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कविताओं के जरिए देशप्रेम की भावना जगाई

आंखों का तारा ही मुझे आंखे दिखाता है, जिसे हर इक खुशी दे दी, वो हर गम से मिलाता है। जुबां से क्या कहूं, कैसे कहूं तुमसे, सिखाया बोलना जिसको वो चुप रहना सिखाता है। सुनाई लोरियां जिसको, वो अब ताने...

कविताओं के जरिए देशप्रेम की भावना जगाई
हिन्दुस्तान टीम,फरीदाबादMon, 21 Aug 2017 05:36 PM
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आंखों का तारा ही मुझे आंखे दिखाता है, जिसे हर इक खुशी दे दी, वो हर गम से मिलाता है। जुबां से क्या कहूं, कैसे कहूं तुमसे, सिखाया बोलना जिसको वो चुप रहना सिखाता है। सुनाई लोरियां जिसको, वो अब ताने सुनाता है। जिसे गिनती सिखाई, गलतियां मेरी गिनाता है। कुछ इस तरह मां के महत्व व आज के बच्चों के बारे में कवि दिनेश रघुवंशी ने अपने उद्गार बयां किए। मौका था हरियाणा साहित्य अकादमी की ओर से सरस्वती महिला कॉलेज में कवि सम्मेलन का। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अकादमी के संयोजक राजीव शर्मा थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में सीएम के राजनीतिक सचिव दीपक मंगला, कुमुद बंसल, अतुल मंगला आदि थे। अध्यक्षता प्राचार्या डॉ. अलका शर्मा ने की। इस अवसर पर कवि दिनेश रघुवंशी, कलाम भारती, सुंदर कटारिया, हरेंद्र यादव व सुशीला शिवराण ने मंच से देशभक्ति, वीररस, हास्यरस, शृंगार रस आदि पर अपनी रचनाएं सुनाकर श्रोताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया। बीए तृतीय वर्ष की छात्रा शुचि अरोड़ा ने वंदे मातरम की सुंदर प्रस्तुति दी। हरेंद्र यादव ने अपनी कविताओं व गीतों से समां रंगीन बनाया। वहीं गो रक्षा, बेटी बचाओ आदि मुद्दों को स्वर दिया। सुंदर कटारिया ने हास्य कविताओं की प्रस्तुति दी और बदलते किया। वीर रस के कवि कलाम ने मंच से राष्ट्रीय चेतना व देशप्रेम की भावना से सोते लोगों के जगाया। नारी का सम्मान भी उनकी कविताओं में विशेष रूप से दिया गया। सुशीला ने अपनी करूण रस की कविताओं की प्रस्तुति दी।

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