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माइक्रो कंटेनमेंट जोन में सैनिटाइज की व्यवस्था नहीं

माइक्रो कंटेनमेंट जोन में एक सप्ताह का लॉकडाउन लगाकर भले ही लोगों की आवाजाही...

माइक्रो कंटेनमेंट जोन में सैनिटाइज की व्यवस्था नहीं
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,फरीदाबादTue, 27 Apr 2021 11:40 PM
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माइक्रो कंटेनमेंट जोन में एक सप्ताह का लॉकडाउन लगाकर भले ही लोगों की आवाजाही पर पाबंदी लगा दी गई है, लेकिन हकीकत इससे कहीं परे हैं। कंटेनमेंट जोन में कोविड मरीजों की संख्या भी कम नहीं हो रही। बावजूद इसके जिला प्रशासन ऐसे कदम नहीं उठा रहा जिससे संक्रमण फैलने पर लगाम लग सके। विभिन्न सेक्टरों की आरडब्ल्यूए ने प्रशासन की इस अव्यवस्था पर भारी नाराजगी जताई है। उन्होंने इन जोन में सैनिटाइज कराए जाने की मांग की है, वहीं वैक्सीन की दूसरी डोज लगाए जाने की मांग की है।

कन्फेडरेशन ऑर आरडब्ल्यूए ग्रेटर फरीदाबाद के अध्यक्ष निर्मल कुलश्रेष्ठ का कहना है कि सेक्टर-75 से सेक्टर-80 ग्रेटर फरीदाबाद में कन्टेनमेंट जोन बना दिया गया है। जहां अभी तक नगर निगम की ओर से न तो सैनेटाइज की कोई व्यवस्था की गई है और न ही स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोविड पॉजिटिव मरीजों को फोन पर उनका हाल चाल जाना जा रहा है। इस बार कोरोना भारी है, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई सख्त कदम नहीं उठाए गए हैं। माइक्रो कन्टेनमेंट जोन बनाए जाने के साथ ही नगर निगम को अब तक सैनिटाइज कराए जाने की व्यवस्था शुरू करा देनी चाहिए थी, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई खास कदम नहीं उठाए गए हैं। इससे कन्टेनमेंट जोन बनाने का कोई फायदा नहीं। प्रशासन को चाहिए कि तुरंत इन इलाकों में सैनिटाइज की व्यवस्था कराई जाए।

दूसरी डोज का समय भी निकला

आरडब्ल्यूए पार्क ग्रांडूरा अध्यक्ष दीपक मलिक ने बताया कि यहां लोगों को वैक्सीजन के इंजेक्शन की पहली डोज लगाई गई। इसके बाद 26 अप्रैल तक यह वैक्सीन दोबारा लगाई जानी थी, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने इस दिशा में कोई ध्यान नहीं दिया। इससे स्थानीय लोग दूसरी वैक्सीन न लगाए जाने से भारी परेशान हैं। इस संबंध में आरडब्ल्यूए के पदाधिकारी संबंधित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से भी मिल चुके हैं, बावजूद अभी तक वैक्सीन की कोई व्यवस्था नहीं।

कोरोना पॉजिटिव की पहचान करना मुश्किल

आरडब्ल्यूए के अन्य पदाधिकारियों का कहना है कि अब कोरोना पॉजिटिव की पहचान होना बहुत मुश्किल काम है। पहले कोरोना पॉजिटिव मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोरोन्टाइज करते वक्त उसके मकान पर स्लिप लगा दी जाती थी, ताकि कोरोना पॉजिटिव की पहचान आसानी से हो सके तथा सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए कोरोना से बचाव किया जा सके। लेकिन अब स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।

कन्फेडरेशन ऑर आरडब्ल्यूए ग्रेटर फरीदाबाद के अध्यक्ष निर्मल कुलश्रेष्ठ का कहना है कि अस्पतालों में न बेड हैं और न ही ऑक्सीजन। व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। ग्रेटर फरीदाबाद के सेक्टरों में बनाए गए कन्टेनमेंट जोन में अभी तक न तो सैनिटाइज कराया गया है और न ही वैक्सीन की डोज लगाई गई है। जबकि दूसरी डोर लगाए जाने का समय भी निकल चुका है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोरोना पॉजिटिव के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए तो फोन पर जानकारी ली जा रही है और न ही मरीज को देखने के लिए उनकी कोई टीम। इस अव्यवस्था से कोरोना संक्रमण कम होने की बजाय उल्टा बढ़ रहा है।

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