ओपीडी के पास बनेगा माइनर ऑपरेशन थिएटर
कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के कार्ड धारकों को माइनर ऑपरेशन के लिए लंबा इंतजार नहीं करना होगा। कॉलेज प्रबंधन ने सर्जरी ओपीडी के पास और आपातकाल में माइनर ऑपरेशन थिएटर बनाने का निर्णय लिया है,...
कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के कार्ड धारकों को माइनर ऑपरेशन के लिए लंबा इंतजार नहीं करना होगा। कॉलेज प्रबंधन ने सर्जरी ओपीडी के पास और आपातकाल में माइनर ऑपरेशन थिएटर बनाने का निर्णय लिया है, जिसका प्रस्ताव तैयार कर स्वीकृति के लिए निगम के उच्च अधिकारियों के पास भेज दिया गया। सबकुछ ठीक रहा तो जनवरी के अंततक शुरू कर दिया गया है। मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के ओपीडी में रोजाना 17 सौ से अधिक मरीज उपचार के लिए प्राथमिक उपचार के लिए आते है।
मेडिकल कॉलेज के सर्जरी, प्रसूति, नाक-कान और अन्य सर्जरी विभाग में रोजाना 500 से अधिक विभिन्न प्रकार के मरीज ऑपरेशन के लिए आते है। इनमें से कई रोगियों को माइनर ऑपरेशन की जरूरत होती है। इसके लिए भी उन्हें भी एक सप्ताह से 10 दिनों तक इंतजार करना पड़ता है। कॉलेज प्रबंधन ने ऑपरेशन के भार को कम करने के लिए तुरंत प्रभाव से ओपीडी में डॉक्टर कक्ष के पास ही माइनर थिएटर बनाने का निर्णय लिया है।
करीब 7 लाख कार्ड धारकों को मिलेगी सुविधा
औद्योगिक नगरी में करीब सात लाख कार्ड धारक हैं। इसके अलावा यहां गुरुग्राम, पलवल, मेवात और कई अन्य जिले से भी मरीज उपचार के लिए आते है। इससे यहां सामान्य रोग, प्रसूति, हड्डी, सर्जरी और कई अन्य विभाग में मरीजों की संख्या अत्यधिक है। इसे ध्यान में रखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने ओपीडी के पास ही माइनर ऑपरेशन थिएटर शुरू करने का निर्णय लिया है।
वर्ष 2015 में हुआ था पहला सत्र शुरू
मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में एमबीबीएस की पढ़ाई वर्ष 2015 में शुरू हुई थी। इस दौरान ओपीडी में प्राथमिक उपचार के लिए आने वाले मरीजों की संख्या 1000 थी। दो वर्षों में यह संख्या बढ़कर 1700 हो गई है।
मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के रजिस्टार डॉ. एके पांडे: मरीजों को सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कई योजनाएं शुरू की जा रही हैं। इसी क्रम में ओपीडी के पास माइनर ऑपरेशन थिएटर शुरू करने की योजना है जिससे रोगियों को ज्यादा दिन तक ऑपरेशन के लिए इंतजार नहीं करना पड़े।
इनको मिलेगा लाभ
ईएसआई कार्ड होल्डरों की संख्या : करीब सात लाख
एक कार्ड पर न्यूनतम तीन सदस्य
मेडिकल कॉलेज में तीन सौ बेड ऐसे बाटे गए है
- मेडिसिन : 72
- बाल रोग: 24
- चर्मरोग, टीबी और मनोरोग: 24
- सामान्य सर्जरी: 90
- हड्डी रोग: 30
- नेत्र व आंख : 20
ओपीडी में मरीजों की संख्या
रोजाना : 17 सौ
छूट्टी के दूसरे दिन : करीब 2000
वार्ड में भर्ती मरीज : 300
पैथोलॉजिकल जांच : 800 (खून व अन्य बीमारियों की जांच)