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ट्रैफिक चालान की आधा जुर्माना राशि पुलिस खर्च करेगी

ट्रैफिक चालान के बदले वसूले जाने वाली जुर्माना राशि में से 50 प्रतिशत जुर्माना राशि सड़क सुरक्षा फंड में जमा होगी। सड़क सुरक्षा फंड को खर्च करने के लिए गृह विभाग ने नियमावली जारी कर दी है। इस बारे में...

ट्रैफिक चालान की आधा जुर्माना राशि पुलिस खर्च करेगी
हिन्दुस्तान टीम,फरीदाबादMon, 31 Jul 2017 06:44 PM
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ट्रैफिक चालान के बदले वसूले जाने वाली जुर्माना राशि में से 50 प्रतिशत जुर्माना राशि सड़क सुरक्षा फंड में जमा होगी। सड़क सुरक्षा फंड को खर्च करने के लिए गृह विभाग ने नियमावली जारी कर दी है। इस बारे में पुलिस मुख्यालय से एक पत्र स्थानीय पुलिस आयुक्त कार्यालय पहुंच गया है। ट्रैफिक पुलिस की लंबे समय से मांग की थी कि ट्रैफिक चालान के जुर्माने में से कुछ धन राशि ट्रैफिक सुधार पर खर्च होनी चाहिए। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दो वर्ष पूर्व ट्रैफिक चालान से आने वाली जुर्माना राशि में से 50 प्रतिशत राशि ट्रैफिक सुधार पर खर्च करने की घोषणा की थी। घोषणा के बाद पुलिस को इसकी मंजूरी का इंतजार था। अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह विभाग ने ट्रैफिक चालान की जुर्माना राशि से बने सड़क सुरक्षा फंड को खर्च करने की नियमावली डीजीपी हरियाणा को भेज दी थी। डीजीपी कार्यालय से हाल ही में स्थानीय पुलिस को प्राप्त हो गई है। पुलिस अब शहर में ट्रैफिक सुधार के लिए प्रस्ताव तैयार करने में जुटी हुई है। कहां-कहां खर्च कर सकते हैं सड़क सुरक्षा फंड: -ट्रैफिक नियमों के बारे में जागरूकता फैलाने और छात्रों के लिए जागरूकता अभियान चलाने के लिए रेली, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, चित्रकला प्रतियोगिता आदि करवा सकते हैं। - सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए समाचार पत्र और टीवी के लिए विज्ञापन जारी कर सकते हैं। इसके अलावा होर्डिंग और इश्तहार भी बांटे जा सकते हैं। -सड़क सुरक्षा के लिए अनुसंधान और प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जा सकती है। -ट्रैफिक व्यवस्था बनाने और नियमों को सख्ती से लागू करने के लिए तकनीक पर भी खर्च किया जा सकता है। -ट्रैफिक चालान में तकनीकी मदद के लिए राडार गन, इंटरसेप्टर, एल्को सेंसर, क्रेन, सर्विलांस कैमरा और इससे संबंधित सामान खरीदा जा सकता है। -पुलिसकर्मियों के लिए हेलमेट, जैकेट, बेल्ट, प्रदूषण से बचाने के लिए मास्क और ट्रैफिक लाइट बार खरीदे जा सकते हैं। -ट्रैफिक संचालन के लिए बेरिकेड, कोन और अन्य सामान की खरीदारी भी संभव है। -सड़क हादसा होने पर एंबुलेंस की व्यवस्था करने और क्षतिग्रस्त वाहनों को दुर्घटनास्थल से खींचकर लाने पर भी सड़क सुरक्षा फंड से धनराशि खर्च की जा सकती है। इम्पाउंड कमेटी ऑन रोड सेफ्टी लेगी अंतिम निर्णय: सड़क सुरक्षा फंड प्रदेश स्तर और जिला स्तर पर खर्च हो सकेगा। खर्च करने की मंजूरी देने की शक्ति अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह विभाग के पास होगी। अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति में एडीजीपी कानून एवं व्यवस्था, एडीजीपी आधुनिकरण, परिवहन विभाग से एक प्रतिनिधि, एक प्रतिनिधि वित्त विभाग से और आईजी आधुनिकरण सदस्य होंगे।

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