4 करोड़ के लिए व्यापारी के बेटे का किडनैप, जान लेने वाले थे, पुलिस ने ऐसे छुड़ाया
टीमें चार दिनों से आरोपियों की तलाश कर रही थीं। टीम को रविवार को सूचना मिली कि कुछ बदमाश वारदात करने की फिराक में ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में कार से आए हैं। उनके पास हथियार भी हैं। टीम मौके पर पहुंची तो कार सवार बदमाशों ने फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली लगने से दो बदमाश घायल हो गए।

गाजियाबाद के पत्थर व्यापारी के बेटे का चार करोड़ रुपये की फिरौती के लिए अपहरण करने वाले दो बदमाश रविवार को जेवर में पुलिस मुठभेड़ में गोली लगने से घायल हो गए। पुलिस ने बदमाशों के तीन साथियों को घेराबंदी कर दबोच लिया। पुलिस ने युवक को भी सकुशल छुड़ा भी लिया। पुलिस ने अपहरण में इस्तेमाल हुई कार को भी बरामद कर लिया है। फिरौती न मिलने पर बदमाश कारोबारी के बेटे की हत्या करने वाले थे। डीसीपी ग्रेटर नोएडा साद मियां खां ने बताया कि गाजियाबाद के नेहरू नगर निवासी पत्थर व्यापारी का 25 वर्षीय बेटा शशांक गुप्ता मंगलवार दोपहर लापता हो गया था। उसकी कार यमुना एक्सप्रेसवे पर निजी विश्वविद्यालय के सामने लावारिस हालत में मिली थी।
शशांक की कार में जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम लगा था, जिसके जरिये परिजन बुधवार दोपहर पहुंचे थे। वहां कार लावारिस स्थिति में खड़ी मिली थी। हालांकि, कार में चाबी नहीं थी, लेकिन सभी दरवाजे अनलॉक थे। कार में व्यापारी के बेटे की टूटी चेन और घड़ी भी मिली थी। शशांक के दादा ने इस संबंध में ग्रेटर नोएडा पुलिस को शिकायत दी थी। उन्होंने पोते का अपहरण होने के बाद अनहोनी होने की आशंका जताई थी। दनकौर पुलिस ने कार को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी थी। डीसीपी ग्रेटर नोएडा ने तुरंत चार टीमों का गठन कर दिया था।
पुलिस के पास ऐसे पहुंची पुलिस
टीमें चार दिनों से आरोपियों की तलाश कर रही थीं। टीम को रविवार को सूचना मिली कि कुछ बदमाश वारदात करने की फिराक में ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में कार से आए हैं। उनके पास हथियार भी हैं। टीम मौके पर पहुंची तो कार सवार बदमाशों ने फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली लगने से दो बदमाश घायल हो गए। उनकी पहचान फर्रुखाबाद निवासी मोहित गुप्ता और कन्नौज के छिबरामऊ निवासी आलोक यादव के रूप में हुई है। घायल बदमाशों के तीन साथियों को घेराबंदी कर दबोचा गया। उनकी पहचान बिसरख निवासी निमय शर्मा, कन्नौज निवासी श्याम सुंदर और फर्रुखाबाद निवासी सुमित कुमार के रूप में हुई। पुलिस ने बदमाशों के कब्जे से अपहृत युवक को भी छुड़ा लिया। पुलिस टीमें मामले से संबंधित साक्ष्य संकलन करने में जुटी हैं। गाजियाबाद पुलिस भी जांच कर रही थी।
इंदिरापुरम से हुआ अपहरण
पुलिस अधिकारी ने बताया कि शशांक का अपहरण गाजियाबाद के इंदिरापुरम से हुआ था। इसके लिए बदमाशों ने कई दिन तक रेकी की थी। स्थानीय लोगों की भी इसमें मदद ली गई। पुलिस को दी शिकायत में शशांक के दादा रामप्रकाश गुप्ता ने बताया था कि वह बीते मंगलवार दोपहर अपने पोते के साथ इंदिरापुरम आए थे। शशांक उन्हें एक सोसाइटी के गेट पर छोड़कर मोबाइल की बैटरी ठीक कराने नोएडा जाने की बात कहकर कार में अकेले निकल गया था। बदमाशों तक पहुंचने के लिए 80 से अधिक पुलिसकर्मियों ने बीते चार दिनों में रोजाना 16 से 18 घंटे तक काम किया। अपहरण करने के बाद यमुना एक्सप्रेसवे से बदमाश अपनी कार में कारोबारी के बेटे को लेकर गए थे।





