इंद्रधनुष टीकाकरण अभियान का दूसरा चरण शुरू
विश्व स्वास्थ्य संगठन और स्वास्थ्य मंत्रालय के सहयोग से जिले में मिशन इंद्रधनुष टीकाकरण अभियान का दूसरा चरण मंगलवार से शुरू हो गया है। इसे सफल बनाने के लिए राजकीय अस्पताल सहित करीब 442 जगहों पर फिक्स...
विश्व स्वास्थ्य संगठन और स्वास्थ्य मंत्रालय के सहयोग से जिले में मिशन इंद्रधनुष टीकाकरण अभियान का दूसरा चरण मंगलवार से शुरू हो गया है। इसे सफल बनाने के लिए राजकीय अस्पताल सहित करीब 442 जगहों पर फिक्स बूथ बनाया गया है। जहां बुधवार, शनिवार और अवकाश के दिन छोड़कर एक सप्ताह तक अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान करीब 6 हजार 300 गर्भवती महिलाएं और दो वर्ष तक के बच्चों को सात गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। अभियान के दौरान बीके अस्पताल के वार्ड में भर्ती और ओपीडी में प्राथमिक उपचार के लिए आने वाले दो वर्ष तक के करीब 100 बच्चे और गभवती महिलाओं का टीकाकरण किया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते सितंबर के दूसरे सप्ताह में गुजरात से पहले चरण की अभियान की शुरुआत की थी। इस दौरान जो बच्चे छूट गए थे, उनका टीकाकरण किया जा रहा है। इसे सफल बनाने के लिए शहर और ग्रामीण क्षेत्र में तैनात आशावर्कर का सहयोग लिया जा रहा है, जो घर-घर जाकर गर्भवती महिलाएं और दो वर्ष तक के बच्चों की पहचान कर टीकाकरण केंद्र और अस्पताल में ला रही हैं। ताकि अभियान के दौरान मिशन इंद्रधनुष के तहत इन क्षेत्रों में कोई भी बच्चा टीकाकरण से वंचित न रह जाए।
क्या है इंद्रधनुष अभियान
इंद्रधनुष अभियान प्राकिृतक इंद्रधनुष के सात रंगों का चित्रण है। जिस तरह इंद्रधनुष सात रंगों को प्रतिनिधित्व करता है। उसी प्रकार इंद्रधनुष योजना के तहत काली खांसी, गलघोटू (डिपथिरिया), टेटनेस (धनुषबाय), पीलिया (हेपीटाइटिस-बी), टीबी (तपेदिक), पोलियो, हीमोफेल्जा-बी और खसरा (मीजलस) से बचाता है।
बच्चों को पड़ने वाले टीके
- डेढ़ महीने पर: बीसीजी, डीपीटी-1 और पोलियो
- ढाई महीने पर: डीपीटी-2, पोलिया, हेपेटाइटीस-बी
- साढे़ तीन माहीने पर: डीपीटी-2 और पोलिया
- नौ महीने पर: खसरा, पोलियो, विटामिन-ए
- 16 से 24 महीने पर: डीपीटी, पोलियो की बूस्टर टीका आदि
मुख्य बातें:
- अभियान के तहत टीकाकरण का लक्ष्य : 48 हजार बच्चे
- निजी अस्पताल में प्रति डोज की कीमत: दो से तीन सौ रुपए
-जीरो महीने से पांच वर्ष तक के बच्चों का होगा टीकाकरण
-सरकारी अस्पताल: मुफ्त
जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. रमेश चंदर : अभियान के दौरान 6 हजार 300 गर्भवति महिलएं और बच्चों को टीकाकरण कराने का लक्ष्य रखा गया है। एक सप्ताह तक चलने वाले इस अभियान में शत प्रतिशत बच्चों को टीकाकारण करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रथम चरण में 86 फीसदी बच्चों का टीकाकरण हुआ था।