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नई वार्डबंदी पर आई 52 आपत्तियों की सुनवाई के लिए टीम गठित

वार्डबंदी::::वार्डबंदी की पचास से अधिक आपत्तियों की सुनवाई कल होगी वार्डबंदी::::वार्डबंदी की पचास से अधिक आपत्तियों की सुनवाई कल होगी...

नई वार्डबंदी पर आई 52 आपत्तियों की सुनवाई के लिए टीम गठित
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,फरीदाबादSun, 13 Mar 2022 11:50 PM
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फरीदाबाद। नगर निगम क्षेत्रफल में नए सिरे से की गई वार्डबंदी की आपत्तियों पर सुनवाई मंगलवार और बुधवार को होगी। जिलाधीश ने इसके लिए तीन एचसीएस अधिकारियों की टीम गठित कर दी है। इसमें वार्ड-एक से 23 तक की आपत्तियों को मंगलवार को सुना जाएगा। जबकि 24 से 45 वार्ड की सुनवाई बुधवार को सेक्टर-12 स्थित लघु सचिवालय के कमरा नंबर 603 में होगी।

रविवार को प्रस्तावित नई वार्डबंदी पर आपत्तियां दर्ज कराने का अंतिम दिन था। अभी तक 52 से अधिक आपत्तियां दर्ज कराई जा चुकी है। ऐसे में लोग अपनी आपत्तियों को लेकर निर्धारित समय पर टीम के सामने अपनी आपत्तियां कह सकते हैं। अधिकारियों की टीम उस पर विचार करेगी और कुछ कमियां या गलतिया हुई हैं तो उन्हें मौके पर ही सुधार लिया जाएगा।

नगर निगम क्षेत्र में 40 से बढ़ाकर 45 वार्ड बनाए गए

नई वार्डबंदी में 40 से बढ़ाकर 45 वार्ड बनाए गए हैं। सभी वार्ड के सीमांकन में बदलाव किया गया है। कुछ वार्ड में अधिक बदलाव हुआ है तो वहां के लोगों ने अपनी आपत्तिया दर्ज कराई है। सबसे अधिक बड़खल विधानसभा में 11 वार्ड बनाए गए हैं। फरीदाबाद एनआईटी और तिगांव विधानसभा में नौ-नौ वार्ड बने हैं। जबकि बल्लभगढ़ और फरीदाबाद में आठ-आठ वार्ड बनाए गए हैं। नगर निगम की ये वार्डबंदी चौथी बार की गई हैं। सबसे पहले वर्ष 1994 में 25 वार्ड का गठन किया था। दूसरी बार वर्ष 2005 में 35 वार्ड और तीसरी बार वर्ष 2016 में 40 वार्ड का गठन किया गया। जबकि अब वर्ष 2022 में वार्ड की संख्या बढ़ाकर 45 की गई है।

प्रत्येक वार्ड में करीब 58 हजार आबादी

नई वार्डबंदी में प्रत्येक वार्ड में करीब 58 हजार आबादी को रखा गया है। इनमें कुछ वार्ड में आबादी 10 फीसदी कम या अधिक हो सकती हैं। इससे पहले वार्डबंदी करीब 15 लाख की आबादी पर हुई थी और प्रत्येक वार्ड में करीब 36 हजार की आबादी रही थी। इस बार नगर निगम क्षेत्र में ग्रेटर फरीदाबाद के ं करीब 24 गांवों को शामिल किय गया और आबादी की बढ़ोतरी हुई। तो नई वार्डबंदी में आबादी करीब 26 लाख हो गई है।

जिनके बिगड़े समीकरण तो दर्ज कराई आपत्तियां

नई वार्डबंदी से कई नेताओं के समीकरण उथल-पुथल हो गए हैं। जो लोग बीते कई वर्षो से चुनाव लड़ने के लिए वार्ड में जनसंपर्क बनाए हुए थे। उनके वार्ड ही बदल गए हैं। कई इलाके तो एक नहीं तीन-तीन वार्ड में बांट दिए गए हैं।

कुछ नेताओं का आरोप है प्रत्येक वार्ड में जातिगत के मतदाताओं के मद्देनजर वार्डबंदी की गई है।

पहली बार सीधे आम मतदाता चुनेंगे महापौर

हरियाणा में अब महापौर का चुनाव सीधे आम मतदाता करेंगे। राज्य सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। चुनाव में पार्षद के साथ महापौर का चुनाव भी सीधे आम मतदाता करेंगे। ऐसे में अब ईवीएम मशीन भी प्रत्येक बूथ पर दो होंगी। मतदाता को एक इवीएम में पार्षद और दूसरे में महापौर का चुनाव करने के लिए मतदान करना होगा।

वार्डबंदी की आपत्तियों के लिए तीन एचसीएस अधिकारियों की टीम गठित कर दी है, जो मंगलवार और बुधवार को पहले से दर्ज की गई आपत्तियों की सुनवाई करेगी।

-जितेंद्र यादव, उपायुक्त

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