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खाली पड़े हैं पद, अतिरिक्त कार्यभार से चल रहा है काम

हाल ही में सरकार ने डीसीपी और एसीपी स्तर के पांच अधिकारियों के तबादले कर दिए, लेकिन उनके स्थान पर दूसरे अधिकारी नहीं भेजे। यही नहीं तबादले करने के बावजूद इनमें से तीन को रिलीव भी नहीं किया। अतिरिक्त...

खाली पड़े हैं पद, अतिरिक्त कार्यभार से चल रहा है काम
हिन्दुस्तान टीम,फरीदाबादSun, 06 May 2018 08:23 PM
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हाल ही में सरकार ने डीसीपी और एसीपी स्तर के पांच अधिकारियों के तबादले कर दिए, लेकिन उनके स्थान पर दूसरे अधिकारी नहीं भेजे। यही नहीं तबादले करने के बावजूद इनमें से तीन को रिलीव भी नहीं किया। अतिरिक्त कार्यभार देकर काम चलाया जा रहा है।

सन् 2009 से जिले में पुलिस कमिश्नरी प्रणाली की शुरुआत हुई थी। उस समय दावा किया गया था कि कमिश्नरी में पुलिस को तमाम संसाधन मिलेंगे। लेकिन इसके उल्ट कमिश्नरी लागू होने के बाद से अधिकारियों के हर समय पद रिक्त रहे हैं। जिससे दूसरे अधिकारियों को अतिरिक्त कार्यभार देकर काम चलाया जाता रहा है। प्रदेश में एसपी और डीआईजी रेंक के अधिकारियों की कमी है। जब भी तबादला सूची आती है तो यहां ज्वाइंट कमिश्नर और डीसीपी के पद अक्सर रिक्त हो जाते हैं। फिलहाल गत वर्ष से ज्वाइंट कमिश्नर का पद रिक्त है। कार्यभार पुलिस आयुक्त को दिया गया है।

डीसीपी के तबादले कर दिए, लेकिन नए अधिकारी नहीं भेजे: 24 अप्रैल को सरकार ने डीसीपी सेंट्रल भूपेंद्र सिंह, डीसीपी क्राइम सुखवीर सिंह, डीसीपी एनआईटी कीरतपाल का तबादला कर दिया गया था। इन अधिकारियों के स्थान पर सरकार ने नए अधिकारी नहीं लगाए हैं। यही नहीं सरकार ने इन अधिकारियों को रिलीव भी नहीं किया। जिससे समझ में नहीं आ रहा है कि सरकार की इन अधिकारियों के तबादले के पीछे क्या मंशा थी। सूत्रों का कहना है कि तबादला किए गए अधिकारियों में से दो लंबे समय से शहर में कार्यरत हैं। इसलिए इनका तबादला करना जरूरी हो गया था। डीसीपी बल्लभगढ़ शिवचरण और डीसीपी ट्रैफिक विरेंद्र विज के 14 मई तक प्रशिक्षण से लौटने की उम्मीद है। उसके बाद इन अधिकारियों को रिलीव किया जा सकता है।

एसीपी के पद भी खाली: एसीपी क्राइम राजेश चेची और एसीपी एनआईटी शाकिर हुसैन का तबादला पंचकूला कर दिया गया है। इन दोनों अधिकारियों के पद रिक्त होने पर दो अन्य एसीपी को अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है। जिससे लोगों को एसीपी एनआईटी, एसीपी सराय ख्वाजा और एसीपी क्राइम से मिलने के लिए इंतजार करना पड़ता है।

पद रिक्त से क्या हो रही है दिक्कत:

पुलिसकर्मियों के पद रिक्त होने से सबसे ज्यादा गश्त प्रभावित हो रही है। पुलिसकर्मी गश्त नहीं कर पाते हैं। वहीं पुलिसकर्मियों पर मुकदमों का बोझ भी पड़ता है। जिससे जांच में देरी होती है। वहीं काम का दबाव पड़ने पर पुलिसकर्मी तनावग्रस्त रहते हैं। पुलिसकर्मियों को छुट्टी मिलने में भी दिक्कत आती है। दूसरा, अधिकारियों के अतिरिक्त कार्यभार से अधिकारी एक कार्यालय में पूरे समय नहीं बैठ पाते हैं।

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सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर के रिक्त पद भी हैं रिक्त

मंजूर पद रिक्त पद

इंस्पेक्टर 64 01

सब-इंस्पेक्टर 194 55

असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर 466 67

हवलदार 804 309

सिपाही 3513 1409

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