मुफलिसी में भी क्रिकेट के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर रहे दो भाई
मुफलिसी में भी प्रतिभा की कोई कमी है। एनआईटी दो नंबर स्थित छात्रावास में रह रहे आर्थिक रूप से कमजोर दो सगे भाईयों ने क्रिकेट के क्षेत्र में धाक जमाई है। खेल विभाग की ओर से वे दोनों नाहर सिंह क्रिकेट...
मुफलिसी में भी प्रतिभा की कोई कमी है। एनआईटी दो नंबर स्थित छात्रावास में रह रहे आर्थिक रूप से कमजोर दो सगे भाईयों ने क्रिकेट के क्षेत्र में धाक जमाई है। खेल विभाग की ओर से वे दोनों नाहर सिंह क्रिकेट स्टेडियम में नि:शुल्क प्रशिक्षण ले रहे हैं। उनके कोच अशोक का दावा है कि यह खिलाड़ी जल्द ही अंडर-14 राज्य स्तरीय टीम में स्थान सुरक्षित कर लेंगे।
एनआईटी दो निवासी नरेश सिंह एक निजी कंपनी में चौकीदार की नौकरी करते है। वह किराए के एक कमरे में अपने परिवार के साथ रहते है। उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण उनका मझला बेटा सचिन और छोटा बेटा युवराज शिक्षा विभाग की ओर से संचालित छात्रावास में रहते है। दोनों भाईयों की पढ़ाई में रुचि कम है, लेकिन क्रिकेट के क्षेत्र में लगातार बेहतर कर रहे है। दोनों भाई करीब एक वर्ष पहले नाहर सिंह क्रिकेट स्टेडियम में अभ्यास शुरू किया था। यह दोनों अपने आयुवर्ग में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।
जिला स्तरीय टीम में अपनी स्थान सुरक्षित करने के लिए अप्रैल में ट्रायल भी दिया था।
उनके कोच अशोक का कहना है कि सचिन ऑल राउंडर है जबकि छोटा भाई युवराज गेंदबाजी करता है। प्रत्येक मैच में वह दो से तीन विकेट चटकाता है। जबकि सचिव का प्रदर्शन प्रत्येक मैच में बेहतर रहता है। सबकुछ ठीक रहा तो दोनों जल्द ही राज्य स्तरीय टीम में स्थान सुरक्षित कर लेंगे।
विभाग की ओर से दोनों को नहीं मिला है कीट
सचिन और युवराज को खेल विभाग की ओर से अभीतक कोई सुविधाएं नहीं मिल रहीं है। बताया जा रहा है कि इन दोनों के पास अभीतक किट भी नहीं है। छात्रावास में तैनात कुछ कर्मचारियों द्वारा ड्रेस मुहैया कराई गई थी। क्रिकेट किट के लिए एक सामाजिक संस्था से मांग की गई है, लेकिन अभीतक उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला है।
महीनों नहीं मिलते है मां-बाप से
क्रिकेट की जुनून के चलते वे अपने माता-पिता से भी मिलने नहीं जाते। जबकि उनके माता-पिता छात्रावास से मात्र एक किलोमीटर की दूरी पर रहते हैं। सचिन और युवराज का कहना है कि घर जाने से अभ्यास पर असर पड़ता है। इसलिए मैं घर जाना पसंद नहीं करता। रोजाना शाम में स्टेडियम में अभ्यास करने जाता हूं।
छात्रावास में एक दर्जन से अधिक है क्रिकेटर
शिक्षा विभाग की ओर से चल रहे छात्रावास में एक दर्जन से अधिक खिलाड़ी हैं। इनमें से अभीतक सचिव और युवराज के बेहतर प्रदर्शन रहे हैं। इसका अलावा अंकुश भी बेहतर कर रहा है। यह सभी नाहर सिंह स्टेडियम में अभ्यास करते हैं।
छात्रावास के वार्डन मनीराम : छात्रावास में कई बेहतरीन खिलाड़ी हैं। इनमें से कुछ खिलाड़ियों का प्रदर्शन बेहतर है। जिन्होंने कई प्रतियोगिता में पदक झटक चुके हैं। सचिव और युवराज पर कुछ ज्यादा विश्वास है। इनके प्रदर्शन लगातार बेहतर हो रहे हैं।