बिजली पानी के बिना खोरी के लोगों की परेशान बढ़ी
फरीदाबाद। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अवैध मकानों को तोडने से पहले जिला प्रशासन...
फरीदाबाद। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अवैध मकानों को तोडने से पहले जिला प्रशासन की तरफ से खोरी गांव की काटी गई बिजली और पानी सप्लाई बंद करने से भीषण गर्मी में हजारों लोगों का जीना मुहाल हो रहा है। खाना बनाने से लेकर नहाने तक के जरूरी काम भी बिजली और पानी के बिना लोग नहीं कर पा रहे हैं। मानवीय आधार पर यहां जिला प्रशासन, सामाजिक संस्था और विपक्षी राजनीतिक दलों की तरफ से भी संबंधित मूलभूत सुविधा मुहैया नहीं करवाई जा रही हैं। ऐसी स्थिति में मरीज, बच्चे, बुजुर्गों को लेकर परिवार के बाकी सदस्य चिंता में हैं। बुधवार को लोग दिनभर पानी का बंदोबस्त करने के लिए इधर उधर भागते रहे।
पानी बिजली बंद होने से बढ़ रहा तनाव
खोरी गांव में मकान टूटने के खौफ के बीच बिजली और पानी की सप्लाई बंद होने से लोगों में तनाव बढता जा रहा है। यहां लोगों के व्यवहार में व्यवहार दिखाई दे रहा है। मकान टूटने की सूचना के बाद तनाव में आकर बुजुर्ग गणेशीलाल की आत्महत्या को लोग इसी बदलाव की मुख्य वजह बता रहे हैं। दस साल से रह रहे राकेश ने बताया कि हर तरफ से मायूस करने वाली खबरें आ रही हैं, लोगों से बात करने के लिए जिला प्रशासन, राजनीति दलों की तरफ से कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। सुबह से लेकर शाम तक यहां मकान टूटने के खौफ में रहते हैं। पेड के फंदा लगाकर आत्महत्या करने वाले गणेशीलाल के बेटे राजेश और उनकी पत्नी ने बताया कि लोगों को कुछ रास्ता नहीं सूझ रहा है कि वे इस परिस्थितियों में क्या करें, क्योंकि प्रशासन हर रोज नए कदम उठाकर लोगों की समस्या बढाता जा रहा है। इससे लोग तनाव में होते जा रहे हैं। उनके पिता की मौत इस तनाव का प्रमाण है। उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि बढते इस तनाव को कम नहीं किया तो लोगों की परेशानी ज्यादा बढेंगी। उन्हें चिंता है कि उनके पिता की तरह कोई अन्य व्यक्ति कदम न उठा ले।
मोबाइल टावर हटने से अपनों से टूटा संपर्क
खोरी गांव के दस हजार अवैध मकानों को तोड़ने के लिए लोगों पर खुद ही मकान खाली करके चले जाने की रणनीति पर काम करते हुए जिला प्रशासन आए दिन लोगों पर दबाव बनाने के लिए कदम उठाता जा रहा है। पानी-बिजली कनेक्शन कटने के साथ-साथ यहां लगे मोबाइल के टावरों का भी कनेक्शन काट दिया गया। इसकी वजह से लोगों के मोबाइलों का नेटवर्क कमजोर हो गया है। जितेंद्र का कहना है कि वे मूलरूप से बिहार के रहने वाले हैं। जब से मकान टूटने की खबर आई है तभी से उनके परिजन बिहार से उनके संपर्क करके हर रोज अपडेट लेते हैं। इसके अलावा दोस्त भी संपर्क में रहकर हालचाल पूछते रहते हैं, लेकिन मोबाइल टावर बंद करने, बिजली बंद करने के बाद अपनों से भी संपर्क टूटता जा रहा है।
महिलाओं की बढ़ रही ज्यादा परेशानी
वैसे तो बिजली-पानी के बिना खोरी गांव के सभी लोगों की परेशानी बढी हुई है, लेकिन महिला ज्यादा परेशान हैं। सुनीता, अनीता, रुबीना आदि का कहना है कि सुबह से लेकर शाम तक महिला के लिए घर में जो भी काम हैं, वे बिजली और पानी पर ज्यादा आधारित हैं। उन्होंने बताया कि पानी नहीं होने की वजह से एक काम नहीं हो पा रहा है। परिवार को खाना बनाकर देने से लेकर उनके कपडों की धुलाई मुख्य काम नहीं होने से सभी परेशान हैं। उन्होंने बताया कि महिलाओं को भी साफ सफाई रखने के लिए पानी की जरूरत होती है। मगर ऐसी स्थिति में अब लोगों की सेहत पर असर पडने लगा है। अगर समय रहते कोई कदम नहीं उठाया गया तो अनेक बीमारियों की चपेट में महिला भी आ सकती हैं।