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लोकल ट्रेन कम चलने से दुकानदारों के सप्लायर परेशान

खत्म करो इंतजार-अंतिम खत्म करो इंतजार-अंतिम लोकल ट्रेन कम चलने से दुकानदारों के सप्लायर परेशान -दिल्ली के बाजारों से लाते हैं सामान -किराए की...

लोकल ट्रेन कम चलने से दुकानदारों के सप्लायर परेशान
हिन्दुस्तान टीम,फरीदाबादSat, 27 Nov 2021 11:10 PM
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फरीदाबाद। लोकल ट्रेन सेवा फरीदाबाद और पलवल के नौकरीपेशा ही नहीं, बल्कि दोनों शहरों के दुकानदारों को सामान की आपूर्ति करने वाले सप्लायर की भी लाइफ लाइन बनी हुई थी। ये सप्लायर दिल्ली के बाजारों से माल लाकर यहां के सभी बाजारों के दुकानदारों को आपूर्ति करते हैं, लेकिन सभी लोकल ट्रेन न चलने की वजह से सप्लायर को टैक्सी के सहारे माल लाने को बाध्य होना पड़ रहा है।

शहर में टाउन नंबर-एक का सबसे बड़ा बाजार है। इसके अलावा टाउन नंबर-पांच, ओल्ड फरीदाबाद, बल्लभगढ़, सेक्टर-15 सहित 10 बड़े बाजार हैं। जबकि कुल मिलाकर 15 हजार से ज्यादा दुकानें हैं। इसी तरह पलवल में भी हजारों दुकानें हैं। इन बाजारों में हर तरह का सामान बेचने वाले दुकानदार हैं। सभी दुकानों के लिए माल दिल्ली के सदर बाजार, चांदनी चौक, भगीरथ पैलेस आदि बाजारों से आता है। दुकानदार सामान के लिए दिल्ली से माल लाने वाले सप्लायर पर निर्भर हैं। ये सप्लायर कुछ प्रतिशत कमीशन लेकर दुकानदारों को दिल्ली के बाजारों से माल लाकर देते हैं। इससे दुकानदारों का दिल्ली आने-जाने का समय बच जाता है । सप्लायर लोकल ट्रेन के जरिए दिल्ली से माल लाते रहे हैं। लेकिन गत वर्ष 25 मार्च के बाद से सभी लोकल ट्रेन शुरू न हो पाने के कारण सप्लायर को दिल्ली जाने के लिए टैक्सी का सहारा लेना पड़ रहा है। पेट्रोल-डीजल महंगा होने से टैक्सी का किराया महंगा है। बड़े सप्लायर के पास तो अपनी गाड़ियां हैं, लेकिन छोटे सप्लायर लोकल ट्रेन के जरिए ही अपना कारोबार चला रहे थे। लेकिन सभी ट्रेन शुरू न होने के कारण इन छोटे सप्लायर को मोटा भाड़ा देना पड़ रहा है। इससे उनकी बचत पर कैंची चल रही है।

शहर के बाकी दैनिक यात्रियों की तरह सप्लायर भी लोकल ट्रेन शुरू करने की मांग कर रहे हैं। ताकि पहले की तरह ही अपना सामान दिल्ली से ला सकें। सप्लायर के अलावा छोटे दुकानदार भी दिल्ली से अपना माल लोकल ट्रेन में लाते रहे हैं। लेकिन अब ट्रेन की संख्या कम होने से छोटे दुकानदारों के लिए भी दिल्ली जाना मुश्किल हो गया है। अपने वाहन या किराए के वाहन से जाते हैं तो यह काफी महंगा पड़ता है। इससे छोटे दुकानदार शहर के बड़े दुकानदारों पर निर्भर हो गए हैं।

दुकानों पर काम करने आने वाले कर्मचारी भी परेशान

फरीदाबाद के बाजारों की दुकानों पर नौकरी करने के लिए कोसी कलां, होडल, पलवल और हथीन से काफी संख्या में युवक आते हैं। इनका वेतन भी ज्यादा नहीं होता है। इन्हें लोकल ट्रेन से आना-जाना काफी किफायती पड़ता है। लेकिन मौजूदा समय में 44 लोकल ट्रेन में से मात्र 10 ट्रेन चल रही हैं। दैनिक यात्री यादराम शर्मा बताते हैं कि मथुरा से लेकर फरीदाबाद तक 80 हजार यात्री परेशान हैं। दिल्ली-फरीदाबाद में नौकरी करने वाली महिला यात्री भी परेशान हैं। रेलवे को सभी ट्रेन शुरू कर देनी चाहिए।

क्या कहते हैं सप्लायर-दुकानदार?

‛अब सब कुछ सामान्य हो गया है। कोरोना संक्रमण के मामले कम हो गए हैं। बस-मेट्रो ट्रेन भी चल रही हैं। रेलवे को अब, सभी लोकल ट्रेन चला देनी चाहिए। दिल्ली से सामान लाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

- केशव, कारोबारी

‛दिल्ली से सामान लाने का खर्च काफी बढ़ गया है। टैक्सी का किराया काफी ज्यादा होता है। इससे हमारी आमदनी कम हो गई है। कोरोना संक्रमण के मामले कम हो चुके हैं। अब रेलवे को सभी लोकल ट्रेन शुरू कर देनी चाहिए।

- वेदप्रकाश शर्मा, कारोबारी

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‛हमारे बाटा ऑटो बाजार में कोसी कलां-होडल और पलवल के रहने वाले युवक काम करने आते हैं। इन युवकों को वहां से आने में बड़ी तकलीफ हो रही है। सभी ट्रेन न चलने से हमारे बाजार के सप्लायर भी परेशान हैं।

- सागर दुआ, प्रधान, बाटा चौक टू-व्हीलर मार्केट एसोसिएशन

‛मेरा बैग बनाने का काम है। बैग बनाने में प्रयोग होने वाला कच्चा माल दिल्ली में मिलता है। कम ट्रेन चलने से लोकल ट्रेन में भीड़ रहती है। बस और टैक्सी से माल लाएं तो काफी किराया देना पड़ता है। रेलवे को सभी ट्रेन शीघ्र शुरू कर देनी चाहिए।

- सतवीर, दुकानदार

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