आर्मी के लेफ्टीनेंट कर्नल से ऑन लाइन 1.41 लाख रुपये की ठगी
फरीदाबाद। साइबर ठगों ने सेना अस्पताल अनुसंधान रेफरल में तैनात लेफ्टीनेंट कर्नल डॉक्टर एवं...
फरीदाबाद। साइबर ठगों ने सेना अस्पताल अनुसंधान रेफरल में तैनात लेफ्टीनेंट कर्नल डॉक्टर एवं न्यूरोएनेस्थिसियोलॉजी विशेषज्ञ से फ्लैट किराए पर लेने के नाम पर 1.41 लाख रुपये ठग लिए। ठगों ने बड़ी चालाकी से इस वारदात को अंजाम दिया। देश की सेवा में जुटे आर्मी मेडिकल अफसर पर अपना रूतबा जमाने के लिए साइबर ठगों ने खुद को बीएसएफ का पर्सनल अधिकारी बताते हुए उन्हें अग्रिम राशि भेजने के लिए उनके व्हाट्सएप पर क्यू आर कोड स्कैन करवा लिया। इसके बाद ठगों ने उनके बैंक खाते से पैसे ट्रांसफर कर लिए। ठगी का आभाष होने पर लेफ्टिनेंट कर्नल क्लासीफाइड स्पेशलिस्ट (न्यूरोएनेस्थिसियोलॉजी) ने इसकी शिकायत पुलिस आयुक्त से की। साइबर सैल ने मामला दर्ज कर साइबर ठगों की जांच शुरू कर दी है।
सेक्टर-30-33 इंद्रप्रस्थ कॉलोनी निवासी डॉ. रत्नेश कुमार शुक्ला लेफ्टिनेंट कर्नल क्लासीफाइड स्पेशलिस्ट (न्यूरोएनेस्थिसियोलॉजी) नई दिल्ली के सेना अस्पताल अनुसंधान रेफरल में डॉक्टर और विशेषज्ञ के रूप में तैनात होकर देश सेवा कर रहे हैं। उनके पास ग्रेटर नोएडा के गुरजिंदर विहार में उनकी लेफ्टिनेंट कर्नल पत्नी (डॉ) विप्रा के नाम पर एक फ्लैट है। उन्होंने फ्लैट किराए पर देने के लिए ''मैजिक ब्रिक'' पर विज्ञापन निकलवाया। 4 जून को रवि नामक साइबर ठग ने फोन कर अपने को बीएसएफ में पर्सनल अफसर बताते हुए हैदराबाद में तैनाती बताई। उन्होंने फ्लैट किराए पर लेने की इच्छा जताई। अपना विश्वास जमाने के लिए ठग ने बीएसएफ आईडी कार्ड, आधार कार्ड पैन कार्ड, वोटर आईडी की तस्वीरें भी आर्मी मेडिकल अफसर को व्हाट्सएप पर भेज दिए। फ्लैट के किराए की अग्रिम भुगतान 17 हजार रुपये जमा कराने के लिए रवि नामक साइबर ठग ने इसके लिए उनका पेटीएम नंबर पूछा। इसके कुछ ही मिनटों बाद इंस्पेक्टर जोरा सिंह के रूप में एक अन्य व्यक्ति ने उनसे बात की तथा अपने को बीएसएफ बटालियन का कोषाध्यक्ष बताते हुए कहा कि वह उन्हें व्हाट्सएप के माध्यम से एक क्यू आर कोड भेजेंगे। 1 रुपये के लेनदेन के बाद इसे स्कैन करना होगा, ताकि वह शेष रूपये सुरक्षित भेज सकें। इसके बाद ऑन लाइन बैंक खाते से ठगी का खेल शुरू हो गया। इस दौरान जोरा सिंह ने फिर से क्यू आर कोड स्कैन किया तो यह देख चौंक गए कि उनके खाते से 5 हजार रुपये की राशि जमा होने की बजाय उल्टा काट ली गई। शक होने पर पता किया तो उनके खाते से 1 लाख 41 हजार रुपये निकाल लिए गए।
साइबर ठग ने अपनी वर्दी की कसम खाई कि उसने कुछ भी गलत नहीं किया
शक होने पर लेफ्टीनेंट कर्नल ने अपने बैंक खाते की जांच कराई तो यह देख दंग रह गए। फोन पर पूछने पर साइबर ठग रवि ने अपनी वर्दी की कसम खाते हुए कहा कि वह जवान है, उसने कुछ भी गलत नहीं किया। उनके कोषागार में एक भी राशि नहीं आई है। साइबर थाना पुलिस ने इस संबंध में मामलमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।