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तीस आरओ प्लांट और ट्यूबवेल सील

नगर निगम आयुक्त के आदेश पर गुरुवार को कार्रवाई करते हुए निगम की इंजीनियरिंग शाखा की टीम ने शहर के विभिन्न इलाकों में करीब तीस आरओ प्लांट और अवैध बोरिंग सील कर दिए। यह सभी नगर निगम के पानी का...

नगर निगम आयुक्त के आदेश पर गुरुवार को कार्रवाई करते हुए निगम की इंजीनियरिंग शाखा की टीम ने शहर के विभिन्न इलाकों में करीब तीस आरओ प्लांट और अवैध बोरिंग सील कर दिए। यह सभी नगर निगम के पानी का...
1/ 2नगर निगम आयुक्त के आदेश पर गुरुवार को कार्रवाई करते हुए निगम की इंजीनियरिंग शाखा की टीम ने शहर के विभिन्न इलाकों में करीब तीस आरओ प्लांट और अवैध बोरिंग सील कर दिए। यह सभी नगर निगम के पानी का...
नगर निगम आयुक्त के आदेश पर गुरुवार को कार्रवाई करते हुए निगम की इंजीनियरिंग शाखा की टीम ने शहर के विभिन्न इलाकों में करीब तीस आरओ प्लांट और अवैध बोरिंग सील कर दिए। यह सभी नगर निगम के पानी का...
2/ 2नगर निगम आयुक्त के आदेश पर गुरुवार को कार्रवाई करते हुए निगम की इंजीनियरिंग शाखा की टीम ने शहर के विभिन्न इलाकों में करीब तीस आरओ प्लांट और अवैध बोरिंग सील कर दिए। यह सभी नगर निगम के पानी का...
हिन्दुस्तान टीम,फरीदाबादThu, 17 May 2018 08:57 PM
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नगर निगम आयुक्त के आदेश पर गुरुवार को कार्रवाई करते हुए निगम की इंजीनियरिंग शाखा की टीम ने शहर के विभिन्न इलाकों में करीब तीस आरओ प्लांट और अवैध बोरिंग सील कर दिए। यह सभी नगर निगम के पानी का व्यावसायिक उपयोग कर रहे थे। जबकि शहर के अधिकांश रिहायशी इलाकों में पेयजल आपूर्ति संकट गहराया हुआ है। यह अभियान शुक्रवार को भी जारी रहेगा।

नगर निगम के आयुक्त ने आदेश में स्पष्ट किया है कि जो लोग पानी का व्यवसायिक उपयोग कर रहे हैं और जो पानी को बर्बाद करेंगे, उन पर नगर निगम सख्त कार्रवाई करेगा। आने वाले दिनों में भी नगर निगम प्रशासन की कड़ी नजर पानी माफिया के अलावा फिजूल में पानी बर्बाद करने वालों पर भी रहेगी। गुरुवार को नगर निगम के इंजीनियरिंग विभाग की टीमों ने शहर के अलग-अलग इलाकों एनआईटी के पर्वतीया कॉलोनी, बल्लभगढ़ की चावला कॉलोनी और पुराना फरीदाबाद के इलाकों में घर-घर जाकर पानी के उपयोग की जांच की। घरों में लगी मोटरों से नगर निगम का पानी आरओ प्लांट में उपयोग करके बेचा जाता है। नगर निगम के पानी से धुलाई केंद्र चल रहे हैं। गुरुवार को कुछ ऐसे ही केंद्रों पर सीलिंग की कार्रवाई की गई। पर्वतीय कॉलोनी में समरसिवल और नगर निगम के पानी के उपयोग की जांच की और करीब तीस ऐसे अवैध बॉरिंगों को सील कर दिया। पुराने फरीदाबाद में कार्यकारी अभियंता ने बताया कि विभिन्न इलाकों में अवैध ट्यूबवेल लगाकर आरओ प्लांट लोगों ने लगा रखे हैं। कुछ ने नगर निगम के पानी से ही आरओ प्लांट चला रखेंगे। और इस पानी को दिल्ली व आसपास की कंपनियों में बेच रहे हैं। इनके कारण पेयजल संकट गहराता हैं। इसके चलते गुरुवार को सराय ख्वाजा के झरिया बाजार में अवैध आरओ प्लांट, मवई सड़क वजीरपुर, मास्टर रोड बीपीटीपी के नजदीक से करीब आठ अवैध ट्यूबवेल, आरओ प्लांट को उखाड़ दिया है।

