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कलाकार की मौत के साथ ही मर सकती है कला

कलाकार की मौत के साथ ही मर सकती है कला फरीदाबाद। वरिष्ठ संवाददाता सेक्टर 12 स्थित हुडा प्रदर्शनी सभागार में चल रहे नाट्य कला उत्सव में नाटक विद्रोही का मंचन किया गया है। संभार्य फांउडेशन द्वारा...

कलाकार की मौत के साथ ही मर सकती है कला
हिन्दुस्तान टीम,फरीदाबादWed, 23 Jan 2019 08:41 PM
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सेक्टर 12 स्थित हुडा प्रदर्शनी सभागार में चल रहे नाट्य कला उत्सव में नाटक विद्रोही का मंचन किया गया है। संभार्य फांउडेशन द्वारा आयोजित नाट्य उत्सव में रंगकर्मी पुनीत कौशिक द्वारा निर्देशित इस नाटक में केएल मेहता दयानंद महिला कॉलेज की छात्रों ने अपनी कला प्रदर्शन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। फाउंडेशन के निदेशक अभिषेक देशवाल ने बातया कि विद्रोही नाटक एक कलाकार के जीवन पर आधारित है। इसमें आंचल शर्मा, आंचल उपाध्याय, सुरभी सिंह, दिपाली गुप्ता, तमन्ना, प्रिया नागर, निशा शर्मा, रिंकल लोहिया व मिनाक्षी सहरावत आदि ने अभिनय किया। नाटक में दिखाया गया कि एक कलाकार के अंदर कला कभी नहीं मरती है। परिवार व समाज का दायरा कला को दबाने का प्रयास करता है, लेकिन एक कलाकार की कला उसकी मौत के साथ ही खत्म हो सकती है। कलाकार लड़कियों ने इस संदेश को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया और दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर दिया। संभार्य फाउंडेशन के एमडी अभिषेक देशवाल ने बताया कि 23 जनवरी को उनकी संस्था का चौथा स्थापना दिवस है, इसलिए यह चार दिन का नाट्य उत्सव आयोजित किया गया है। चार नाटकों में से तीन नाटक फरीदाबाद के कलाकार प्रस्तुत करेंगे। एक नाटक रेवाड़ी की टीम करेगी। गुरुवार को अटल नाटक का मंचन किया जाएगा। जिसे मदन डागर ने निर्देशित दिया है। इस मौके पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय विधिज्ञ परिषद के नेता वरिष्ठ अधिवक्ता ओपी शर्मा, टीएम ललानी, रविंद्र फौजदार, जितेंद्र, जगत मदान, एसपी फोगाट आदि मौजूद रहे।

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