी-65 अवंतिका थाना कविनगर।-इंदर पुत्र सुखवीर, ग्राम सहरा थाना बीबीनगर बुलंदशहर।- विवेक पुत्र बिजेंद्र, सहरा थाना बीबीनगर बुलंदशहर।-राजकुमार पुत्र सतवीर, शेखपुर थाना बाबूगढ़ हापुड़।गाजियाबाद में पहले भी हुई हैं नौकरी के नाम पर ठगी:14 जून: मोदीनगर के गांव सुठारी में कोर्स करवाने के नाम पर 80 छात्रों से ठगी। 12 जून: उड़ीसा के विश्वरंजन महापात्र और उसके तीन दोस्तों से एक ठग ने कुवैत में नौकरी दिलाने के नाम पर 1.55 लाख रूपये ठग लिए। 26 मई: रेलवे मे नौकरी लगवाने के नाम पर मोदीनगर के तीन युवकों से ठगे दस लाख रुपये5 मई: विदेश में नौकरी लगवाने के नाम पर मुरादनगर की महिला से सात लाख रुपये ठगे11 मार्च: इंदिरापुरम पुलिस ने कौशाम्बी से बेरोजगार युवकों को विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपियों के पास से 27 पासपोर्ट और अन्य सामान बरामद।9 दिसम्बर 2018: इंदिरापुरम पुलिस ने बेरोजगार युवाओं को नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले एक युवक को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी युवक के पास से कई कंपनियों के फर्जी नियुक्ति पत्र और कॉल लेटर बरामद किए। पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। नोएडा मेंहुए ठगी के मामले ठगी के पुराने मामले-2 अप्रैल 2019 जिला अस्पताल में 18 सफाई कर्मचारियों को स्थाई नौकरी दिलाने के नाम पर ठगों ने उनसे 4 लाख रुपये ठग लिए। कोर्ट के आदेश पर थाना सेक्टर-20 पुलिस ने केस दर्ज किया गया था। -7 फरवारी 2018 को नोएडा की निजी कंपनी में मार्केटिंग हेड की नौकरी दिलाने के नाम पर चार लोगों से 80 हजार रुपये की ठगी की गई। सेक्टर-20 थाने में केस दर्ज हुआ था। -18 अप्रैल को 2018 को रेलवे में टीटीई की नौकरी लगवाने के नाम पर ठगों ने एक लाख 60 हजार रुपये की ठगी कर ली। -20 मई 2019 को केंद्रीय सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय की कंपनी में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 100 से अधिक युवाओं से 7 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी की गई थी। आरोपी खुद को आईएएस और केंद्रीय सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योग मंत्री गिरिराज सिंह का करीबी बताता था। कई युवक नौकरी ज्वाइन करने करने सेक्टर-8 के पहुंचे तो दफ्तर बंद मिला। युवकों ने हंगामा कर दिया और बाद में एसपी सिटी से जाकर शिकायत की।

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