कार के धुलाई केंद्र और स्वीमिंग पुल भी हो सकते हैं बंद

सीलिंग की कार्रवाई शुक्रवार को भी जारी रहेगी। सूत्रों के मुताबिक एनएच-दो में चल रहे कार धुलाई केंद्रों और ऐसे स्वीमिंग पूलों पर कार्रवाई होगी, जो नगर निगम के पानी का उपयोग करते हैं। इनमें प्रतिदिन कई गैलन पानी खराब होता है। जो पेयजल के रूप में काफी लोगों की जरूरत पूरी कर सकता है।

नगर निगम आयुक्त का आदेश होगी एफआईआर

नगर निगम आयुक्त मोहम्मद शाइन ने कहा कि उनके संज्ञान में आया है कि कुछ निजी व्यावसायिक केंद्रों पर वाहन धोने और आरओ प्लांट आदि में भारी मात्रा में पानी का दुरुपयोग किया जा रहा है। जबकि इतने पानी से बड़ी आबादी की प्यास बुझेगी। उन्होंने इंजीनियरिंग विभाग को आदेश दिए हैं कि जो व्यावसायिक संस्थान पेयजल आपूर्ति के तहत मिलने वाले पानी का दुरुपयोग कर रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। पहली बार में सीलिंग और अगर कोई सीलिंग तोड़ता है तो सीधे पुलिस में एफआईआर कराई जाएगी।

तूफान के बाद इन इलाकों में बनी हुई पेयजल आपूर्ति की समस्या

चार दिन पहले आए तूफान में ददसिया में लगी रेनीवेल परियोजना पर बिजली आपूर्ति ठप हो गई, जिसे अभी तक पूरी तरह से सुचारू नहीं किया जा सका है, इसके चलते पेयजल आपूर्ति करीब 70 फीसदी तक की जा रही है। ऐसे में एनएच के इलाके, गांव मुजेसर, अजरौंदा, एसजीएम नगर कॉलोनी, सुभाष कॉलोनी, गांव डबुआ, बल्लभगढ़ का शहरी व आसपास की कॉलोनी, जवाहर कॉलोनी, डबुआ कॉलोनी, विष्णु कॉलोनी, आदर्श नगर, हरि बिहार, पर्वतीया कॉलोनी, संजय कॉलोनी, ओल्ड फरीदाबाद, बसेलवा कॉलोनी, त्रिखा कॉलोनी, एनआईटी का काफी हिस्सा, ग्रीन फील्ड कॉलोनी आदि इलाकों में पेयजल आपूर्ति का अधिक संकट है।

लाइफ स्टाइल बढ़ा रही पानी की खपत

बदलती लाइफ स्टाइल में पानी की खपत बढ़ गई। इसने पानी की मांग व आपूर्ति की खाई को काफी गहरा कर दिया। रोजमर्रा की जरूरत पूरी करने के लिए अब हर रोज प्रत्येक व्यक्ति को 225 लीटर पानी की जरूरत पड़ती है। इतने पानी की पूर्ति न होने पर जीवन की रफ्तार धीमी पड़ जाती है। भौतिकतावाद युग में बढ़ते बाथरूम के उपकरणों के साथ पानी की खपत बढ़ गई। जागरूकता का भी सख्त अभाव है। पानी का एक भारी हिस्सा व्यर्थ जा रहा है। गिरते भूजल स्तर में यह विलासीता पानी की मांग व उपलब्धता की खाई को बढ़ाती जा रही है। जल स्तर गिरने से जनस्वास्थ्य विभाग के ट्यूबवेलों को स्त्रोत सूख रहा है। लोगों ने समरसिवल लगाने शुरू कर दिए। जो जरूरत से ज्यादा पानी दोहन कर रहे हैं। घरों में बाथटब, सावर, ज्यादा पानी देने वाली टोंटी का बढ़ता चलन

शहर में पानी की स्थिति पर एक नजर

शहर में पानी की आवश्यकता: करीब 360 एमएलडी प्रतिदिन

शहर में पानी की उपलब्धता: करीब 300 एमएलडी प्रतिदिन

पानी की कमी: करीब उपलब्धता: 60 एमएलडी प्रतिदिन

रैनीवेल परियोजना की छह लाइनों से: करीब 200 एमएलडी प्रतिदिन

1080 ट्यूबवेलों से: करीब 100 एमएलडी प्रतिदिन

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