निकिता हत्याकांड : अपहरण का केस खोलने के लिए अदालत से अनुमति लेगी एसआईटी
आरोपियों को सजा दिलाने में इस मामले की है अहम भूमिका, आज एसआईटी ने मृतक
आरोपियों को सजा दिलाने में इस मामले की है अहम भूमिका, आज एसआईटी ने मृतक के घर पहुंचकर परिजनों के बयान दर्ज किए
फरीदाबाद। वरिष्ठ संवाददाता
निकिता हत्याकांड की जांच के सिलसिले में पुलिस सन् 2018 में दर्ज हुए मामले को खोलने के लिए अदालत से अनुमति लेगी। अधिकारी इस मामले की नए सिरे से जांच के लिए पहले ही आदेश दे चुके हैं। सन् 2018 में दर्ज हुए मामले की आरोपियों को सजा दिलाने में अहम भूमिका रहेगी।
सन् 2018 में मुख्य आरोपी तौसीफ निकिता तोमर को शादी की नीयत से अगवा कर ले गया था। उसके खिलाफ मामला भी दर्ज हुआ था। आरोप है कि उस वक्त परिजनों पर दबाव बनाकर समझौता के लिए शपथ पत्र ले लिया गया था। यदि उस वक्त आरोपी पर कार्रवाई हो जाती तो आज यह हत्याकांड न हुआ होता। निकिता की हत्या के बाद से इस मामले को दोबारा से खोलने की मांग की जा रही है। जिसके बाद पुलिस आयुक्त ओपी सिंह ने एसआईटी को इस मामले की भी जांच के लिए आदेश दिया था। पुलिस सूत्रों का कहना है कि सोमवार को पुलिस इस मामले की दोबारा से जांच करने के लिए अनुमति लेने के मकसद से अदालत में याचिका दायर कर सकती है। अनुमति मिलते ही पुलिस इस मामले की जांच शुरू कर देगी। उधर, रविवार दोपहर को एसआईटी फिर से निकिता तोमर के घर पहुंची। यहां एसआईटी ने मृतक के परिजनों और गवाहों के बयान दर्ज किए। एसआईटी इस मामले की जांच वैज्ञानिक तरीके से कर रही है। ताकि वैज्ञानिक सबूतों की वजह से आरोपियों को अदालत से कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जा सके।