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अस्पताल में एंटी रेबिज इंजेक्शन खत्म होने से मरीज बेहाल

बल्लभगढ़ के सरकारी अस्पताल में एंटी रेबिज इंजेक्शन नहीं, मरीज हुए बेहाल बल्लभगढ़ के सरकारी अस्पताल में एंटी रेबिज इंजेक्शन नहीं, मरीज हुए बेहाल ...

अस्पताल में एंटी रेबिज इंजेक्शन खत्म होने से मरीज बेहाल
हिन्दुस्तान टीम,फरीदाबादSat, 09 Jan 2021 11:00 PM
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बल्लभगढ़ के सरकारी अस्पताल में पिछले 21 दिनों से कुत्ते काटे का इंजेक्शन (एंटी रेबिज) नहीं है। इस कारण मरीजों को निजी मेडिकल स्टोर से इंजेक्शन खरीदकर लगवाना पड़ रहा है। जिसके लिए उन्हें अच्छे खासे पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। शाखा में प्रत्येक माह करीब 700-800 इंजेक्शन की खपत है।

बल्लभगढ़ के सरकारी अस्पताल को अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान व हरियाणा का स्वास्थ्य विभाग चलाता है। शाखा में ओपीडी को एम्स व एमरजेंसी को हरियाणा का स्वास्थ्य विभाग चलाता है। शाखा में कुत्ते काटे का इंजेक्शन (एंटी रेबिज) हरियाणा का स्वास्थ्य विभाग मंगाकर मरीजों को मुहैया कराता है। जिसके लिए मरीज से एक बार में 100 रुपये लिए जाते हैं। प्रत्येक दिन अस्पताल में करीब 20-25 मरीज कुत्ते कॉटे के पहुंचते हैं। इस तरह प्रत्येक माह करीब 700-800 इंजेक्शन मरीजों को लगाए जाते हैं। पिछले 21 दिनों से इंजेक्शन नहीं होने से मरीजों को खासी परेशानी हो रही है। इंजेक्शन नहीं होने से मरीज को निजी स्टोर से इंजेक्शन तीन गुणा रेटों में खरीदना पड़ रहा है। सरकार की ओर से इंजेक्शन की कीमत 100 रुपये प्रत्येक इंजेक्शन जो कि चार लगाए जाते हैं। निजी स्टोर पर वहीं इंजेक्शन 300 रुपये तक प्रत्येक इंजेक्शन मिलता है, वह भी चार लगाए जाते हैं।

निगम प्रशासन गलियों ने कुत्ते नहीं पकड़ रहा

शहर में कोई मोहल्ला, कॉलोनी की गली ऐसी नही हैं, जहां प्रत्येक गली में चार-पांच आवारा कुत्ते नहीं हो। इन कुत्तों को काबू करने के लिए निगम प्रशासन के पास कोई इंतजाम नहीं है। इन कुत्तों के काटने के बाद पीड़ित को चार एंटी रेबिज इंजेक्शन अवश्य ही लगवाने पड़ते हैं। कुत्तों को पशु विभाग या नगर निगम की ओर से किसी प्रकार का इंजेक्शन नहीं लगवाया जाता है। यह कुत्ते उस समय व्यक्ति को काटते हैं जब कोई वाहन चालक उनके सामने से गुजरता है। शहरवासियों की शिकायत है कि इन कुत्तों पर अंकुश लगाने के लिए कई बार निगम प्रशासन से गुहार लगाई जा चुकी है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

हमारे पास कुत्तों को काबू करने का कोई इंतजाम नहीं है। कॉलोनियों की गलियों में घूमने वाले इन कुत्तों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पीएमए की एक एनजीओ व पशुपालन विभाग करता है। उनके पास शिकायत आती है तो वह एनजीओ के पास भेज देते हैं।

- बृजमोहन शर्मा, एसएसआई, फरीदाबाद नगर निगम

एंटी रेबिज इंजेक्शन के लिए मांग की गई है।19 दिसंबर 2020 से स्टॉक में नहीं है, उम्मीद हैं जल्द ही इंजेक्शन आ जाएंगे। इतना जरूर है कि 20-25 मरीज प्रतिदिन अस्पताल में आ रहे हैं। जिन्हें इंजेक्शन नहीं होने से परेशानी हो रही है।

- डॉ.टी.सी.गिडवाल, एसएमओ

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